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मैनेज के लिए पुलिस को देते थे पैसे, साइबर अपराधियों का खुलासा, कहा- छापेमारी से पहले ही मिल जाती थी जानकारी

जामताड़ा थाना और करमाटांड़ थाना क्षेत्र के गांवों खूब होता है साइबर क्राइम. इनके बचाव के लिए करमाटांड़ थाना क्षेत्र के बिराजपुर गांव का मेहरूद्दीन अंसारी पुलिस से लाइजनिंग करता है. मेहरुद्दीन जामताड़ा और करमाटांड़ थाना के प्रभारियों, पदाधिकारियों व कर्मियों को पैसे देकर उन्हें मैनेज करता है.

प्रणव, रांची : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुछ दिनों पहले जामताड़ा के एक और देवघर जिले के दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था. इनमें गुलाम अंसारी (बिराजपुर, करमाटांड़, जामताड़ा), अल्ताफ अंसारी (सारठ, देवघर) और रफीक आलम (पालोजोरी, देवघर) शामिल हैं. पुलिस की पूछताछ में जामताड़ा के साइबर अपराधी गुलाम अंसारी ने सनसनीखेज खुलासा किया है.

उसने पुलिस को बताया है कि जामताड़ा जिला में जामताड़ा थाना और करमाटांड़ थाना क्षेत्र के गांवों के कई लड़के साइबर क्राइम करते हैं. इनके बचाव के लिए करमाटांड़ थाना क्षेत्र के बिराजपुर गांव का मेहरूद्दीन अंसारी पुलिस से लाइजनिंग करता है. इसका जामताड़ा और करमाटांड़ थाना की पुलिस से अच्छा संपर्क है. मेहरुद्दीन जामताड़ा और करमाटांड़ थाना के प्रभारियों, पदाधिकारियों व कर्मियों को पैसे देकर उन्हें मैनेज करता है.

  • करमाटांड़ का मेहरूद्दीन अंसारी, तौहमीन अंसारी और हबीब अंसारी पुलिस के लिए करता है वसूली

  • साइबर अपराधियों के खुलासे के बाद साइबर अपराधी और पुलिस गठजोड़ की जांच में जुटी झारखंड पुलिस

मेहरुद्दीन की पुलिस से ऐसी सांठगाठ है कि पुलिस जब भी साइबर अपराधियों के गांवों में छापेमारी के लिए जाती है, तो इसकी जानकारी उसे पहले हो जाती है. इस वजह से मेहरुद्दीन गांव के साइबर अपराधियों को पुलिस के आने की सूचना देकर पहले सतर्क कर देता है. गुलाम अंसारी ने पुलिस को यह भी बताया कि जामताड़ा थाना की पुलिस ने इस वर्ष मई और जून में दो बार नोटिस भेजा था. पुलिस के नाम पर उसने छह माह में मेहरुद्दीन अंसारी को एक लाख रुपये दिये थे.

गुलाम ने पुलिस अधिकारियों को यह भी जानकारी दी कि मेहरुद्दीन की तरह जामताड़ा के करमाटांड़ थाना इलाके के केंदुआडीह गांव का तौहमीन अंसारी और हबीब भी साइबर अपराधियों से पुलिस के नाम पर वसूली करता है. जामताड़ा का पड़ोसी जिला देवघर भी साइबर अपराधियों के दूसरे गढ़ के तौर पर सामने आया है. इस वर्ष जनवरी से मई तक राज्य में कुल 492 साइबर अपराधी गिरफ्तार किये जा चुके हैं. इनमें देवघर के 291, जामताड़ा के 93 और गिरिडीह के 34 साइबर अपराधी शामिल हैं.

सुनसान जगह पर बैठ कर करते हैं लोगों से ठगी का धंधा : साइबर अपराधियों ने दिल्ली पुलिस काे यह भी जानकारी दी है कि आमतौर पर लोग समझते हैं कि साइबर अपराधी घर में बैठ कर अपराध को अंजाम देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. वे लोग अपने गांव के आसपास के सुनसान इलाके का चुनाव साइबर अपराध के लिए करते हैं. खासकर वैसा इलाका जहां बांस या कुछ और चीजों का पेड़-पौधा होता है.

Posted by: Pritish Sahay

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