प्रतिनिधि
उदाकिशुनगंज, मधेपुरा.
उदाकिशुनगंज अनुमंडल में ब्लड बैंक की मांग वर्षों से उठती आ रही हैं. ब्लड बैंक न होने से मरीजों को जिला मुख्यालय या प्राइवेट ब्लड बैंक से महंगा रक्त खरीदने को मजबूर होना पड़ता है. वही लेट लतीफी के कारण कई बार मरीजों की जान भी चली जाती है. करीब आठ साल पूर्व जब अनुमंडलीय अस्पताल का शुभारंभ हुआ था, तभी उपस्थित पदाधिकारियों ने यह आश्वासन दिया था कि जल्द ही उदाकिशुनगंज अनुमंडल में भी ब्लड बैंक की स्थापना की जायेगी. जिससे अनुमंडलीय अस्पताल सहित प्रखंड के सभी मरीजों को ब्लड के अभाव में इधर उधर भटकना न पड़े, लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है. वही स्थानीय लोगों ने कहा कि अनुमंडल का ब्लड बैंक चुनाव के वक्त जनप्रतिनिधियों का एक ठोस मुद्दा है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि समस्या को ही भूल जाते हैं.
ब्लड बैंक उदाकिशुनगंज अनुमंडल की महत्वपूर्ण मांग में सबसे प्रमुख है. छह प्रखंडों के लोग जिस अनुमंडल के चिकित्सीय व्यवस्था पर पूर्णतः आश्रित हैं. वहां ब्लड बैंक का न होना,यह ताज्जुब की बात हैं. ऐसे में कई आपातकालीन स्थितियों में ब्लड की व्यवस्था करते करते ही मरीज की जान चली जाती हैं अतः इन तमाम कारणों से उदाकिशुनगंज अनुमंडल में ब्लड बैंक का होना जरूरी हैं. लोगों की मांग हैं कि जल्द से जल्द ठंडे पड़े आश्वासन पर पुनर्विचार कर अनुमंडल में ब्लड बैंक की प्रस्ताव रखी जाय. जिससे मरीजों को हो रही परेशानियों से छुटकारा मिल सके.
– यहां लगता है रक्तदान शिविर –
कई मौके पर सामाजिक संगठनों के द्वारा रक्तदान शिविर लगाया जाता है. इस मौके पर लोगों को रक्त देने के लिए प्रेरित किया जाता है, लेकिन यहां ब्लड बैंक नहीं होने के कारण जिला अस्पताल से चिकित्सकों को बुलाया जाता है और रक्त को जिला मुख्यालय भेजना पड़ता है. अनुमंडलीय अस्पताल में ब्लड बैंक की व्यवस्था नहीं होने के कारण कई बार रक्तदान शिविर को स्थगित तक करना पड़ा है.
– एक यूनिट ब्लड के लिए 35 किलोमीटर तय करनी पड़ती है दूरी –
छह प्रखंडों का प्रतिनिधित्व करने वाले उदाकिशुनगंज अनुमंडल में ब्लड बैंक की सुविधा नहीं है. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है. ब्लड बैंक नहीं रहने के कारण खून की कमी से जूझने वाले गंभीर मरीजों को रेफर किए जाने का सिलसिला जारी है. सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी लोगों को खून की कमी के कारण आए दिन बाहर रेफर कर दिया जाता है. जिला मुख्यालय में ब्लड बैंक है जो उदाकिशुनगंज से 35 किलोमीटर दूर है इस कारण समय पर खून नहीं मिलने से कई बार मरीजों के रास्ते में ही मौत हो जाती है. साथ ही रेफर होने की स्थिति में मरीजों के परिजनों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है.
– उदाकिशुनगंज में एक आदत ब्लड बैंक की जरूरत –
स्थानीय चिकित्सकों का कहना है कि उदाकिशुनगंज के रक्तदाता जागरुक है पर यहां के जिम्मेदार लोग ब्लड बैंक के लिए सकारात्मक पहल नहीं कर रहे हैं. कई वर्षों से ब्लड बैंक स्थापना की चर्चा होती है. पर कुछ दिनों के बाद मामला शांत पड़ जाता है. उदाकिशुनगंज अनुमंडल में ब्लड बैंक की स्थापना जल्द हो. वहीं डॉक्टर पी आलम का कहना है कि उदाकिशुनगंज अनुमंडल में ब्लड बैंक होना अति आवश्यक है उदाकिशुनगंज,बिहारीगंज,ग्वालपाड़ा,चौसा,आलमनगर पुरैनी आदि के मरीजों को रक्त की जरूरत पड़ने पर भारी परेशानी होती है. अनुमंडल में दर्जनों यूनिट रक्त संग्रह होता है, लेकिन उसे सुरक्षित रखने के लिए ब्लड बैंक नहीं है.
– उदाकिशुनगंज अनुमंडल में ब्लड स्टोरेज यूनिट नहीं –
सामाजिक संस्था के संयोजक बसंत कुमार झा ने कहा कि रक्त संग्रह में उदाकिशुनगंज अनुमंडल विशिष्ट स्थान रखता है. परंतु दुर्भाग्य है कि यहां ब्लड स्टोरेज यूनिट नहीं है. अनुमंडल वासियों को समय पर रक्त नहीं मिल पाता है. जबकि प्रत्येक वर्ष अनुमंडल वासी द्वारा रक्त संग्रह कर जिला मुख्यालय भेजा जाता है. वही अनुमंडल में ब्लड बैंक नहीं रहने से मरीजों की जान पर बन जाती है. वही अधिवक्ता विनोद कुमार मेहता उर्फ विनोद आजाद ने कहा कि उदाकिशनगंज अनुमंडल में ब्लड बैंक की मांग लंबे समय से की जा रही है अभी तक ब्लड बैंक की स्थापना नहीं होना यहां के लोगों के लिए दुर्भाग्य की बात है. मरीज को ब्लड की जरूरत पड़ने पर कई घंटे बाद मुहैया हो पता है. उदाकिशुनगंज अनुमंडल में ब्लड बैंक की जल्द स्थापना हो.
-अनुमंडल वासियों के बहुप्रतीक्षित मांग है ब्लड बैंक –
ब्लड बैंक उदाकिशुनगंज अनुमंडल के लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग है. अनुमंडल के लोगों द्वारा रक्तदान के लिए आए दिन रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता रहा है. इतना ही नहीं अनुमंडल के युवाओं ने जिला मुख्यालय पहुंचकर रक्तदान देने के लिए भी आगे आते रहते हैं. ऐसे में अनुमंडलीय अस्पताल में दुर्घटना के शिकार,प्रसव के मरीज या अन्य मरीज जिनको खून की आवश्यकता होती है. चिकित्सक खून उपलब्ध नहीं होने के कारण रेफर कर देते हैं. जहां अन्य अस्पताल पहुंचने में कम से कम ढेर घंटे का समय लगता है. कई मरीज खून की कमी के कारण असमय ही काल के मुंह में चले जाते हैं. इस ओर ना ही विभाग ना ही किसी जनप्रतिनिधि का ही ध्यान जा रहा है. छह प्रखंड के हजारों लोगों के इलाज के लिये एक मात्र यही अस्पताल है. लोगों ने अविलंब ब्लड बैंक खोलने की मांग विभाग के वरीय पदाधिकारियों से की है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.