Jharkhand News (अशोक झा, जमशेदपुर) : आर्थिक मंदी और कोरोना संकट से जूझ रही टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को विश्वकर्मा पूजा के दिन बोनस का तोहफा मिला. वहीं, कंपनी के बाई सिक्स कर्मचारियों के स्थायीकरण पर प्रबंधन और यूनियन के बीच समझौता होने से खुशी की लहर दौड़ गयी. समझौते के मुताबिक, कर्मचारियों को 10.6 प्रतिशत बोनस मिलेगा. बोनस के तौर पर कंपनी के स्थायी कर्मचारियों को अधिकतम 50,200 रुपये मिलेंगे, जबकि औसत बोनस की राशि 38,200 रुपये होगी.
सुपर एन्यूएशन के तहत आने वाले करीब 300 कर्मचारियों को 11,200 रुपये अनुदान के रूप में मिलेंगे. जबकि बाई सिक्स कर्मचारियों को 8.33 प्रतिशत बोनस मिलेगा. साथ ही 281 कर्मचारी स्थायी होंगे. जिसमें टाटा मोटर्स अस्पताल में कार्यरत 5 नर्स भी शामिल है. बोनस की राशि कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में इस माह के अंत तक भेज दी जायेगी.
टाटा मोटर्स के 5,600 स्थायी और 3700 बाई सिक्स कर्मचारियों को बोनस का लाभ मिलेगा. बोनस समझौते पर प्रबंधन की ओर से प्लांट हेड विशाल बादशाह, आईआर हेड दीपक कुमार, सीनियर जीएम मानस मिश्रा और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन की ओर से अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते, महामंत्री आरके सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष अनिल शर्मा सहित सभी पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किया.
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पिछले साल टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को 10% बोनस मिला था. कर्मचारियों को अधिकतम 46,001 रुपये और औसत बोनस 32,900 रुपये मिला था. जबकि 221 बाई सिक्स कर्मचारी स्थायी हुए थे. पिछले साल की अपेक्षा इस साल बोनस का प्रतिशत .6 प्रतिशत अधिक है, जबकि 60 बाई सिक्स कर्मचारियों का स्थायीकरण इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुआ है.
बोनस समझौता के उपरांत टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष, महामंत्री का कर्मचारियों और यूनियन नेताओं ने कंपनी गेट से लेकर यूनियन कार्यालय तक फूल माला से अभिनंदन किया. बता दें कि टाटा मोटर्स शहर की एकमात्र कंपनी है जहां बोनस के साथ- साथ बाई सिक्स कर्मचारियों का कंपनी में स्थायीकरण होते आ रहा है. उस परंपरा को दिवंगत नेता राजेंद्र सिंह के बाद तमाम नेताओं ने अब तक कायम रखा है.
इस मौके पर टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते ने कहा कि विपरीत परिस्थिति में कर्मचारियों के सहयोग से बेहतर समझौता हुआ है. पिछले साल की तुलना में बोनस का प्रतिशत और स्थायीकरण की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. यह सब कर्मचारियों की एकता और निष्ठा के कारण संभव हो सका.
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वहीं, टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने कहा कि इस कोरोना काल में जहां देश और दुनिया में लगातार नौकरियां जा रही है. प्रबंधन एक व्यक्ति को भी स्थायीकरण करने को तैयार नहीं था, लेकिन यूनियन ने प्रबंधन के समक्ष मजबूती से अपनी बातें रखी. कर्मचारियों के सहयोग, एकता से बेहतर समझौता हो पाया है.
वित्तीय वर्ष : प्रतिशत : राशि (न्यूनतम-अधिकतम) : स्थायीकरण
2015-16 : 12 : 16,200 – 33,150 : 250
2016-17 : 10 : 17,893 – 36,018 : 301
2017-18 : 12.2 : 23,231- 46,321 : 305
2018-19 : 12.9 : 19,000- 49,000 : 306
2019-20 : 10 : 32,900 – 46,001 : 221
कोरोना संक्रमण के दौरान टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के लिए बाई सिक्स कर्मचारियों का स्थायीकरण कराना चुनौती से कम नहीं था. एक ओर जहां कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहां लाखों लोगों की नौकरी चली गयी. देश के तमाम सेक्टर में छंटनी का दौर चल रहा है. ऐसे हालात में 281 कर्मचारियों का स्थायीकरण कराने में यूनियन ने सफलता हासिल की. इससे पहले ऑटोमोबाइल सेक्टर साल 2019 की शुरुआत से दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजरा. साल 2020 में आर्थिक मंदी से राहत मिलने की उम्मीद थी. तब कोरोना वायरस की वजह से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर एक बार फिर से संकट के बादल घिर गये.
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टाटा मोटर्स में पिछले 5 सालों में बोनस के दौरान 1133 बाई सिक्स कंपनी के पे रोल में बहाल हुए है. इन 5 सालों में सबसे ज्यादा 2018-19 में 306 बाई सिक्स कर्मचारी टाटा मोटर्स में स्थायी हुए. उस समय भी कंपनी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था. टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते, महामंत्री आरके सिंह ने प्रबंधन के उच्च अधिकारियों से बातचीत कर 306 बाई सिक्स कर्मचारियों को स्थायी कराया. पिछले साल यूनियन ने 10 प्रतिशत बोनस के साथ 221 बाई सिक्स कर्मचारियों को स्थायी कराया.
Posted By : Samir Ranjan.