covid test negative, coronavirus symptoms, lung function test, coronavirus news : कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रसार के बीच जिन मरीजों की जांच रिर्पोट निगेटिव (covid test negative) आ रही है उन्हें भी सतर्क रहने की आवश्यकता है. विशेषज्ञों की मानें तो जिनमें इस बीमारी के लक्षण (Coronavirus symptoms) दिख रहे हैं लेकिन रिर्पोट निगेटिव आ रही है. उन्हें गहराई से जांच (Coronavirus test) की आवश्यकता है. कई बार जांच रिपोर्ट के इंतजार में मरीजों के स्वास्थ्य से बड़ा खिलवाड़ होने का खतरा बढ़ जाता है.
आए दिन खबरों में आपने भी पढ़ा होगा कि कई मरीज बिना लक्षण के ही कोरोना संक्रमित (corona infection) पाए गए हैं. ठीक उसी तरह कई ऐसे मामले भी सामने आए है जिनमें लक्षण तो कोरोना वायरस के ही दिखे है लेकिन टेस्ट करने पर रिर्पोट निगेटिव आ रहा है.
ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे लक्षण वाले मरीजों की या तो कई बार कोरोना टेस्ट किया जाना चाहिए या फिर उनके फेफड़ों का सीटी स्कैन (lung function test) किया जाना चाहिए. ऐसा करने से उनके वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.
एक हिंदी वेबसाइट एयू में छपी खबर के मुताबिक चिकित्सकों का कहना है कि ऐसी स्थिति में इलाज शुरू कर देना ही सही होगा. रिपोर्ट पर निर्भर रहना मरीज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो सकता है.
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हिंदी वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के प्रोफेसर डॉक्टर नीरज गुप्ता का कहना है कि सीटी स्कैन रिर्पोट को अंतिम जांच माना जाए. अर्थात कोरोना टेस्ट के रिर्पोट पर निर्भर न रह कर सीटी स्कैन रिपोर्ट पर निर्भर रहना ज्यादा सही होगा. इससे मरीजों को सही समय पर सटीक स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएगी.
वहीं, डॉ. गुप्ता का कहना है कि अगर डॉक्टर केवल कोरोना टेस्ट पर निर्भर रहे तो बड़ी संख्या में मरीज इलाज से ही वंचित हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि कई बार मरीज में लक्षण तो कोविड-19 के दिखते हैं, लेकिन बार-बार जांच करने के बाद भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हो पाती है. ऐसी स्थिति में फेफड़ों का सीटी स्कैन ही सही परिणाम दे सकता है.
Posted By : Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.