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Dementia : क्यों बढ़ रही है डिमेंशिया की दवाओं की मांग? जानिए इसपर WHO ने क्या कहा?

Dementia : विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में 70 से 60% दिमागी कमजोरी के पीछे का सबसे बड़ा कारण है अल्जाइमर डिमेंशिया.

Dementia : विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में 70 से 60% दिमागी कमजोरी के पीछे का सबसे बड़ा कारण है अल्जाइमर डिमेंशिया. यह दिमाग के कमजोर होने का सबसे आम कारण होता है, जो वैश्विक स्तर पर दिमाग की कमजोरी की बीमारी के होने का जिम्मेदार है. डिमेंशिया एक दिमागी बीमारी होती है जो याददाश्त, सोचने समझने की क्षमता और रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित करती है. समय के साथ यह बीमारी और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है यह बुजुर्ग और बूढ़े लोगों को ज्यादा असर करती है.

Dementia : डिमेंशिया के कारण

  • 65 से ज्यादा वर्ष की आयु
  • मधुमेह
  • हाई ब्लड प्रेशर या हायपरटेंशन मोटापा और बढ़ा हुआ वजन
  • धूम्रपान
  • शराब का अधिक सेवन
  • शारीरिक गतिविधियां ना करना सामाजिक दूरी
  • तनाव और डिप्रेशन

डिमेंशिया प्रकार की मानसिक स्थिति है जो कई कारण और बीमारियों से होती है, कुछ बीमारियां समय के साथ हमारी तंत्रिका कोशिकाओं को नष्ट करने लगती हैं, जिससे मस्तिष्क को क्षति पहुंचती है. जिससे दिमाग सोचने और समझने की क्षमता खोने लगता है.

ज्यादा उम्र या बुढ़ापे के अलावा यह चीजें भी डिमेंशिया का एक कारण हो सकती है. इस बीमारी में व्यक्ति होश में रहता है लेकिन वह अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को करने में असमर्थ होने लगता है, और उसे आम चीज भी समझ में नहीं आती है. जिसके कारण मन, जज्बात, आचार- व्यवहार पर व्यक्ति का नियंत्रण नहीं रहता है.

डिमेंशिया का व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है और यह उनके आसपास के लोग, उनके सगे संबंधी, परिवार और दोस्तों, समाज पर भी पड़ता है. इस बीमारी के प्रति लोगों की जागरूकता ना होने के कारण भी इसकी रोकथाम करना मुश्किल है. अगर समय पर इसके लक्षणों को पहचान कर संभव इलाज कराया जाए और एहतियात बरतें जाएं तो काफी हद तक इस बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है.

Dementia : डिमेंशिया के लक्षण

  • बातें जल्दी भूल जाना
  • चीज खोना या फिर रख कर भूल जाने की आदत
  • चलते समय और ड्राइविंग करते समय को जाना
  • अपने लोगों और अपनी जगह के बीच होते हुए भी समझ ना पाना
  • समय का ध्यान ना रहना‌
  • निर्णय लेने में समस्या होना
  • चर्चाओं में ध्यान ना रहना और शब्दों को भूल जाना
  • रोजमर्रा की गतिविधियों को करने में कठिनाई
  • चीजों की लंबाई दिखने में परेशानी होना

Dementia : मूड और व्यवहार में बदलाव के लक्षण

  • अवसाद, गुस्सा और घबराहट महसूस होना
  • अजीब सा व्यवहार करना
  • काम और सामाजिक गतिविधियों से दूर हो जाना
  • लोगों के जज़्बातों से फर्क ना पड़ना
  • डिमेंशिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं

Dementia : बचाव के तरीके

  • शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय रहना
  • अच्छा और स्वास्थ्यप्रद आहार लेना
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहना
  • नियमित रूप से चिकित्सीय जांच करवाते रहना
  • जरूरी दिन और तारीख लिख कर रखना
  • जिस भी चीज में दिलचस्पी हो उसे करते रहना चाहिए
  • अपने दिमाग को सक्रिय रखना चाहिए
  • दोस्तों और परिवार वालों के साथ समय व्यतीत करना चाहिए
  • बाहर जाने पर अपने आईडी प्रूफ साथ लेकर जाना चाहिए
  • किसी भी तरह की समस्या होने पर अपने परिवार वालों और दोस्तों से मदद मांगनी चाहिए
  • लोगों से बात करके समस्याओं का हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए

Dementia : डिमेंशिया से जुड़े कुछ तथ्य

  • मौजूदा समय में विश्व भर में 55 मिलियन से ज्यादा लोग डिमेंशिया से ग्रसित है जिनमें से 60% लोग काम और मध्यम ए वाले देशों से हैं और हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन 10 मिलियन से ज्यादा डिमेंशिया के केसेस को रिकॉर्ड करता है.
  • डिमेंशिया कई तरह की बीमारियां आघात के कारण होता है जो मस्तिष्क को प्रभावित करती है अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार होता है जो 60 से 70% केसेस में देखा गया है
  • विश्व भर में हो रही मौतों के के कर्म में डिमेंशिया सातवें स्थान पर है और लोगों के खास करके बुजुर्ग लोगों के अपंग और दूसरे लोगों पर निर्भर होने का भी बहुत बड़ा कारण है.
  • 2019 डिमेंशिया मरीजों की देखभाल मैं वैश्विक अर्थव्यवस्था को 1.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्च हुआ था जिनमें से लगभग 50% लागत अनौपचारिक देखभाल करने वाले जैसे कि परिवार के सदस्य और दोस्त द्वारा दी गई देखभाल के कारण है जो प्रतिदिन मरीज की लगभग 5 घंटे देखभाल करते हैं.
  • महिलाएं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से डिमेंशिया से प्रभावित होती है डिमेंशिया के कारण महिलाओं को विकलांगता, कई साल तकलीफ में जीवन गुजारने और मृत्यु दर अधिक होता है लेकिन WHO के अनुसार महिलाएं डिमेंशिया से पीड़ित लोगों की देखभाल के लिए 70% घंटे भी देती हैं.

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