covid 19: यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया (यूईए), ब्रिटेन की टीम ने लंबे समय तक कोविड का असर रहने से विशेष रूप से कान, नाक और गले से संबंधित लक्षणों की जांच की, जिनमें गंध पहचानने की कमी और ‘पेरोस्मिया’ (गंध को लेकर भ्रम) शामिल है. स्टडी के अनुसार, कोविड का लंबे समय तक असर रहने के कारण लगभग एक तिहाई मरीजों की गंध पहचानने की क्षमता कम हो गई और लगभग 20 प्रतिशत मरीजों में स्वाद नहीं मिलने जैसे लक्षण पाये गये.
अध्ययन के परिणाम रिसर्च मैगजीन ‘इंटरनेशनल फोरम ऑफ एलर्जी एंड राइनोलॉजी’ में प्रकाशित हुए हैं. अध्ययन में शामिल संयुक्त अरब अमीरात (यूईए) के प्रमुख रिसर्च कार्ल फिल्पोट ने कहा, लॉन्ग कोविड एक जटिल स्थिति है जो संक्रमित होने के दौरान या बाद में विकसित होती है और इसे तब इस श्रेणी में शामिल किया जाता है जब लक्षण 12 सप्ताह से अधिक समय तक जारी रहते हैं.
लक्षणों में सिरदर्द, मांसपेशियों का दर्द, थकान, स्वाद और गंध की क्षमता में कमी आना शामिल है. भ्रम, एकाग्रता का अभाव और स्मृति क्षमता पर असर पड़ने की स्थिति प्रारंभिक संक्रमण के बाद महीनों तक बनी रह सकती है.
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अध्ययन टीम ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस संक्रमण पर किये गये सर्वेक्षण के परिणामों पर गौर किया और मार्च 2022 में 3,60,000 से अधिक लोगों की जानकारी का विश्लेषण किया. अध्ययन में कहा गया है कि कुल 10,431 प्रतिभागियों की लंबे समय तक कोविड से पीड़ित के रूप में पहचान की गई और उनसे 23 व्यक्तिगत लक्षणों और उनकी रोजाना की गतिविधियों पर स्थिति के प्रभाव के बारे में पूछा गया.
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