Jharkhand News, Latehar News, लातेहार (चंद्रप्रकाश सिंह) : झारखंड के पलामू प्रमंडल के ऐतिहासिक चेरो राजवंश का गौरव पलामू किला का कायाकल्प होगा. इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. पलामू किले का जीर्णोद्धार और उसके संरक्षण के लिए जिला प्रशासन ने एक कार्ययोजना बनायी है. इसे लेकर मंगलवार (23 फरवरी) को बेतला के गेस्ट हाउस में एक बैठक आयोजित है. इस बैठक में जिला प्रशासन के अधिकारियों के अलावा ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम एवं नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर शामिल होंगे. उपायुक्त अबु इमरान ने बैठक में शामिल होने के लिए नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय प्रबंधन को पत्र लिखा है. वहीं उन्होंने क्षेत्र के मुखिया समेत प्रबुद्धजनों से भी इसमें शामिल होने की अपील की है.
पलामू प्रमंडल के पर्यटन स्थलों में ऐतिहासिक पलामू किला चेरो राजवंश की गौरव गाथा का बखान करता बेहतरीन नमूना है. पलामू किला घूमने आने वाले पर्यटकों को तत्कालीन राजा राजवाड़े के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व सैन्य शक्ति के परिदृश्य की जानकारी मिलती है. वहीं मुगलकालीन संस्कृति से भी पलामू किला परिचय कराता है. घने जंगलों व पहाड़ियों के बीच कल-कल बहती औरंगा नदी के किनारे प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज पलामू किला अपनी खूबसूरती व कारीगरी का अद्भुत मिसाल है.
Also Read: Jharkhand News : लातेहार का नवाटोली गांव जहां एक ही जगह इंसान और जानवर दोनों बुझाते हैं अपनी प्यासपलामू-लातेहार जिला के सीमावर्ती इलाके में बेतला नेशनल पार्क से सटा पलामू किला राजा मेदनी राय की स्मृति से जुड़ा है. चेरो वंश के सबसे प्रतापी व लोकप्रिय राजा मेदिनी राय के द्वारा इस किले का निर्माण लगभग 350 वर्ष पहले कराया गया था. इस किले की भव्यता देखते ही बनती है. हालांकि यह किला धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. फिर भी इसकी विशालता अभी भी कायम है.
Also Read: Basant Panchami 2021 : सरस्वती पूजा को लेकर मां की प्रतिमाओं की बाजार में कितनी है डिमांड, पढ़िए कोरोना काल में मूर्तिकारों की क्या है पीड़ापलामू किला दो भागों में बंटा हुआ है. एक भाग पुराना किला के नाम से प्रसिद्ध है, जो औरंगा नदी के तट पर है. उसी किला से थोड़ी ही दूरी पर पहाड़ी पर एक और किला है जिसे नया किला का नाम दिया गया है. कहा जाता है कि नये किले का निर्माण राजा मेदनी राय के पुत्र प्रताप राय के द्वारा कराया गया था. बेतला में मंगलवार को आयोजित बैठक में इस विरासत को संरक्षित करने को लेकर कई बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जायेगा.
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