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World TB Day 2020: क्या महिलाओं में टीबी बन सकता है बांझपन का कारण ?

treatment of tb during pregnancy महिलाओं में जननांग टीबी एक बड़ी बीमारी है. इसे 'बहरूपिया’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह कई परिस्थितियों में बिना लक्षणों के साथ उत्पन्न हो जाता है. यह माइको बैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक संक्रमित जीवाणुओं के शरीर में प्रवेश होने के कारण होता है, जो कई प्रकार के कुष्ठ रोगों का कारण भी बनता है. वैसे तो यह मुख्य रूप से हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है.

डॉ प्रीति गुप्ता, कंसल्टेंट फर्टिलिटी एंड आइवीएफ, फर्स्ट स्टेप आइवीएफ क्लीनिक, नयी दिल्ली 

महिलाओं में जननांग टीबी एक बड़ी बीमारी है. इसे ‘बहरूपिया’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह कई परिस्थितियों में बिना लक्षणों के साथ उत्पन्न हो जाता है. यह माइको बैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक संक्रमित जीवाणुओं के शरीर में प्रवेश होने के कारण होता है, जो कई प्रकार के कुष्ठ रोगों का कारण भी बनता है. वैसे तो यह मुख्य रूप से हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है.

क्या है गर्भाशय टीबी

आमतौर पर तपेदिक या टीबी स्त्रियों के जननांग अंग, जैसे- अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा और योनि या श्रोणि में आसपास के लिम्फ नोड्स को प्रभावित करता है. पुरुषों में यह प्रोस्टेट ग्रंथि और टेस्टेस को प्रभावित कर सकता है और यह दोनों में किडनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग को प्रभावित कर सकता है.

यह रोग मुख्यत: महिलाओं को प्रसव अवधि के दौरान प्रभावित करता है और संयोगवश अक्सर बांझपन का कारण बन जाता है, क्योंकि बैक्टीरिया जननांग पर हमला करते हैं. इसे पेल्विक टीबी के रूप में भी जाना जाता है. आमतौर पर बांझपन के इलाज के दौरान ही इसका पता चल पाता है. फेफड़ों में संक्रमण होते ही इस रोग का पता लगाना शुरुआत में आसान है, लेकिन अगर बैक्टीरिया सीधे जननांग अंगों पर हमला करते हैं, तो बाद के स्टेज में इसका पता लगाना मुश्किल होता है.

कैसे बनता है बांझपन का कारण

टीबी से फैलोपियन ट्यूब को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचता है. प्रारंभिक अवस्था में इलाज नहीं हो, तो आगे स्थिति गंभीर हो सकती है. किसी भी प्रकार की टीबी से ग्रस्त 30% महिलाओं में जननांग टीबी विकसित हो सकती है. 5-10% में हाइड्रो सल्पिंगिटिस होता है, जिसमें पानी ट्यूब में भर जाता है. इसके परिणामस्वरूप बांझपन होता है. टीबी बैक्टीरिया मुख्य रूप से फैलोपियन ट्यूब को बंद करता है, जिससे अत्याधिक दर्द होता है. असामयिक माहवारी और बांझपन होता है. कुछ मामलों में पीरियड्स रुक सकते हैं, क्योंकि गर्भाशय की परत गहरे प्रभावित हो जाती है.

परीक्षण और उपचार : इसका समय पर उपचार हो जाये, तो गर्भधारण में समस्या नहीं आती. इसका पता लगाने के लिए कोई विशिष्ट जांच नहीं. एंडोमेट्रियल बायोप्सी और लैप्रोस्कोपी का उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि फैलोपियन ट्यूब प्रभावित है या नहीं. टीबी जांच या ब्लड टेस्ट जैसे अन्य टेस्ट टीबी का पता लगाने के लिए किये जाते हैं.

पुरुषों में टीबी

डॉ मनु गुप्ता कंसल्टेंट सर्जन (सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली) के अनुसार, पुरुषों में जननांग टीबी, एपिडिडीमिस को बंद करता है, जो टेस्टीज के बराबर में एक ऑर्गन है. इसका काम शुक्राणुओं को इकट्ठा करना है. यह शुक्राणुओं को स्थानांतरित करनेवाली ट्यूब को भी अवरूद्ध करता है. भारत में पुरुषों में बांझपन, (शुक्राणुओं का ना होना) जननांग टीबी का प्रमुख कारण है.

प्रमुख लक्षण

प्रारंभिक चरण में गर्भाशय टीबी का कोई लक्षण नहीं दिखता, लेकिन सात-आठ महीने बाद निम्न कुछ लक्षण देखे जा सकते हैं :

– योनि स्राव

– निचले पेट में गंभीर दर्द

– अनियमित मासिक

– अमेनोरिया

– भारी रक्तस्राव

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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