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Kanpur News: मनीष गुप्ता की पत्नी समेत गवाहों की सुरक्षा पर सवाल? आरोपी जेल से बाहर, पुलिस ने नहीं किया संपर्क

व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में पत्नी मीनाक्षी गुप्ता और अन्य गवाहों को सुरक्षा दी जाएगी. मीनाक्षी का कहना है कि उनके पति के हत्यारे पुलिसकर्मी जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं. आरोपित पुलिसकर्मियों से मीनाक्षी और उनके गवाहों को जान का खतरा है.

Manish Gupta murder Case: व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में पत्नी मीनाक्षी गुप्ता और अन्य गवाहों को सुरक्षा दी जाएगी. मीनाक्षी का कहना है कि उनके पति के हत्यारे पुलिसकर्मी जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं. आरोपित पुलिसकर्मियों से मीनाक्षी और उनके गवाहों को जान का खतरा है. उन्होंने कहा कि, सीबीआई कोर्ट ने सुरक्षा दिए जाने को लेकर आदेश कर दिए हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई संपर्क नहीं किया है. उन्होंने कहा कि, आरोपितों के बाहर आने पर केस के गवाहों को खतरा बढ़ गया है.

मामले की सीबीआई कोर्ट में चल रही सुनवाई

मनीष गुप्ता हत्याकांड की सुनवाई सीबीआई कोर्ट दिल्ली में चल रही है. कुछ दिन पहले कोर्ट ने आदेश दिए थे कि इंस्पेक्टर जेएन सिंह के खिलाफ ही हत्या की धारा में केस चलेगा. बाकी आरोपित पुलिसकर्मियों को षड्यंत्र रचने और मारपीट समेत अन्य धाराओं में आरोपित माना था. 10 जनवरी को कोर्ट ने जगत नारायण सिंह को छोड़कर बाकी पांच पुलिसकर्मियों की ‘बेल’ स्वीकार कर ली थी.

मीनाक्षी के मुताबिक, जमानत के आदेश के साथ ही कोर्ट ने इस मामले में गवाहों को सुरक्षा देने के आदेश भी किए थे. कोर्ट ने मीनाक्षी के अलावा दोस्त हरबीर सिंह और होटल मैनेजर आदर्श तिवारी को सुरक्षा दिए जाने के आदेश दिए हैं. मीनाक्षी ने कहा कि, कोर्ट ने यह माना है कि सभी आरोपित पुलिसवाले हैं और गवाहों को डरा धमका सकते हैं.

गवाहों को कोर्ट परिसर में डरा सकते हैं आरोपित

मनीष गुप्ता हत्याकांड का मामले की सुनवाई 6-7 फरवरी को सीबीआई कोर्ट में होनी है. मीनाक्षी का कहना है कि कोर्ट का मानना है कि तारीख के समय आरोपी, गवाहों को कोर्ट परिसर में डरा सकते हैं. इस कारण सुरक्षा को लेकर कोर्ट ने जो आदेश किए हैं, वह संबंधित डीजीपी को भेज दिए गए हैं. साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश किया है कि आरोपितों के सामने गवाही नहीं कराई जाएगी.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, कानपुर के बर्रा इलाके में रहने वाले व्यापारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर 2021 को अपने दो दोस्तों के साथ घूमने के लिए गोरखपुर गए हुए थे. वहां एक होटल में रुके हुए थे. 27 सितंबर की रात करीब बारह बजे पुलिस वाले चेकिंग के नाम पर होटल पहुंचे थे. जहां पर मनीष के दोस्तों ने दस्तावेज दिखा दिए, लेकिन मनीष सो रहे तभी उनसे बोला गया तो उन्होंने कहा कि ये समय किसी को नींद से उठाकर पूछताछ करने का नहीं है.

इस बात पर दारोगा जेएन सिंह भड़क गए और बोलने लगे कि, पुलिस को उसका काम बताने वाले कौन होते हो, जिसके बाद भड़के दरोगा और साथी पुलिसकर्मियों ने मनीष गुप्ता की जमकर पिटाई कर दी. मनीष को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. मनीष की मौत के बाद 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था. पूरा मामला सीबीआई कोर्ट दिल्ली में चल रहा है.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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