Janmashtami fast: जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं. जन्माष्टमी व्रत का धार्मिक महत्व तो है ही, लेकिन इसके साथ-साथ यह स्वास्थ्य के लिए भी कई तरह से लाभकारी होता है.
आइए जानते हैं जन्माष्टमी व्रत रखने के कुछ मुख्य फायदे
1. पाचन तंत्र को सुधारता है
जन्माष्टमी व्रत के दौरान लोग एक दिन के लिए फलाहार या पानी का सेवन करते हैं. इससे पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं. यह व्रत आपके पेट को साफ करने में मदद करता है, जिससे पाचन क्रिया में सुधार होता है.
2. वजन नियंत्रित करने में सहायक
व्रत रखने से शरीर में जमा अतिरिक्त वसा कम होती है. व्रत के दौरान शरीर ऊर्जा के लिए जमा वसा का उपयोग करता है, जिससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है. यह तरीका वजन घटाने के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित माना जाता है.
3. मानसिक शांति और ध्यान
जन्माष्टमी व्रत के दौरान लोग पूजा-पाठ और ध्यान में समय बिताते हैं. इससे मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है. ध्यान और प्रार्थना के समय व्यक्ति अपने मन को शांत रखता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है.
4. आत्मअनुशासन का विकास
व्रत रखने से व्यक्ति में आत्मअनुशासन का विकास होता है. खाने-पीने में संयम रखने से इच्छाशक्ति मजबूत होती है. यह अनुशासन जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव डालता है.
5. आध्यात्मिक लाभ
जन्माष्टमी व्रत का सबसे बड़ा लाभ आध्यात्मिक होता है. भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहना, उनकी कथा सुनना, और मंत्रों का जाप करना आत्मा को शुद्ध करता है. यह व्रत आत्मिक शांति और संतोष की भावना को बढ़ाता है.
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जन्माष्टमी व्रत न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी है. यह व्रत आत्मअनुशासन, पाचन तंत्र को सुधारने, और मानसिक शांति को बढ़ावा देता है. इसलिए, जन्माष्टमी पर व्रत रखना न केवल भगवान की भक्ति के लिए, बल्कि अपने स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के लिए भी फायदेमंद है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.