Jharkhand News (रंजन कुमार गुप्ता, जादूगोड़ा, पूर्वी सिंहभूम) : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत पोटका प्रखंड का एक पंचायत है ग्वालकाटा. इस पंचायत में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. पक्की सड़क और स्वास्थ्य व्यवस्था यहां के ग्रामीणों के लिए सपनों के समान है. बरसात में कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है, वहीं अगर ग्रामीण बीमार हो जाये, तो उन्हें इलाज के लिए 12 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है.
कहा जाता है कि किसी पंचायत की विकास उसकी पक्की सड़क और लोगों की अच्छी स्वास्थ्य से जानी जाती है. पोटका प्रखंड के ग्वालकाटा पंचायत के लोग अब तक मुख्य सड़क से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ से कोसो दूर है. इस पंचायत में कुल 12 गांव है. जिसमें 12 वार्ड है. इस पंचायत की कुल आबादी 6148 है. जबकि यहां मतदाताओं की संख्या 3600 है
इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि हर बार पंचायत चुनाव में स्वास्थ्य, पक्की सड़क एवं पेयजल की समस्या एक अहम मुद्दा बन जाता है. हर बार इन मुद्दों का समाधान करने का आश्वासन ही मिला है, लेकिन आज तक कुछ समाधान नहीं हो पाया है. ग्रामीणाें के मुताबिक, इस पंचायत क्षेत्र के मात्र 15 से 20 घरों के बाहर पानी के लिए नल लगी है.
पंचायत स्तर से सभी गांव में जलमीनार तो बनाये गये, लेकिन आज भी लोगों को पेयजल संकट से राहत नहीं मिल पायी है. साथ ही पंचायत में अब तक किसी प्रकार का स्वास्थ सुविधा उपलब्ध नहीं है. गांव में लोग बीमार होने से 12 किलोमीटर दूर पोटका स्वास्थ्य केंद्र जाने को विवश होते हैं. वहीं, पंचायत के कुछ गांव में पक्की सड़क और पुल के निर्माण नहीं होने से बरसात के दिनों में आसपास के गांवों से संपर्क टूट जाता है.
शिक्षा की बात करें, तो इस पंचायत में प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल मिलाकर कुल 15 स्कूल है, जहां बच्चों को उचित शिक्षा प्राप्त हो जाती है. पंचायत के बच्चे इन्हीं स्कूलों में जाया करते हैं. हालांकि, गांव के समीप स्कूल होने से बच्चों को आवाजाही में कोई परेशानी नहीं होती है.
ग्वालकाटा पंचायत में स्वास्थ्य को लेकर देखा जाये, तो एक भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं है और ना ही कोई निजी नर्सिंग होम है. लोग गांव से 12 किलोमीटर दूर पोटका के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर इलाज कराते हैं. वहीं, गरीब लोगों के लिए यह एक मुश्किल भरा समय होता है.
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इस पंचायत में सड़क की बात करें, तो आधे से अधिक कच्ची सड़क है. बरसात के दिनों में सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है. पक्की सड़क एवं पुल का निर्माण नहीं होने पर बरसात के दिनों में भारी बारिश से कई गांव का संपर्क एक- दूसरे से टूट जाता है.
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले पांच साल में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. आधे से अधिक समय क्षेत्र में बिजली गुल रहती है. रात में भी बिजली की आंख-मिचौली लगी रहती है.
ग्वालकाटा पंचायत का अपना पंचायत सचिवालय है. इस संबंध में मुखिया सीताराम हांसदा ने बताया कि पंचायत से प्रखंड कार्यालय लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है. कई लोग इतनी दूर नहीं जा पाते हैं. इसलिए पंचायत सचिवालय में ही लोगों की समस्या का समाधान किया जाता है.
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कई खामियों के बावजूद ग्वालकाटा पंचायत में कई विकास कार्य भी हुए हैं. इस पंचायत क्षेत्र में करीब 13 PCC सड़कें बनी हैं. वहीं, पंचायत क्षेत्र के करीब 678 लाभुकों को राशन कार्ड निर्गत किया गया है. पूरे पंचायत क्षेत्र में करीब 150 स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है.
ग्वालकाटा पंचायत के मुखिया सीताराम हांसदा के कार्यकाल में अब तक एक भी PM आवास का निर्माण नहीं हुआ है. वहीं, इस पंचायत की कई सड़कें जर्जर, जिनका निर्माण नहीं हो पाया है. आज भी काफी लाभुकों को पेंशन नहीं मिल रही है. पंचायत क्षेत्र के कई गांवों में नाला नहीं बनने से घरों का पानी सड़कों पर बहता है. बारिश के दिनों में तो सडकों पर चलना तक दूभर हो जाता है.
इस संबंध में ग्वालकाटा पंचायत के मुखिया सीताराम हांसदा ने कहा कि पांच साल के कार्यकाल में क्षेत्र में कई विकास के कार्य हुए हैं. इसमें PCC सड़क, जलमीनार, स्ट्रीट लाइट, पेंशन, राशन कार्ड आदि मुख्य है.
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वहीं, सुखराम मुंडा ने मुखिया सीताराम हांसदा की बातों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि ग्वालकाटा पंचायत में आज भी विकास के काम नजर नहीं आते हैं. इन पांच सालों में गांव तक जानेवाली कई सड़कें जर्जर है. गांव में कई स्ट्रीट लाइट खराब है. साथ ही कई जलमीनार जर्जर स्थिति में हैं.
Posted By : Samir Ranjan.