कानपुर. होली में किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग व मेडिकल कॉलेज तैयार है. हैलट अस्पताल में 30, उर्सला में 20, केपीएम और काशीराम में 10-10 और ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक केंद्र पर 5- 6 बेड रिज़र्व किए गए है. वहीं सड़क हादसों में घायलों के इलाज के लिए 108 नंबर की एंबुलेंस लगाई गई है. अस्पतालों की इमरजेंसी में तीन शिफ्ट में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. हैलट अस्पताल के प्रमुख डॉ. आरके मौर्या का कहना है कि इस बार इमरजेंसी व वार्ड में 30 बेड रिजर्व किए गए हैं. इसके साथ ही नेत्र रोग,चर्म रोग,हड्डी रोग,एनेस्थीसिया और सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगाई गई हैं. नर्स व टेक्नीशियन भी तैनात किए गए हैं.
सीएमओ डॉ. आलोक रंजन का कहना है कि हैलट उर्सला काशीराम और केपीएम समेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बेड रिज़र्व किए गए है. इसके साथ ही इमरजेंसी में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है. 108 नंबर की एंबुलेंस को भी अलर्ट पर रखा गया है. होली के हुड़दंग वाले क्षेत्रों में एंबुलेंस मौजूद रहेंगी. सभी डॉक्टर को निर्देश दिए गए कि वह अपने मोबाइल स्विच ऑफ नहीं करेंगे.जरूरत पड़ने पर ऑन काल सेवाएं ली जा सकती है.
रंगो के पर्व होली में केमिकल रंगों से जरा संभाल कर रहे. यह रंग में भंग डाल सकते हैं. रंगों में शामिल लेड्ड व अन्य रासायन आंख, त्वचा,आंतिरक अंग जैसे किडनी व लीवर को नुकसान पहुचा सकते है.जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने शहरवासियों से रासायनिक रंगों को बजाय हर्बल रंग अबीर और गुलाल से होली खेलने की अपील की है.
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मेडिकल कॉलेज मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रिचा गिरी के मुताबिक रसायन रंगों में मरकरी,एम्बेसड,सिलिका,माइका व लेड्ड जैसे खतरनाक रसायन शामिल होते है.यह त्वचा व आंखों पर सीधा असर डालते है.इनसे स्वसन तंत्र और आतंरिक अंगों पर विपरीत असर पड़ता है.