Risk of Brain Stroke And Hemorrhage : मौसम में होने वाले बदलावों का हमारे शरीर और सेहत पर भी प्रभाव पड़ता है. सर्दियों के मौसम में संक्रमण सहित दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.कई अध्ययनों में यह बात निकलकर आई है कि ठंडे मौसम और ब्रेन स्ट्रोक और हैमरेज के बीच जो संबंध है वो चिंताजनक है. दिल्ली स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. मनीष वैश्य कहते हैं, “साइंस डायरेक्ट, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल्स और पबमेड सहित प्रतिष्ठित चिकित्सा पत्रिकाओं में प्रकाशित कई महत्वपूर्ण अध्ययनों में यह तथ्य उभरकर आया है कि सर्द मौसम मस्तिष्क में रक्तस्राव की आशंका को काफी बढ़ा देता है, इससे न केवल उन लोगों के लिए जो उच्च रक्तदाब से पीड़ित हैं बल्कि सामान्य लोगों के लिए भी खतरा बढ़ जाता है
साइंस डायरेक्ट में छपे एक विशेष मामले के विश्लेषण में, शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि बर्फबारी की तुलना में ठंडे तापमान में हैमरेजिक या रक्तस्रावी स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.इस अध्ययन में ठंडे मौसम को मस्तिष्क में रक्तस्राव का एक प्रमुख जोखिम कारक माना गया है.
डॉ. वैश्य कहते हैं, ऐसा प्रतीत होता है कि ठंड का मौसम उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है, विशेष रूप से उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए, जिससे मस्तिष्क में रक्तस्राव होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में ठंड के मौसम में बढ़े हुए जोखिम के प्रबंधन के लिए कुछ जरूरी निवारक उपाय करना अच्छा रहता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं. इसके अलावा, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल्स के एक अध्ययन में सामान्य व्यक्तियों में तापमान में गिरावट और बढ़े हुए रक्तदाब के मध्य एक चिंताजनक संबंध पर प्रकाश डाला गया.
सुश्रुत ब्रेन एंड स्पाइन, नई दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. यशपाल सिंह बुंदेला ने जोर देकर कहा, यहां तक कि सामान्य व्यक्तियों को भी ठंडे तापमान में उच्च रक्तदाब का खतरा बढ़ जाता है, जिससे मस्तिष्क में रक्तस्राव का जोखिम काफी अधिक हो जाता है. ऐसे में ठंड के मौसम के दौरान संभावित स्वास्थ्य खतरों को कम करने के लिए समय रहते कदम उठाना महत्वपूर्ण है.
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ठंड के मौसम में मस्तिष्क में रक्तस्राव से जुड़े संभावित जोखिमों को कम करने के लिए रक्तदाब के स्तर को प्रबंधित करने और अत्यधिक ठंड के खिलाफ सुरक्षात्मक उपाय अपनाने सहित समय पर निदान व उपचार महत्वपूर्ण है.
डॉ. बुंदेला ने आगे जानकारी देते हुए कहा, “इन अध्ययनों ने जन जागरूकता और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपायों की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है. जैसे-जैसे तापमान में गिरावट शुरू होती है, लोगों से निवारक कदम उठाने का आग्रह किया जाता है, विशेष रूप से उनसे जिन्हें उच्च रक्तदाब या हृदय संबंधी जोखिम हों. इसमें नियमित स्वास्थ्य जांच, रक्तदाब का स्तर सामान्य बनाए रखना और ठंडे तापमान में गर्म रहना शामिल है ”
अगर किसी व्यक्ति को ब्रेन हैमरेज हो गया हो तो उसे तुरंत ही निकटतम अस्पताल के आपातकालीन विभाग में ले जाना महत्वपूर्ण है. ब्रेन हैमरेज या मस्तिष्क में रक्त स्त्राव को अचानक गंभीर सिरदर्द, शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नता, बोलने या समझने में कठिनाई, दृष्टि गड़बड़ाना, चक्कर आना या संतुलन न बना पाना, बिना किसी स्पष्ट कारण के मतली या उल्टी होना जैसे लक्षणों से पहचाना जा सकता है. कुछ मामलों में, मरीज बेहोश हो सकता है या उसका मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है।
डॉ. वैश्य ने बताया कि “ब्रेन हेमरेज के प्रबंधन में समय अत्यंत महत्वपूर्ण है. तीव्र और उचित उपचार बहुत जरूरी है, जिसमें लक्षणों का प्रबंधन करना, ऑक्सीजन का उचित स्तर सुनिश्चित करना और जटिलताओं को रोकने के लिए रक्तदाब को नियंत्रित करना शामिल है . इसके लिए दवाईयों के साथ सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है. ब्रेन स्ट्रोक या हैमरेज से रिकवर होने के लिए लंबे समय तक देखभाल की जरूरत होती है इसके व्यापक प्रबंधन में विशेषज्ञों की एक टीम शामिल होती है.
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