12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पीसीओएस और पीसीओडी दोनों है अलग, जानें कारण बचाव और लक्षण

पीसीएस और पीसीओडी दोनों ही महिलाओं में होने वाली बीमारी है. ये दोनों ही महिलाओं में धीरे-धीरे घर करती है. इनके नाम एक जैसे हैं जिस वजह से कई महिलाओं को इसमें कंफ्यूजन हो जाता है. बहुत सारी महिलाओं को तो यह पता ही नहीं है कि ये दोनों अलग बीमारी है और इनके लक्षण बिल्कुल अलग हैं.

Undefined
पीसीओएस और पीसीओडी दोनों है अलग, जानें कारण बचाव और लक्षण 2

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (पीसीओडी) ऐसे शब्द हैं जिनका इस्तेमाल अक्सर एक दूसरे के लिए किया जाता है, लेकिन ये दोनों काफी अलग होते हैं. ये दोनों ही अंडाशय को प्रभावित करने वाले इंडोक्राइन डिसॉर्डर हैं. इन दोनों बीमारियों के लक्षण, कारण और इससे शरीर को होने वाले नुकसान भी अलग हैं.पीसीओडी में अंडाशय पर सिस्ट शामिल होते हैं, जबकि पीसीओएस हार्मोनल और चयापचय संबंधी प्रभावों वाला एक सिंड्रोम है. इन दोनों का महिलाओं की सेहत पर अच्छा-खासा असर पड़ता है. पीसीओडी और पीसीओएस अलग-अलग शब्द हैं, पीसीओडी पीसीओएस का एक हिस्सा हो सकता है. पीसीओएस में लक्षणों का एक व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल होता है और इसका निदान अनियमित मासिक धर्म, ऊंचे एण्ड्रोजन और सिस्टिक अंडाशय के संयोजन के आधार पर किया जाता है. दूसरी ओर, पीसीओडी, विशेष रूप से अंडाशय पर सिस्ट की उपस्थिति को दर्शाता है.

पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी रोग)

पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है जब अंडाशय पर कई छोटे सिस्ट बन कर उभरने लगते हैं. ये सिस्ट अविकसित फॉलिकल्स होते हैं जो जमा हो जाते हैं. इससे अंडाशय बड़ा हो जाता है. पीसीओडी का निदान मुख्य रूप से अल्ट्रासाउंड इमेजिंग के माध्यम से किया जाता है.

पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम)

पीसीओएस एक व्यापक शब्द है जिसमें हार्मोनल प्रॉब्लम्स और इनडाइजेशन संबंधी असामान्यताएं शामिल हैं. पीसीओएस का निदान लक्षणों के संयोजन के आधार पर किया जाता है, जिसमें अनियमित मासिक धर्म, ऊंचा एण्ड्रोजन स्तर और अंडाशय पर सिस्ट की उपस्थिति शामिल है.

लक्षण

पीसीओडी

  • अनियमित मासिक चक्र.

  • कई छोटे सिस्ट के साथ बढ़े हुए अंडाशय.

  • हार्मोनल असंतुलन के कारण मुंहासे, तैलीय त्वचा और अतिरिक्त बाल उग आते हैं.

  • वजन बढ़ना.

पीसीओएस

  • अनियमित या अनुपस्थित मासिक धर्म.

  • एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) के ऊंचे स्तर के कारण मुँहासे और अतिरोमता (बालों का अत्यधिक बढ़ना) होता है.

  • इंसुलिन प्रतिरोध, अक्सर वजन बढ़ने से जुड़ा होता है.

  • अनियमित ओव्यूलेशन के कारण गर्भधारण करने में कठिनाई होना.

प्रभाव

पीसीओडी

  • अनियमित ओव्यूलेशन के कारण प्रजनन संबंधी समस्याएं.

  • अनियमित पीरियड्स के कारण एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

  • इंसुलिन का बढ़ा हुआ स्तर मधुमेह का कारण बन सकता है.

  • शारीरिक बनावट पर प्रभाव के कारण भावनात्मक प्रभाव.

पीसीओएस

  • बांझपन या गर्भधारण करने में कठिनाई.

  • टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ना.

  • बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल स्तर, संभावित रूप से हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बनता है.

  • हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण चिंता और अवसाद सहित मनोवैज्ञानिक प्रभाव.

कारण

पीसीओडी

  • जेनेटिक कारण

  • इंसुलिन प्रतिरोध.

  • हार्मोनल असंतुलन, विशेष रूप से ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) का ऊंचा स्तर.

पीसीओएस

  • आनुवंशिक कारक.

  • इंसुलिन प्रतिरोध और बढ़ा हुआ इंसुलिन स्तर.

  • हार्मोनल असंतुलन, विशेष रूप से एण्ड्रोजन का ऊंचा स्तर.

Also Read: जानें क्या होता है स्टमक फ्लू, सर्दी के मौसम में कैसे करें खुद का और दूसरों का बचाव निदान और उपचार:

पीसीओडी

पीसीओडी से निदान में अल्ट्रासाउंड इमेजिंग शामिल है. उपचार में पीरियड्स को नियमित करने के लिए हार्मोनल गर्भनिरोधक, एंटी-एंड्रोजन दवाएं और जीवनशैली में बदलाव शामिल हो सकते हैं.

पीसीओएस

अनियमित मासिक धर्म, ऊंचा एण्ड्रोजन, और सिस्टिक अंडाशय. इसके लिए जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं, जैसे कि आहार और व्यायाम, हार्मोनल गर्भनिरोधक, एंटी-एंड्रोजन दवाएं और यदि आवश्यक हो तो प्रजनन उपचार.

Also Read: पीरियड्स के दौरान रखें इसका खास ख्याल, लापरवाही से हो सकती है गंभीर बीमारियां

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें