कोडरमा : लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर चली दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंगलवार सुबह कोडरमा जंक्शन पहुंची. यहां पर पहली बार स्पेशल ट्रेन का आगमन हुआ. ऐसे में श्रमिकों को उनके घर तक सकुशल पहुंचाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए थर्मल स्क्रीनिंग कराने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गयी थी. तेलंगना हैदराबाद के बीबी नगर व गुजरात के सूरत स्टेशन से राज्य के 22 जिलों के कुल 2409 श्रमिक इन ट्रेनों के माध्यम से पहुंचे. इसमें कोडरमा के मात्र 52 श्रमिक शामिल हैं, जबकि सबसे अधिक श्रमिक गिरिडीह, गढ़वा व पलामू जिलों से संबंधित थे.
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ट्रेन के पहुंचने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए सभी श्रमिकों को पहले पार्किंग स्थल पर लाया गया. वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने थर्मल स्कैनिंग के जरिए एक-एक श्रमिक की जांच की. जांच के बाद सभी को पानी की बोतल व फूड पैकेट दिया गया. श्रमिकों को बस के जरिए अपने-अपने जिलों के लिए तक रवाना किया गया. पूरी व्यवस्था में कोई चूक न हो इसके लिए डीसी रमेश घोलप स्वयं निगरानी कर रहे थे. उन्होंने सभी जगहों का जायजा लेते हुए कई निर्देश दिए.
इससे पहले श्रमिक स्पेशल ट्रेन के आने के बाद श्रमिकों को भेजने के लिए लगी विभिन्न जिलों को जाने वाली लगभग 100 बसों को सैनिटाइज किया गया. साथ ही नगर पर्षद ने पूरे स्टेशन परिसर और आसपास के इलाकों को सैनिटाइज किया. वहीं प्लेटफार्म पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन आने के बाद स्टेशन प्रबंधक एमके सिंह व टीआई परिचालन कोडरमा अरविंद कुमार सुमन की उपस्थिति व आरपीएफ प्रभारी राजेश कुमार, हजारीबाग रोड प्रभारी पंकज कुमार, रेल थाना प्रभारी शिव शंकर प्रसाद की देखरेख में एक-एक करके बोगी से श्रमिकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए उतारा गया. इस कार्य में एनसीसी कैडेटों ने भी अहम भूमिका निभायी.
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ज्ञात हो कि बीबी नगर से चली ट्रेन सुबह 4:30 बजे और सूरत से चली ट्रेन 8:30 बजे कोडरमा स्टेशन पहुंची. श्रमिकों को उतारने के बाद पूरे ट्रेन को सैनिटाइज कराकर बोगियों को लॉक कर उन्हें वापस सूरत व बीबी नगर के लिए रवाना कर दिया गया. मौके पर एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद, एसी अनिल तिर्की, डीटीओ जयपाल सोय, नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी कौशलेश कुमार, सीओ आशोक राम, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार व अन्य मौजूद थे.
श्रमिकों के आगमन के बाद स्क्रीनिंग और उन्हें संबंधित जिलों में भेजने के लिए विशेष प्रबंध किया गया था. डीसी के निर्देश पर कोडरमा जक्शन के प्लेटफार्म पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध थे. इसके लिए पहले से दंडाधिकारी की नियुक्ति की गयी थी. इसके अलावा सुरक्षा के दृष्टिकोण से एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद व अन्य पुलिस पदाधिकारी, जवान मोर्चा संभाले हुए थे. स्वास्थ्य विभाग की टीम में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत कुमार, डॉ मुन्ना, डॉ प्रहलाद, डॉ सुमन गुप्ता, दिनेश यादव, सुनील पंड़ित, रविशंकर यादव, स्मिता कुमारी आदि मोर्चा संभाले हुए थे. टीम ने सभी श्रमिकों से चिकित्सकीय परामर्श का अक्षरशः पालन करने तथा सतर्क व सुरक्षित रहने का निर्देश दिया. बताया गया कि सभी लोग 28 दिनों तक क्वारेंटाइन के नियमों का पालन जरूर करें.
विशेष ट्रेनों से पहुंचे कोडरमा के 52 श्रमिकों की डबल स्क्रीनिंग की गयी. पहली स्क्रीनिंग ट्रेन से उतरने के बाद स्टेशन परिसर में की गयी, जबकि डीसी के निर्देश पर इन्हें जेजे कॉलेज में बने सहायता केंद्र ले जाया गया. यहां पर भी इनकी डाक्टरों की टीम ने स्क्रीनिंग की. स्क्रीनिंग को लेकर श्रमिकों को काफी समय बीताना पड़ा. ट्रेन से श्रमिक अपने परिवार, बच्चों के साथ पहुंचे थे.
बीबी नगर व सूरत से लौटे श्रमिकों के चेहरे मंगलवार को भले ही खुशियों से भरे नहीं दिख रहे थे, पर उनके लफ्जों ने खुशियों को जरूर बयां किया. श्रमिकों ने बातचीत में प्रदेश वापसी को लेकर पहल करने के लिए राज्य की हेमंत सरकार व रेल विभाग को धन्यवाद दिया. लॉकडाउन के पिछले 45 दिन से अधिक समय तक हुई परेशानी को श्रमिकों ने सामने रखा. बताया कि, उनके पास रहने को सही से घर नहीं बचा था, मालिक परेशान कर रहे थे, खाने-पीने की भी दिक्कत थी. कुछ श्रमिकों ने कहा कि अगर स्थिति सुधरने के बाद रोजगार नहीं मिला तो मजबूरी में दूसरे प्रदेश जाना ही पड़ेगा.
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इधर, बीबी नगर से इतर सूरत से आए श्रमिकों से रेल टिकट को लेकर 800 रुपये तक वसूले गये, जबकि टिकट पर 695 रुपये ही अंकित थे. श्रमिकों ने बताया कि उनसे भाड़े के रूप में 800 रुपये वसूली कर टिकट दिया गया था. यही नहीं इसके लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. टिकट के पैसे स्थानीय थाना में बुलाकर लिया गया. इससे पहले कई दफा फार्म भरने पड़े. श्रमिकों ने यह भी कहा कि सूरत से रवाना होने के समय भी खाने-पीने का कुछ नहीं दिया गया. इस कारण ट्रेन पर उन्हें पानी की किल्लत से गुजारना पड़ा. पूरे यात्रा के दौरान उन लोगों को एक जगह खिचड़ी व एक पानी बोतल दिया गया वह भी सबको नहीं मिला. यहां तक कि किसी स्टॉपेज पर उन्हें पानी लेने के लिये उतरने की इजाजत नहीं थी. उतरने पर पुलिस वाले पिटाई करने की बात करते थे. हालांकि, कुछ ने बताया कि वे खाने-पीने की अपनी व्यवस्था करके चले थे.
कोडरमा : 52
गिरीडीह : 971
गढ़वा : 583
पलामू : 262
साहेबगंज : 179
चतरा : 48
धनबाद : 29
देवघर : 44
दुमका : 07
गुमला : 11
गोड्डा : 09
हजारीबाग : 60
खूंटी : 05
पाकुड़ : 30
रामगढ़ : 06
रांची : 04
सरायकेला : 03
सिमडेगा : 29
पश्चिमी सिंहभूम : 06
बोकारो : 41
लातेहार : 29
लोहरदगा : 01