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पूर्व सीएम रघुवर दास का हेमंत सरकार पर निशाना, कहा- लाख कोशिश के बावजूद शिक्षकों की नहीं रोक पाये नियुक्ति

शुक्रवार को हेमंत सरकार द्वारा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाने को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा. कहा कि लाख कोशिश के बावजूद वर्तमान सरकार शिक्षकों की नियुक्ति को नहीं रोक पायी.

Jharkhand News: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा. कहा कि कड़े संघर्ष के बाद शिक्षकों की नियुक्ति हुई. उन्होंने हाई स्कूल शिक्षकों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हुआ कहा कि अगर न्यायालय का हस्तक्षेप नहीं हुआ होता, तो इन शिक्षकों की नियुक्ति संभव नहीं हो पाती.

रघुवर की हेमंत से आग्रह

पूर्व सीएम रघुवर दास ने हेमंत सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि युवाओं और नौकरियों के बीच अब कोई बाधा खड़ी न करें. उनका करियर तबाह नहीं करें. कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत की परेशानियों को वे समझते हैं. जिन नियुक्तियों को ये रघुवर सरकार का पाप कहते थे, आज उन्हीं नियुक्तियों का श्रेय लेने के लिए अखबारों में विज्ञापन छपवाना पड़ रहा है. खेलगांव में समारोह करना पड़ रहा है.

नियुक्तियां पाप नहीं, बल्कि पुण्य का कार्य है

उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री को बताना चाहते हैं कि नियुक्तियां पाप नहीं, बल्कि पुण्य का कार्य होती है. आज जब हेमंत सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आगे विवश होकर हाईस्कूल शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटना पड़ा है, तो जनता को ये जानने का हक है कि इन नियुक्तियों को रोकने के लिए हेमंत सरकार ने क्या-क्या प्रपंच किये हैं.

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हेमंत सरकार पर हमला

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हाई स्कूल के 17,786 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भाजपा सरकार ने 2016 में शुरू की थी. हजारों युवाओं को नियुक्ति पत्र उनकी सरकार दे चुकी थी. प्रक्रिया के अंतिम चरण में यह मामला न्यायालय में चला गया, जिसकी वजह से बाकी कि प्रक्रिया लंबित हो गयी. उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार ने सत्ता संभालने के बाद सबसे पहले नियुक्तियों को ठंडे बस्ते में डालने का काम किया.

लेट-लतीफी के कारण हजारों युवा हक के लिए भटक रहे

उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने उनकी सरकार में शुरू की गयी नियुक्तियों से संबंधित सभी विज्ञापनों को ही वापस लेने का आदेश दिया. उन्हीं विज्ञापनों में पंचायत सचिव और लिपिक का भी विज्ञापन था. हेमंत सरकार को पंचायत सचिव और लिपिकों को भी नियुक्ति पत्र देना पड़ेगा. हेमंत सरकार की लेट-लतीफी के कारण राज्य के हजारों युवा पिछले तीन-चार साल से अपने हक के लिए भटक रहे हैं.

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