25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Covid-19 4th Wave: भारत में नहीं आएगी कोविड-19 की कोई चौथी लहर, आईआईटी कानपुर रिसर्च का दावा

Covid-19 4th Wave: देश में चौथी कोविड -19 (Covid-19) महामारी नहीं आ सकती है. इस बात का दावा करने वाले आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने इसके पीछे दो प्रमुख कारणों का हवाला दिया है.

Covid-19 4th Wave: कोविड -19 की चौथी लहर भारत में नहीं आएगी. ऐसा कहना है भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल का जिन्होंने अपने नवीनतम शोध में दावा किया है कि देश में चौथी कोविड -19 (Covid-19) महामारी नहीं हो सकती है. दो प्रमुख कारणों का हवाला देते हुए प्रोफेसर का दावा है कि लोगों के बीच हाई नैचुरल इम्यूनिटी और कई बिल्कुल अलग नए वैरिएंट के नहीं मिलने का मतलब है कि एक बार फिर से राष्ट्रव्यापी लहर की संभावना नहीं है.

सूत्र मैथेमेटिक मॉडल के आधार पर भविष्यवाणी

संस्थान के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अग्रवाल ने पहले कोविड -19 महामारी के टेजेक्ट्री की भविष्यवाणी करने के लिए सूत्र मैथेमेटिक मॉडल (SUTRA mathematical model) तैयार किया था. शोध के अनुसार, बड़ी संख्या में लोगों ने पिछले संक्रमण से इम्यूनिटी प्राप्त कर ली है. सूत्र अध्ययन के अनुसार, भारत की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ने प्राकृतिक प्रतिरक्षा हासिल कर ली है. यह संक्रमण के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा के रूप में कार्य करता है.

संक्रमितों की वास्तविक संख्या रिपोर्ट की गई संख्या के 30 गुना से अधिक

यह भी कहा है कि आईसीएमआर (ICMR) के सर्वेक्षणों के अनुसार, यह लगातार पाया गया है कि संक्रमित लोगों की वास्तविक संख्या रिपोर्ट की गई संख्या के 30 गुना से अधिक है. इसके अलावा, दुनिया भर में 36 देशों के लिए किए गए एक व्यापक अध्ययन में, जिसमें महाद्वीपों में दुनिया की आधी से अधिक आबादी शामिल थी, यह पाया गया कि इन देशों में ओमिक्रॉन लहर की गंभीरता प्राकृतिक प्रतिरक्षा के स्तर के विपरीत आनुपातिक थी.

90 प्रतिशत से अधिक भारतीयों में है ओमिक्रॉन के खिलाफ इम्यूनिटी

कोविड -19 की चौथी लहर नहीं होने का दूसरा कारण यह है कि जीनोम अनुक्रमण (genome sequencing) ने दिल्ली-एनसीआर में भी कोई नया वैरिएंट नहीं दिखाया है. ओमिक्रॉन के वंश से संबंधित वेरिएंट, जिन्हें बीए कहा जाता है. 2, बीए. 2. 9, बीए. 2. 10, और बीए. 2. 12, का ही पता लगाया गया है. इसका मतलब यह है कि ओमिक्रॉन के खिलाफ हासिल की गई प्रतिरक्षा इसके सभी प्रकारों के खिलाफ बनी रहेगी. इसलिए, भारत में 90 प्रतिशत से अधिक लोग पहले से ही ओमिक्रॉन से प्रतिरक्षित हैं, यानी चौथी लहर होने की संभावना नहीं है.

ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट के ज्यादा फैलने की संभावना नहीं

देश में हाल ही में कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि के बारे में, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने अपने अध्ययन में कहा कि यह सभी प्रतिबंधों को हटाए जाने के कारण है. ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट थोड़े अधिक संक्रामक हैं. यह गैर-प्रतिरक्षा आबादी के बीच तेजी से फैलता है, हालांकि, वृद्धि ज्यादा होने की संभावना नहीं है.

Also Read: UP Corona News: यूपी में संक्रमित मरीजों की संख्या हुई कम, दो दिन बाद घटे मरीज
चौथी लहर तभी संभव है जब कोई नया वैरिएंट आए

हालांकि, वर्तमान स्थिति चिंता का कारण नहीं है क्योंकि चौथी लहर तभी संभव है जब कोई नया वैरिएंट हो जो नैचुरल इम्यूनिटी को महत्वपूर्ण रूप से दरकिनार कर दे. हालांकि, सावधानियां बरतने की जरूरत है. जब गंभीर बीमारी को रोकने की बात आती है तो टीकाकरण अच्छा विकल्प है. अध्ययन का अर्थ यह नहीं है कि टीकाकरण की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह बीमारी की गंभीरता से बचाता है और अत्यंत उपयोगी है.

Also Read: Corona Guidelines: बढ़ रहे कोरोना के मामले, प्रीकॉशन डोज के साथ मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग फिर जरूरी
जीरो कोविड पॉलिसी के कारण इन देशों में बढ़े कोविड-19 के मामले

अध्ययन में कहा गया है कि दक्षिण कोरिया, हांगकांग और चीन जैसे सख्त शून्य-कोविड नीति (zero-Covid policy) का पालन करने वाले देश वर्तमान में उच्च संक्रमण संख्या के साथ कठिन दौर से गुजर रहे हैं. शून्य-कोविड नीति यह सुनिश्चित करती है कि नैचुरल इम्यूनिटी का निर्माण न हो.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें