लंदन : कोरोनावायरस दुनिया के 180 से ज्यादा देशों में तबाही मचा रहा है.वहीं, इस वायरस का अभी तक कोई तोड़ नहीं मिला है.दुनियाभर के वैज्ञानिक और मेडिकल प्रोफेशलन इस वायरस की वैक्सीन बनाने में लगें है.लेकिन एक अध्ययन में सामने आया है कि दुनियाभर में कोरोनावायरस से होने वाली मौतों में मरीज की उम्र,मरीज की पुरूष होना,पहले से शवसन या फेफड़ो से संबंधी बीमारी से ग्रस्त होना या अन्य घातक बीमारियों से ग्रस्त होना महत्वपूर्ण कारण के रूप में सामने आया है.
बीएमजे में प्रकाशित अनुसंधान के मुताबिक , कोरोनावायरस से दुनियाभर में अभी तक जितनी भी मौतें हुई है उनमे इस प्रकार के कारण सामने आए है जैसे, 50 वर्ष से ज्यादा उम्र का व्यक्ति,पुरूष होना, मोटापा होना,दिल की बीमारी होना,फेफड़ा और लीवर व किडनी से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त लोगों की कोरोनावायरस से मौत हुई है.
इस अध्ययन में लगभग 43000 हजार से ज्यादा मरीजों को शामिल किया गया था.वहीं, दूसरी ओर इस अध्ययन में ब्रिटेन के लिवरपूल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों सहित अन्य सभी ने इंग्लैंड में अस्पताल में भर्ती हुए कोरोनावायरस मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है. कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
वैज्ञानिकों ने बताया उन्होंने 6 फरवरी से 19 अप्रैल के बीच इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड के 208 अस्पतालों में भर्ती हुए कोरोनावायरस के 20133 मरीजों के आंकड़ों का अध्ययन किया.इसके बाद अध्ययन में एक बात निकल कर आई है कि अस्पताल में भर्ती होने वालों की औसत आयु 73 वर्ष थी वहीं, महिलाओं से ज्यादा पुरूषों को अस्पताल लाया गया.दूसरी ओर, उम्र के अलावा जिनकों हृदय, फेफड़े, लीवर और किडनी की बीमारी थी, उन्हें ज्यादा दिक्कत हुई.
भारत में भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि कोरोनावायरस होने वाली मृत्यु के मामलों में विश्लेषण से पता चला है कि इस वायरस से मरने वालों में 64 प्रतिशत पुरूष और 36 प्रतिशत महिलाएं है.उम्र के आधार पर बांटते हुए मंत्रालय ने बताया कि मृत्यु के 0.5 प्रतिशत मामले 15 साल से कम आयु के बच्चों के है, 2.5 प्रतिशत मामले 15 से 30 साल की वर्ष के बीच के है.11.4 प्रतिशत मामले 30 से 45 साल के बीच के, 35.1 प्रतिशत मामले 45-60 आयुवर्ग के और 50.5 प्रतिशत मामले 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के हैं.
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