Heart Care : ‘द लांसेट’ में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, 2017 में मौत के सभी मामलों में से 26.6 प्रतिशत मौत हृदय रोगों के कारण हुईं, जो 1990 में दर्ज 15.2 प्रतिशत से उल्लेखनीय वृद्धि है.
एम्स, नयी दिल्ली में हृदयरोग के प्रोफेसर डॉ. संदीप सेठ ने कहा, “भारतीय आबादी के बीच हृदय रोगों की बढ़ती व्यापकता के लिये मुख्य रूप से महामारी विज्ञान संबंधी, जनसांख्यिकीय, पोषण संबंधी, पर्यावरणीय, सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक परिवर्तनों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. साथ ही, भारतीयों के लिए विशिष्ट रूप से बढ़ा हुआ अंतर्निहित जैविक जोखिम भी है ”
भारत में पोषण संबंधी बदलाव आया है, जिसमें स्वस्थ भोजन की आदत में गिरावट और प्रसंस्कृत और उच्च नमक वाले खाद्य पदार्थों में वृद्धि देखी गई है.यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. अंबुज रॉय ने कहा कि हाल के दिनों में, भारत में युवाओं में दिल के दौरे और अचानक हृदयाघात के मामले बढ़ने की चिंताजनक प्रवृत्ति देखी गई है.
उन्होंने कहा, “मैंने अपने क्लिनिक में पांच से सात साल पहले की तुलना में हृदय रोगों और दिल के दौरे वाले युवा रोगियों की संख्या में वृद्धि देखी है. यह आंशिक रूप से बेहतर निदान विधियों और चिकित्सा जागरूकता के कारण हो सकता है ”
रॉय ने हृदय रोगों के जोखिम को कम करने और हृदय के स्वास्थ्य में सुधार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “व्यक्तिगत स्तर पर, स्वस्थ आहार, अधिक शारीरिक गतिविधि और तंबाकू/शराब छोड़ने पर ध्यान देने की आवश्यकता है ”
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हृदय को स्वस्थ रखें
बीते दिनों अनेक ऐसी घटनाएं घटित हुई हैं, जब अनेक सेलिब्रिटीज की मृत्यु का कारण उनका अत्यधिक व्यायाम करना रहा है, जिसके कारण कालांतर में उनकी मौतें सडेन कार्डियक अरेस्ट या फिर अन्य हृदय रोगों के कारण हुईं.
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ऐसा हो आपका खान-पान
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हृदय के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए हमें स्वास्थ्यकर आहार ग्रहण करना चाहिए. इस संदर्भ में सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना, शाम का स्नैक्स और रात के खाने के बारे में कुछ समुचित जानकारियां लाभप्रद रहेंगी.
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सुबह का नाश्ता : इसके अंतर्गत पोहा, उपमा, दलिया, मूंग की दाल की खिचड़ी या फिर फलों और ड्राइ फ्रूट्स (जो मात्रा में मुट्ठी भर हों) का सेवन करना चाहिए.
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दोपहर का भोजन : इस दौरान मूंग, अरहर, मसूर की दाल, चावल, चपाती, हरी सब्जियां, जैसे- लौकी, तोरई, टिंडा, परवल और सलाद का सेवन करना चाहिए. साथ में गुड़ की एक डली का सेवन कर सकते हैं.
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शाम का स्नैक्स : इस दौरान मखाना, रोस्टेड नट्स या फिर भुने हुए अनाज का सेवन करना चाहिए .
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रात का खाना : सब्जियों के सूप, मूंग की दाल की खिचड़ी, इडली, डोसा, चपाती के साथ हरी सब्जियों का सेवन किया जा सकता है. खाने के अंत में गुड़ को भी ले सकते हैं.
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हार्ट अटैक के पूर्व के लक्षण
दिल का दौरा पड़ना या हार्ट अटैक एक मेडिकल इमरजेंसी है. कहते हैं कि इलाज से बेहतर है बचाव करना. हार्ट अटैक के कुछ लक्षणों के महसूस होने पर संबंधित व्यक्ति और उसके परिजनों को शीघ्र ही डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
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घबराहट महसूस करना.
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सीने में दर्द होना. यह दर्द बांहों, कंधे से लेकर कभी-कभी जबड़े में भी हो सकता है.
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सीने में जकड़न या दबाव महसूस करना.
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सांस लेने में दिक्कत.
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जी मिचलाना, पसीना आना और चक्कर आना.
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कैसे लगाएं हृदय रोगों का पता
मरीज व रोग की स्थिति के अनुसार, हृदय रोग विशेषज्ञ कई जांचें करवाते हैं. इन जांचों में प्रमुख हैं – इसीजी, चेस्ट एक्स रे, इकोकार्डियोग्राफी, टीएमटी, 24 आवर हॉल्टर टेस्ट, रक्त परीक्षण जैसे कार्डियक बायो मार्कर्स और एंजियोग्राफी आदि. याद रखें कि डॉक्टर मरीज की जांच कर और उससे बातकर जो जानकारियां हासिल करता है, उसके महत्व को कम नहीं किया जा सकता.
कब जरूरी हो जाती है एंजियोग्राफी
जब अन्य जांचों से हृदय की धमनियों में अवरोध या ब्लॉकेज का स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाता, तब एंजियोग्राफी कराने की सलाह दी जाती है. कैमरे के जरिये टीवी स्क्रीन पर मरीज की धमनियों में अवरोध की स्थिति को देख कर डॉक्टर किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाते हैं.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.