लाइव अपडेट
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल
गर्भवती महिलाओं और आम लोगों को भी नंगी आंखों से ग्रहण को देखने के लिए मना किया जाता है. माना जाता है कि नंगी आंखों से ग्रहण को देखने पर आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है.
सूर्य ग्रहण का सभी 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव एवं उपाय
इस ग्रहण का समय 21 जून को सुबह 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर 02 बजकर 2 मिनट तक है. यह ग्रहण मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लग रहा है इसलिए मिथुन वालों पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा.
धनु राशि : धनु राशि से सप्तम भाव में पड़ने वाले इस ग्रहण के कारण दांपत्य जीवन में कटुता आ सकती है. जिससे मानसिक तनाव बना रहेगा.
मंत्र जाप: सूर्य ग्रहण की अवधि में - *ॐ नमः सिवाय का पाठ करना चाहिए !
मकर राशि : मकर राशि से छठे भाव में पड़ने वाला सूर्य ग्रहण मिलाजुला फल देगा. ऋण, रोग और शत्रु आपको तंग कर सकते हैं. खानपान का ध्यान रखे.
मंत्र जाप : सूर्य ग्रहण के दौरान इन राशि वालों को "गणेश शहत्रनाम" का पाठ करना चाहिए !
कुंभ राशि : कुंभ राशि से पंचम भाव में पड़ने वाला यह ग्रहण संतान संबंधी चिंता बढ़ा सकता है.
मंत्र जाप : सूर्य ग्रहण के दौरान - ॐ ब्रह्मणे दिवाकराय नमः का मंत्र करने से लाभ होगा !
मीन राशि : मीन राशि से चतुर्थभाव में पड़ने वाला यह ग्रहण आपको पारिवारिक कलह एवं मानसिक अशांति देगा.
मंत्र जाप : इन राशि वालों को सूर्य ग्रहण के दौरान - ॐ जयिने नमः का मंत्र जाप करना चाहिए. इस राशि वाले लोगों को ॐ नमः भग्वते वासुदेवय का जाप भी करना चाहिए.
कुंडली (kundli) में सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) दोष
सूर्य ग्रहण को कभी भी शुभ नहीं माना जाता. जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष होता है, उनको जीवन में अनेक प्रकार के कष्ट, दुःख भोगने को मिलते है. कुंडली में राहु और केतु के साथ सूर्य की स्थिति ग्रहण दोष का निर्माण करती है. इसके अतिरिक्त अगर सूर्य के घर में राहु-केतु ग्रह स्थित हो, तो यह भी सूर्यग्रहण दोष कहलाता है. यह दोष कुंडली की जिस भाव में बनता है उस भाव संबंधी कारकत्व को ख़राब कर देता है.
मान्यता है कि ग्रहण के समय किए गए दान तथा मंत्रजाप शीघ्र सिद्धि प्रदान करते हैं. ऐसा करने से कुंडली में मौजूद सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं.
सूर्य बलवान होने से जातक को कई लाभ
ज्योतिष विद्या के मुताबिक, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य बलवान तथा किसी भी बुरे ग्रह के प्रभाव से रहित है तो जातक को जीवन में मान-सम्मान, प्रतिष्ठा एवं बहुत कुछ प्राप्त होता है और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है. ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने व अपने जीवन को समृद्ध बनाने के लिये सूर्य ग्रहण के समय अपनी कुंडली के अनुसार ज्योतिषीय उपाय काफी लाभकारी होते है.
ग्रहण लगने के 3 महीने बाद तक पड़ सकता है प्रभाव
पंडित सुनील सिंह ने बताया कि ग्रहों के वक्री होने से सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव होंगे. ग्रहण लगने के 15 दिन पहले और 15 दिन से लेकर (कुछ राशियों को 3 महीने बाद तक) संभलकर रहने की जरूरत होती है.
क्या है चूड़ामणि ग्रहण (Chudamani Eclipse)
ज्योतिष सुनील सिंह की मानें तो ग्रहण के दौरान 6 ग्रह शनि, गुरु, शुक्र, बुध, राहु व केतु वक्री अवस्था में होंगे जो की अपने आप में एक अजब संयोग है. इस ग्रहण को रविवार में पड़ने के कारण चूड़ामणि ग्रहण कहा गया है.
ग्रहण की शुरूआत और समाप्ति का सही समय
यह सूर्य ग्रहण एक वलयकारी ग्रहण है. जो सुबह 10.20 से दोपहर 01.49 तक रहेगा. भारत में दिखने के कारण और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसमें सूतक भी लगेगा. आपको बता दें कि 20 जून को रात्री 10.17 मिनट से ही सूतक काल की शुरूआत हो जायेगी.
ज्योतिषी डाक्टर सुनील कुमार सिंह
मोबाइल नंबर : 9835176750, 7250817328
Posted By: Sumit Kumar Verma