Jharkhand Weather Update News: पश्चिमी विक्षोभ के कारण आकाश में बादल छाये हुए हैं. रविवार से बादल छंट जाने के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट आयेगी. तापमान में गिरावट आने से जहां ठंड बढ़ेगी, वहीं कनकनी भी बढ़ने की संभावना है. एक बार फिर से ठंड बढ़ने से बच्चों समेत बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देना होगा.
अगले दो-दिनों तक आकाश में छाये रहेंगे बादल
मौसम केंद्र ने पूर्वानुमान किया है कि रविवार को राजधानी का न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है. शनिवार को राजधानी का न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेसि से अधिक रहा. रविवार को यह 10 डिग्री सेसि से नीचे जा सकता है. अधिकतम तापमान में कुछ वृद्धि हो सकती है. पूरे राज्य में पश्चिमी विक्षोभ का असर है. इस कारण सभी जिलों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेसि से ऊपर है. मौसम केंद्र के अनुसार, 17 जनवरी से आकाश में फिर बादल छायेंगे. इस कारण न्यूनतम तापमान फिर चढ़ेगा. यह स्थिति अगले दो-तीन दिनों तक रह सकती है.
तापमान गिरने से आज से बढ़ेगी कनकनी
धनबाद में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलेगा. तापमान में गिरावट होने वाली है. रविवार से कनकनी बढ़ जायेगी. शनिवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री व न्यूनतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया. रविवार को तापमान में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की जाएगी. अधिकतम तापमान 26 डिग्री व न्यूनतम तापमान 10 डिग्री रह सकता है. आने वाले दिनों में शीतलहर की आशंका जतायी जा रही है. मौसम विभाग की मानें, तो तापमान में गिरावट होने के साथ ही कोहरा का असर भी दिखेगा.
जमशेदपुर में जनवरी के दूसरे सप्ताह में ही पारा 30 डिग्री के पार
शनिवार को मौसम ने फरवरी और मार्च महीने की गर्मी का अहसास करा दिया. दोपहर में अधिकतम तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. यह सामान्य से चार डिग्री अधिक था. न्यूनतम तापमान में भी शनिवार को बढ़कर 13.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा. मौसम विभाग के अनुसार इस सप्ताह न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस या इससे ऊपर तक पहुंचने का पूर्वानुमान है. शनिवार को हवा में आर्द्रता की अधिकतम मात्रा 82 प्रतिशत, जबकि न्यूनतम मात्रा 50 प्रतिशत रही.
गर्मियों की तुलना में सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ जाते हैं : डॉ विनीत महाजन
इस संबंध में रिम्स के प्रोफेसर एंड हेड कार्डियोथोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी डॉ विनीत महाजन ने कहा कि गर्मियों की तुलना में सर्दियों के मौसम में दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ जाते हैं. सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने के ज्यादातर मामले देर रात या सुबह के समय होते हैं. अत्यधिक ठंड की स्थिति में हृदय की धमनियों (कोरोनरी आर्टरी) में अवरोध (अकल्ट ब्लॉकेज) होने की स्थिति सबसे ज्यादा होती है. अत्यधिक ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की ब्लड वैसेल्स सिकुड़ती हैं. इससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉट) बनने की आशंका अधिक हो जाती है.