झारखंड सरकार के साथ मिलकर टाटा स्टील और जिला प्रशासन वर्ष 2024 तक परिवहन व्यवस्था को बदलने के मिशन पर काम कर रहा है. इसके तहत पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त किया जाना है और दोपहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों की संख्या को सड़कों पर कम किया जाना है ताकि प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके.
15वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक नगर निकायों ने बीआइटी मेसरा के साथ एमओयू किया था. इसके तहत वर्ष 2022 में वैसे कारकों की तलाश की गयी जिसके कारण यहां प्रदूषण ज्यादा फैलता है. इनमें वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण को प्रमुख कारक माना गया था. यह भी पाया गया कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन सड़कों पर ज्यादा पाये गये. बसों और ऑटो के अलावा परिवहन की अन्य जनसुविधाएं कम है. इस कारण लोग निजी गाड़ियों और तीनपहिया वाहनों का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. प्रदूषण को कम करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त करने पर जोर दिया है.
मिशन के तहत शहर में बस सेवाओं को और बेहतर किया जायेगा. वर्तमान में कई ऐसे एरिया हैं, जहां पूर्व में बस सेवाएं थीं, लेकिन अभी बसें नहीं चलती हैं. उन क्षेत्रों में बस सेवाएं बेहतर की जायेंगी. लो फ्लोर सीएनजी व एसी बस सर्विस जमशेदपुर, मानगो और जुगसलाई के नगर निकायों के माध्यम से संचालित करने का लक्ष्य है. इसके लिए 250 बसों की जरूरत होगी.
वर्ष 2024 तक लंबी दूरी की बसों का स्टैंड मानगो डिमना चौक के पास कर दिया जायेगा. यहां मॉडल बस स्टैंड बनेगा. इससे शहर में बड़ी गाड़ियों की इंट्री काफी हद तक कम हो जायेगी.
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राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने बताया कि जमशेदपुर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त किया जायेगा. राज्य सरकार, जिला प्रशासन के साथ टाटा के साथ मिलकर इसकी कार्य योजना बनायी जा रही है. खरीददारी को लेकर सब्सिडी दिया जाना है या नहीं, इस पर अभी विचार कर रहे हैं.
योजना के मुताबिक डीजल ऑटो को बंद कर सीएनजी में कन्वर्ट करना है. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों को भी परमिट दी जायेगी. ऑटो चालकों को इसके लिए कुछ सब्सिडी दी जा सकती है या नहीं, इस पर विचार चल रहा है. ऑटो चालकों को दो बार अल्टीमेटम दिया जा चुका है, लेकिन अब तक डीजल ऑटो को बदला नहीं जा सका है. 2024 तक सभी डीजल ऑटो कन्वर्ट हो जायेंगे. साकची और मानगो के पास दो अलग-अलग स्टैंड को भी मंजूरी दे दी गयी है.