21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

COVID-19 की न जात न फितरत, कभी-कभी कई टेस्ट से भी नहीं पकड़ पाते डॉक्टर

देश में कोरोना के पांव पसारने के बाद केंद्र सरकार सकते में है. कई एहतियात कदम उठाए जा रहे हैं. कई जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया है. ऐसे में आम जनता को भी जरूरत है सर्तक रहने की, इसे गंभीरता से लेने की. रविवार को प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद देशवासियों ने जो एकजुटता दिखाई वो काबिले तारीफ थी. आज हम आपको बताने जा रहे हैं COVID​​-19 को रोकने में क्यों जरूरी है टेस्ट, क्या है टेस्ट की प्रक्रिया?

देश में कोरोना के पांव पसारने के बाद केंद्र सरकार सकते में है. कई एहतियात कदम उठाए जा रहे हैं. कई जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया है. ऐसे में आम जनता को भी जरूरत है सर्तक रहने की, इसे गंभीरता से लेने की. रविवार को प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद देशवासियों ने जो एकजुटता दिखाई वो काबिले तारीफ थी. आज हम आपको बताने जा रहे हैं COVID​​-19 को रोकने में क्यों जरूरी है टेस्ट, क्या है टेस्ट की प्रक्रिया?

क्यों जरूरी हैं कोरोना टेस्ट?

यह वायरस से तेजी से एक से दूसरे के शरीर में फैलता जा रहा है. दरअसल टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर की टीम यह पता करती हैं कि मरीज वाकई में इस वायरस से प्रभावित है या किसी अन्य संक्रमण के चपेट में हैं. जिसके बाद डॉक्टर मरीजों को उसी अनुसार देखभाल करते हैं. इस टेस्ट के बाद मरीज को आइसोलशन वार्ड में रखा जाता है, ताकि वे अन्य किसी व्यक्ति के संपर्क में आकर उन्हें भी जाने-अनजाने में हानि न पहुंचा दें.

यह दुर्भाग्य ही है कि अबतक दुनियाभर के कई देशों में COVID-19 का टेस्ट संभव नहीं है. हालांकि भारत में IIT दिल्ली के छात्रों ने इसका सफल परीक्षण कर लिया है. और खुशखबरी की बात ये भी है कि यह देशवासियों के लिए कम कीमत में ही उपलब्ध होगा.

कैसे होता हैं COVID-19 का परीक्षण?

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का कहना है कि पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) के टेस्ट की सुविधा सारे अस्पताल में नहीं है, बल्कि किसी नामी लैब में ही कराया जा सकता है. इसे पीसीआर टेस्ट भी कहा जाता है. जिसमें गले, श्वास नली के लिक्विड और मुंह की लार की सैंपल को लिया जाता हैं. इस तरह के टेस्ट आमतौर पर इन्फ्लूएंजा ए, इन्फ्लूएंजा बी और एच1 एन1 वायरस का पता लगाने के लिए किए जाते रहे हैं.

विशेषज्ञों की मानें तो गले और नाक पिछले हिस्सों में वायरस के मौजूद होने की संभावना ज्यादा होती हैं. स्वैब के जरिए इन्हीं कोशिकाओं को उठाया जाता है. और इन्हें ऐसे सॉल्यूशन में डाला जाता है जिनसे कोशिकाएं निकलती हैं.

हालांकि आपको यह जानकर बहुत दुख होगा कि ऐसे कई मामले भी सामने आए हैं, जिसमें इन टेस्टों के बावजूद मरीज, कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं ये पता नहीं लग पाता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें