दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में शुक्रवार की शाम उर्दू का महोत्सव यानी ‘जश्न-ए-रेख्ता‘ की शुरुआत हो गई.
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने शमां जलाकर इस जश्न की शुरुआत की. इसमें देश-विदेश से उर्दू प्रेमी शिरकत करेंगे, ये जश्न 14 फरवरी तक चलेगा.
पहले दिन जाने माने गीतकर गुलजार, भारत में पाक के उच्चायुक्त अब्दुल बासित, साहित्यकार अशोक वाजपेयी जैसी हस्तियां कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थीं.
इस कार्यक्रम का आयोजन रेख्ता फाउंडेशन करता है, जिसके पास दुनिया का सबसे बड़ा उर्दू कविताओं का ऑनलाइन संग्रह है. रेख्ता की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें 300 साल की उर्दू शायरी का प्रामाणिक पाठ, उर्दू, देवनागरी और रोमन लिपियों में उपलब्ध कराया गया है.
इस कार्यक्रम में मुशायरा, गज़ल, कव्वाली, दास्तांगोई आदि की पेशकश होगी, उर्दू बाज़ार और फूड फेस्टिवल भी लोगों को काफी पसंद आएगा. इस कार्यक्रम का प्रमुख आर्कषण का केंद्र उर्दू कहानीकार इस्मत चुगताई और राजेंद्र सिंह बेदी की जन्म शताब्दी का उत्सव होगा. आधुनिक उर्दू शायरी के आधारस्तंभ माने जाने वाले अख्तर उल इमान की भी जन्म शताब्दी का आयोजन किया जाएगा.
इस महोत्सव में वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित गुलज़ार की कृतियों का बहुप्रतीक्षित संचयन ”गुच्छा” (मजमूआ) का लोकार्पण वरिष्ठ आलोचक गोपीचंद नारंग द्वारा किया जाएगा.
13 फरवरी को ‘बज्म-ए-रवान’ में दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक आयोजित लोकार्पण समारोह में उर्दू के लोकप्रिय कथाकार जोगेंद्र पॉल की कहानियों का पहला संग्रह ”धरती का काल”एवं फिल्म निर्देशक सलीम आरिफ की मिर्ज़ा ग़ालिब पर लिखी पहली किताब ”तेरा बयान ग़ालिब” का लोकार्पण भी होगा जो गुलज़ार द्वारा किया जाएगा. वहीं वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित स्व.लेखक इंतिज़ार हुसैन की कहानियों का संग्रह दिन,शहरजाद की मौत और अन्य कहानियां भी जश्न-ए-रेख्ता में उपलब्ध होंगी.
पुस्तक लोकार्पण के इस अवसर पर प्रख्यात विद्वान प्रो.गोपी चंद नारंग, मशहूर लेखक, शायर, गीतकार और फिल्मकार गुलज़ार, चर्चित फिल्म निर्देशक सलीम आरिफ, प्रसिद्ध लेखिका, आलोचक व कवयित्री डॉ.सुकृता पॉल कुमार के अलावा वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरुण माहेश्वरी और हिन्दी-उर्दू साहित्य जगत की अन्य गणमान्य हस्तियां भी मौजूद रहेंगी.