Vitamin D Supplements : पूरे शरीर के विकास के लिए विटामिन डी बहुत आवश्यक है और यह शरीर द्वारा उत्पादित किया जाता है जब शरीर सूर्य के प्रकाश के संपर्क में होता है. हालांकि, यह भी कहा जाता है कि विटामिन डी का उपयोग खाद्य पूरक आहार के सेवन से भी होता है, लेकिन यह मात्रा काफी कम होती है.मानव शरीर में, विटामिन डी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह खनिज अवशोषण को बढ़ावा देता है, चाहे वह कैल्शियम या फॉस्फोरस हो.यह हड्डियों और दांतों को मजबूत करने, टाइप -1 मधुमेह, मल्टीपल स्केलेरोसिस और कैंसर से बचाने में भी मदद करता है.
विटामिन डी की शरीर में कमी होने पर दिल संबंधी बीमारियों सहित कई गंभीर रोगों के होने का खतरा रहता है. यही वजह है कि कई लोग विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं. कुछ लोग ऐसा डॉक्टरी सलाह पर करते हैं तो वहीं कुछ लोग बिना किसी सलाह के ही सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर देते हैं. एफएसएसआई (FSSAI) ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि विटामिन डी का ओवरडोज आपको कई बीमारियों का शिकार बना देता है. ये शरीर में जाकर टॉक्सिक की तरह काम करने लगता है
हड्डियों में दर्द : थकान और कमजोरी, हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों में कमजोरी जैसे लक्षण विटामिन डी की कमी से नजर आते हैं. वहीं जब शरीर में इसकी अधिकता होगी तो भी हड्डियों में दर्द होता है . ऐसा इसलिए होता है कि शरीर में विटामिन डी की ज्यादा मात्रा के कारण रक्त प्रवाह में ज्यादा कैल्शियम बढ़ जाता है. इससे हड्डियों में दर्द की समस्या हो सकती है.
फेफड़े में नुकसान : शरीर में ज्यादा मात्रा में विटामिन डी पहुंचने पर ये कैल्शियम और फोस्फेट के क्रिस्टल को बनाता है जो ब्लड में जमा होने लगते हैं. ये क्रिस्टल्स फेफड़ों में इकट्ठा होकर उसे डैमेज करने लगते हैं. इसके लक्षण सीने में दर्द होना, कफ और सांस लेने में परेशानी होना होता है.
विटामिन डी की अधिकता से हो सकती है उल्टी : विटामिन डी सप्लीमेंट्स या इससे भरपूर फूड्स का सेवन अधिक मात्रा में करने से आपको उल्टी, जी मिचलाना जैसी समस्याएं शुरू हो सकती है. खून में कैल्शियम के उच्च स्तर के कारण व्यक्ति को उल्टी और मतली का अनुभव होता है.
पेट दर्द, कब्ज और डायरिया से हो सकते हैं परेशान : ये तीनों ही समस्याएं पाचन संबंधी होती हैं, जो अक्सर फूड इन्टॉलरेंस या इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से जुड़ी होती हैं. ये समस्याएं हाई ब्लड कैल्शियम लेवल के कारण भी हो सकती हैं.
रक्त में कैल्शियम की अधिकता : विटामिन डी के अत्यधिक सेवन से शरीर में कैल्शियम की मात्रा में वृद्धि होती है, जिससे ऊतकों और त्वचा पर कैल्शियम का जमाव होने लगता है. यह हड्डियों को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, इसलिए रक्त में कैल्शियम की अधिक मात्रा होने से हाई ब्लड प्रेशर, हड्डियों का कमजोर होना, किडनी डैमेज, थकान, चक्कर आना आदि समस्याएं शुरू हो सकती हैं.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.