गर्मी का मौसम परवान चढ़ते ही बिजली विभाग की ओर से बिजली आपूर्ति में कटौती शुरू कर दिया गया है. वर्तमान में बिजली आपूर्ति की हालत बद से बदतर हो गया है. बिजली उपभोक्ताओं को महज 15 से 16 घंटे ही बिजली की आपूर्ति सुचारु रूप से मिल पा रहा है. उन्हें ऐसे ही गर्मी काटना पड़ रहा है.
जिला मुख्यालय के विभिन्न शहरी क्षेत्रों में बिजली के आपाधापी चालू रहता है तो कई कई इलाकों में दो से तीन घंटे तक आपूर्ति पूरी तरह से बाधित कर दिया जाता है. इस दौरान उपभोक्ताओं की ओर से जब पावर सब स्टेशन फोन लगाया जाता है तो उसका फोन रिसीव नहीं किया जाता है. संबंधित पदाधिकारी भी मामले में किसी भी तरह का कोई संज्ञान नहीं लेते हैं. मसलन इस भीषण गर्मी में बगैर बिजली के लोगों का जीना मुहाल है.
शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की आपाधापी के साथ किसी तरह से बिजली आपूर्ति का लाभ उपभोक्ता उठा पाते हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति काफी दयनीय है. ग्रामीण क्षेत्रों में एक बार बिजली जाने के बाद इसका दर्शन 10 से 15 घंटे तक नहीं हो पाता है. उपभोक्ताओं का घर के पंखे और इलेक्ट्रॉनिक से चलने वाले सभी उपकरण ऐसे ही बंद पड़े रहते हैं.
ग्रामीण गर्मी से बचने के लिए पेड़ के नीचे बैठकर किसी तरह गर्मी काटते हैं. अगर इसी दौरान आंधी बारिश हो जाएं तो फिर क्या कहना तीन से चार दिन तक ग्रामीण इलाके में बिजली का दर्शन नहीं हो पाता संबंधित पदाधिकारी भी उपभोक्ताओं की सुधि लेने नहीं पहुंचते हैं. आलम यह है कि ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश रहते हैं.
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बगैर सूचना के आठ घंटे काट दिया बिजली बिजली विभाग का नित्य नया कारनामा दिन पर दिन उजागर होते रहता है. लेकिन इस भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को कैसे परेशान किया जाये. यह बिजली विभाग के पदाधिकारियों से सीखा जा सकता है.
ताजा उदाहरण के तौर पर शुक्रवार को बगैर सूचना के बिनोदपुर पावर सब स्टेशन के डेहरिया फीडर में सुबह 9 बजे से संध्या 6 बजे तक बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बंद कर दिया गया. पहले तो उपभोक्ताओं ने सोचा कि बिजली कट गयी है. थोड़ी देर में आ जायेगी. लेकिन यह इंतजार लंबा इंतजार में बदल गया और पूरा दिन बीतने के बाद संध्या छह बजे बिजली की आपूर्ति की गयी. इस दौरान तीन बार लाइन की आपूर्ति दी गयी. आधे-आधे घंटे के अंतराल पर कुल मिलाकर डेढ़ घंटा आपूर्ति दिया गया. उसके बाद पूरा दिन भर लाइन गोल रहा.
एक उपभोक्ता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि पावर सब स्टेशन पर फोन किया गया, तो वहां मौजूद कर्मचारी ने कहा कि लाइन चालू है. जबकि इस दौरान लाइन कटा हुआ था. दूसरी ओर संबंधित जेइ को जब फोन लगाया गया तो उसकी ओर से बताया गया कि कार्य चल रहा है. 15 मिनट बाद लाइन चालू कर दिया जायेगा. लेकिन इंतजार करते-करते संध्या छह बजे आपूर्ति सुचारु किया गया. उपभोक्ताओं ने सवाल उठाया है कि आखिर वह कौन सा काम है जो बगैर सूचना के बिजली विभाग कराते हैं. इसकी जांच होनी चाहिए.