हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में हर अंग का योगदान होता है लेकिन कुछ ऐसे अंग होते हैं जिनको सबसे महत्वपूर्ण अंगों में गिना जाता है. किडनी ऐसा ही एक शारीरिक अंक है जो इंसान को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है. किडनी हमारे शरीर में जमा हो रहे है विषैले और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है. यह खून को साफ करने का काम करता है. इसलिए किडनी का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है. लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे कुछ गलत आदतों की वजह से हम अपनी किडनी को खराब करने की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं आइए जानते हैं कि किन आदतों के कारण हमारी किडनी खराब हो सकती है
पानी कम पीना
शरीर में अधिक मात्रा में अपशिष्ट पदार्थ के जमा होने का मतलब है किडनी पर ज्यादा दबाव बढ़ना. पानी शरीर से अपशिष्ट पदार्थ को निकालने में मददगार होता है. इसलिए पर्याप्त पानी पीने के लिए बोला जाता है अगर कम पानी पीते हैं तो किडनी पर सीधे असर पड़ता है जिससे किडनी फेलियर का डर रहता है.
पेन किलर्स का अधिक उपयोग
आपको पता है हर साल किडनी फेल्योर के 3% से 5% नए मामले पेनकिलर्स के ज्यादा उपयोग के कारण होते हैं. भारत में पेन किलर्स का उपयोग बढ़ा है . पेन किलर शरीर के ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है. किडनी की ओर जाने वाले ब्लड का फ्लो बिगाड़ देता है. इससे किडनी के सामान्य फंक्शन पर प्रभाव पड़ता है.
स्मोकिंग और शराब की लत
सिगरेट में मौजूद निकोटिन और अन्य पार्टिकुलेट कण जैसे हानिकारक पदार्थ किडनी के नाजुक टिसू को बुरी तरह नुकसान पहुंचाते हैं. निकोटिन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है जिससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है.
वही किडनी का फंक्शन शराब छानने के लिए नही है. शराब को छानने के लिए किडनी को ज्यादा मेहनत करना पड़ेगा जिससे किडनी के काम करने के तरीके में गिरावट आ सकता है.
नमक और चीनी का अधिक सेवन
अधिक नमक युक्त आहार शरीर में सोडियम के स्तर को बढ़ा सकता है . सोडियम ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है.एक रिपोर्ट के मुताबिक हाई ब्लड प्रेशर किडनी से जुड़े रोगों का दूसरा सबसे प्रमुख कारण है. वही चीनी के अधिक सेवन से खून में शर्करा की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है जो किडनी के लिए सही नही है.
मसालेदार भोजन और जंक फूड का सेवन
अगर आप चटपटा मसालेदार और फास्ट फूड खाने के शौकीन है तो आपको अपनी आदत पर नियंत्रण करना होगा. जरूरत से ज्यादा मसालेदार और फास्ट फूड खाने की वजह से शरीर में टॉक्सिक पदार्थ की मात्रा में बढ़ोतरी होगी जिससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा.
शारीरिक गतिविधि में कमी
आपको आज से वर्क आउट पर फोकस करना शुरू कर देना चाहिए. अध्ययन बताता है शारीरिक गतिविधि सुस्त होने से खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है यह स्थिति भी किडनी के लिए घातक साबित हो सकता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.