रांची : झारखंड में अबतक 82 कोरोना पॉजिटिव केस मिल चुके हैं. केस के अध्ययन को देखें, तो राज्य में युवा सबसे अधिक संक्रमित हो रहे हैं. झारखंड सरकार के कोविड-19 बुलेटिन के अनुसार इस समय कुल 82 केस आ चुके हैं.
इनमें 11 से 30 वर्ष आयु वर्ग के 34 लोग संक्रमित मिले हैं. इनमें 11 महिला हैं. वहीं 31 से 50 आयु वर्ग के 30 लोग हैं. इनमें छह महिला है. 51 से 70 आयु वर्ग के नौ हैं, जिसमें तीन महिला हैं. 70 वर्ष से अधिक के तीन केस मिल चुके हैं. वहीं 10 वर्ष से कम आयु वर्ग के छह बच्चे मिल चुके हैं. जिसमें तीन बच्ची है. वहीं कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने वालों में 11 से 30 आयु वर्ग के छह लोग, 31 से 50 आयु वर्ग के दो, 51 से 70 आयु वर्ग के तीन और 10 वर्ष से कम आयु वर्ग के एक लोग ठीक हो चुके हैं.
तीन लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें 51 से 70 आयु वर्ग के दो व 70 वर्ष से अधिक के एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.
10433 लोग क्वारेंटाइन में : राज्य में इस समय 10443 को क्वारेंटाइन में रखा गया है. वहीं 82597 लोगों को होम क्वारेंटाइन में भेजा गया है. बाहर से आने वाले 3742 को सर्विलांस में रखा गया है. इनमें 2148 ने अपने 28 दिन के सर्विलांस अवधि को पूरा कर लिया है.
1552 सैंपल लंबित : 26 अप्रैल को राज्य के चार जांच केंद्रों में कुल 717 सैंपल आये हैं, जिसमें 650 की जांच की गयी. इनमें 15 पॉजिटिव पाये गये हैं और 635 निगेटिव 67 सैंपल की जांच नहीं हो सकी है. राज्य में अबतक 9358 सैंपल लिये जा चुके हैं, जिसमें 7806 की जांच हो चुकी है. 1552 सैंपल अब भी जांच होना बाकी है. इनमें कुल 82 पॉजिटिव मिल चुके हैं और 7724 निगेटिव मिले हैं.
अभी-अभी खबर आयी है कि बढ़ते मामलों को देखते हुए सीआरपीएफ को झारखंड की कमान सौंप दी गयी है. डीआईजी एमवी राव ने इसकी जानकारी दी है.
गौतलब है कि राजधानी के शहरी इलाके में लगातार हो रही लापरवाहियों का नतीजा है कि अब शहर के हर कोने तक कोरोना पहुंच चुका है. जहां कई जगहों पर लोग संयम नहीं बरत सके, वहीं कई स्तरों पर लापरवाही से कोरोना का जाल फैलता ही चला गया.
रविवार को राज्य में कुल 16 संक्रमित मिले, जिनमें 13 रांची के दो गढ़वा जिले के और एक जामताड़ा का शामिल है. हालांकि अब तक जामताड़ा के उपायुक्त व स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है. वहीं 15 पॉजिटिव मरीज पाये जाने की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने की है. रांची में मिले संक्रमितों में रांची सदर अस्पताल की चार नर्स और एक महिला गार्ड शामिल है. इनमें से एक नर्स लोवाडीह में, दूसरी चुटिया के रामनगर में, तीसरी कांटाटोली के नेताजी नगर में और चौथी हरमू के इमली चौक में रहती है. वहीं, महिला गार्ड चुटिया के आनंदपुर में रहती है.
उक्त नर्सों ने जिस महिला का प्रसव कराया था, वह पॉजिटिव निकली थी. उधर, गुरुनानक स्कूल परिसर में बने प्रशासन के कैंप कार्यालय में गाड़ी चलानेवाला ड्राइवर भी संक्रमित मिला है, जो पिस्का मोड़ की बांसटोली में रहता है. कैंप कार्यालय में ही काम करनेवाला मजदूर भी संक्रमित मिला है. हिंदपीढ़ी से छह संक्रमित मिले हैं. इनमें मोती मस्जिद के दो, लेक रोड का एक, नाला रोड का एक व सेंट्रल स्ट्रीट के दो लोग शामिल हैं. वहीं, गढ़वा से भी दो संक्रमित बच्चे मिले हैं, जो यहां पूर्व में मिले युवक के रिश्तेदार बताये जा रहे हैं. गढ़वा में मिले दो नये पॉजिटिव पहले से कोरोना प्रभावित पठान टोली निवासी युवक के रिश्तेदार हैं. दोनों क्रमशः 10 और 12 साल के बच्चे हैं.
इसके बाद गढ़वा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर तीन हो गयी है. गौरतलब है कि गढ़वा शहर के पठान टोली निवासी 22 वर्षीय एक युवक में कोरोना पॉजिटिव का मामला पिछले 21 अप्रैल को उजागर हुआ था. वहीं, उसके परिवार के 22 सदस्यों को गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कर उनका सैंपल जांच के लिए रांची भेजा गया था. रविवार शाम परिवार के दो बच्चे के भी कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि होते ही प्रशासन की परेशानी बढ़ गयी है.
रांची 55 2 06
बोकारो 10 01 04
हजारीबाग 3 00 02
धनबाद 02 00 00
गिरिडीह 02 00 00
सिमडेगा 02 00 01
देवघर 02 00 00
गढ़वा 03 00 00
पलामू 03 00 00
कुल 82 03 13
पलामू के लेस्लीगंज प्रखंड कीजुरू पंचायत के इटहे गांव में जो तीन कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं, उनका कनेक्शन रांची के हिंदपीढ़ी से है. जानकारी के मुताबिक हिंदपीढ़ी में रह कर वे लोग फल व सब्जी बेचा करते थे. 11 अप्रैल को वे लोग रांची से अपने घर लौटे थे. जानकारी मिलने के बाद 12 अप्रैल को जुरू पंचायत भवन में बने क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती कराया गया था और जांच के लिए सैंपल रांची भेजा गया था. जिसमें शनिवार की रात तीनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है.
प्रशासन अब इन तीनों की ट्रेवल हिस्ट्री के बारे में पूरी जानकारी ले रही है, ताकि इन लोगों के संपर्क में आये लोगों को क्वारेंटाइन किया जा सके. वहीं इटहे गांव को सील कर दिया गया है.
सदर अस्पताल में रविवार को 10 से 12 महिलाआें का प्रसव कराया गया. इस कार्य में जो पांच नर्स शामिल थीं, उनका सैंपल लेने के बाद न तो उन्हें क्वारेेंटाइन किया गया और न ही उनकी जांच रिपोर्ट आने का इंतजार किया गया, उल्टे उन्हें स्वास्थ्य कार्य में लगा दिया गया.
इस बड़ी लापरवाही से सदर अस्पताल के आधा दर्जन डॉक्टर और तीन नर्सिंग स्टाफ कोरोना से संदिग्ध हो गये. वहीं, प्रसव कराने वाली महिलाएं और उनके नवजातों की जान भी सांसत में पड़ गयी है. सदर अस्पताल प्रबंधन ने डिलिवरी करानेवाली महिलाओं व बच्चों का सैंपल भी लिया है. जांच की रिपोर्ट आने के बाद यह पता चल पायेगा कि प्रसव करानेवाली महिलाएं संक्रमित हैं या नहीं. हालांकि, अस्पताल प्रबंधन का कहना है डिलिवरी कराने से पहले डॉक्टर, नर्स और गर्भवती महिलाओं को सैंपल जांच के लिए लिये भेजा गया था.
जो मजदूर रविवार को संक्रमित मिला है, वह क्वारेंटाइन में था. बावजूद इसके गुरुनानक स्कूल में बने कंट्रोल सेंटर में उससे मजदूरी करायी गयी. इस लापरवाही से वहां और कई लोगों के संक्रमित होने का खतरा सामने आ गया है. रविवार को ही गुरुनानक स्कूल कैंप कार्यालय में काम कर रहा एक ड्राइवर भी संक्रमित मिला है. मजदूर के मामले में प्रशासन ने कितनी बड़ी लापरवाही बरती है, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि वह मजदूर ओड़िशा में मजदूरी करता था. वह गया का रहनेवाला है.
लॉकडाउन के बाद उसने फोन पर रांची के चुटिया में रहनेवाले अपने कुछ साथियों से बात की. तय हुआ कि सभी साथ में ही गया चलेंगे. इसके बाद मजदूर ओड़िशा से चला. रांची पहुंचने के बाद वह अपने साथियों के पास गया. स्थानीय लोगों ने चुटिया थाना को इसकी जानकारी दी. इस पर चुटिया थाना द्वारा कुल छह लोगों को 31 मार्च को पंजाबी भवन में क्वारेंटाइन किया गया. 15 अप्रैल तक इनके क्वारेंटाइन के 14 दिन पूरे हो गये. इसी दौरान गुरुनानक स्कूल में कंट्रोल रूम बनाया गया.
चुटिया थाने के ही एक पुलिसकर्मी ने मजदूरों को प्रस्ताव दिया कि वे गुरुनानक स्कूल में बनाये गये कैंप कार्यालय में काम करें. उन्हें मजदूरी भी मिलेगी और गया जाने का पास भी उपलब्ध करा दिया जायेगा. मजदूर अपनी मजबूरी देख कर काम के लिए तैयार हो गये. वे कैंप कार्यालय में अधिकारियों के लिए चाय-पानी की व्यवस्था करते थे. साफ-सफाई का काम भी करते थे. 20 अप्रैल को टेस्ट के लिए मजदूर के स्वाब का सैंपल लिया गया. इस दौरान भी मजदूर गुरुनानक स्कूल में काम करते रहे. रविवार को रिपोर्ट आयी, इसमें कैंप कार्यालय के दो लोग संक्रमित पाये गये. इनमें एक मजदूर भी है. अब दोनों को रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में ले जाया गया है.