रांची : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जिंदगी की जंग जीतने के लिए झारखंड लॉकडाउन (Lockdown) है. सुरक्षित रहने को लेकर लोग घरों में रह रहे हैं. पुलिस प्रशासन लॉकडाउन सुनिश्चित कराने को लेकर सख्त है. इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग इसका उल्लंघन कर रहे हैं. घृणा व अफवाह फैलाने, बेवजह सड़कों पर घूमने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. राज्य में करीब दो हजार लोगों की गिरफ्तारी की गयी है.
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विश्व के 200 से अधिक देशों में कोरोना से कोहराम मचा है. हर तरफ जिंदगी की जंग जीतने को लेकर जद्दोजहद जारी है. भारत में भी कोरोना को मात देने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. संकट की इस घड़ी में कई कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट भी रहे हैं. झारखंड में कुल 45 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में तीन की मौत के साथ चार मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. पुलिस प्रशासन की सख्ती के बावजूद लोग लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया जा रहा है.
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कोरोना महामारी के इस दौर में समाज के कई चेहरे दिख रहे हैं. एक तरफ लोग सामाजिक दायित्व के तहत गरीब, असहाय, दिव्यांग और बुजुर्गों को राहत सामग्री देकर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि कोई भूखा नहीं रहे. हर किसी को दो वक्त का भोजन मिल सके. लॉकडाउन के कारण कामकाज बंद होने और घरों में रहने के कारण दिहाड़ी मजदूरों को परेशनी न हो, इसका ख्याल रखा जा रहा है, वहीं कुछ लोग लॉकडाउन को धत्ता बता रहे हैं. यही वजह है कि पुलिस ने भी सख्ती दिखाते हुए उनसे निपट रही है. राज्य के सभी 24 जिलों में एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जा रही है.
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झारखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के दौरान लॉकडाउन तोड़ने के खिलाफ रांची में सर्वाधिक 169 एफआईआर दर्ज की गयी है. इसके तहत 449 को प्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है, जबकि 131 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये आंकड़े 20 अप्रैल 2020 तक के हैं. झारखंड के सभी 24 जिलों में इस संदर्भ में 953 एफआईआर दर्ज की गयी है. इसके तहत 4,101 को आरोपी बनाया गया है. इतना ही नहीं, पुलिस से 1,979 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है.