कोलकाता : कोरोना के वैक्सीन के परीक्षण के लिए पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज (NICED) को 1,000 वॉलेंटियर (स्वयंसेवक) की जरूरत है. कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए ‘कोवैक्सिन’ टीके के प्रस्तावित तीसरे चरण के परीक्षण के लिए उसे ऐसे लोगों की जरूरत है, जो शहर में 10-15 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले हों. NICED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
चिकित्सा संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि एनआईसीईडी को टीके के परीक्षण में शामिल होने में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के आवेदन भी मिलने शुरू हो गये हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने कोलकाता के 10-15 किलोमीटर की परिधि में रहने वालों को स्वयंसेवियों के तौर पर शामिल करने का निर्णय किया है. हमें ऐसे लोगों की जरूरत है, जो परीक्षण के दौरान जरूरत पड़ने पर अपने आवास से तत्काल संस्थान आ सकें.’
उन्होंने कहा कि गुरुवार तक संस्थान को राज्य के विभिन्न स्थानों पर रहने वाले लोगों के सैकड़ों आवेदन मिल चुके हैं. उन्होंने आगे कहा कि एक हजार स्वयंसेवियों की सूची दिसंबर के पहले सप्ताह तक तैयार कर ली जायेगी. इसी वक्त तीसरे चरण का परीक्षण शुरू होने की भी उम्मीद है.
Also Read: पीएम मोदी के ‘आयुष्मान भारत’ को टक्कर देगी बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की ‘स्वास्थ्य साथी’ योजना
उल्लेखनीय है कि भारत में वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक साथ कई वैक्सीन पर काम चल रहा है. कई वैक्सीन का अंतिम चरण का ट्रायल शुरू हो चुका है, तो कुछ वैक्सीन यह चरण भी पूरा कर चुका है. उसके परिणाम आने बाकी रह गये हैं. सरकारी एजेंसी से अनुमति मिलते ही कई वैक्सीन एक साथ बाजार में आ जायेंगे.
Also Read: तीन दिन बाद बंगाल में गंगा नदी से निकली एक और लॉरी, केबिन में राजमहल के एक व्यक्ति का शव मिला
Posted By : Mithilesh Jha
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.