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How To Test Adulteration In Watermelon: गर्मियों का मौसम शुरू होते ही बाजार तरबूज से पट जाते हैं. बाहर से दिखने में गहरा हरा और अंदर से लाल रंग का ये रसीला फल बच्चों से लेकर बड़ों तक को खासा पसंद आता है. इसका गहरा लाल रंग सभी लोगों को काफी आर्कषित करता है. साथ ही इसके मीठे और रसीले स्वाद इसको अन्य फलों से अलग बनाते हैं. तरबूज में कई तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं जैसे-सोडियम, पोटेशियम, फाइबर, आयरन, कार्बेहाइड्रेट और विटामिन सी आदि. तरबूज के सेवन से इम्युनिटी मजबूत होती है और शरीर को ताकत भी मिलती है. गर्मी के मौसम में इसको खाने से बॉडी हाइड्रेट रहने के साथ-साथ शरीर में पानी की कमी पूरी होती है. इसके ऊपर काला नमक डालकर खाने से इसका स्वाद और बढ़ जाता है. तरबूज में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज होता है. ऐसे में तरबूज का सेवन वैसे लोग भी कर सकते हैं, जो वजन कम करना चाहते हैं. लेकिन, इन दिनों बाजार में काफी मात्रा में ऐसे तरबूज भी मिल रहे हैं, जो दिखने और खाने में तो असली तरबूज जैसे लगते हैं. मगर इसको खाने से स्वास्थ्य लाभ की जगह शरीर को काफी नुकसान पहुंच सकता है. ये तरबूज बच्चों को खिलाने से उनका पेट खराब होने के साथ बड़ों में पेट दर्द की समस्या हो सकती है. हाल ही में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी एफएसएसएआइ ने अपनी वेबसाइट पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें केमिकल वाले तरबूज की जांच के तरीके बताये गये हैं. आप भी इन आसान तरीकों को अपनाकर केमिकल वाले तरबूजों का पता लगा सकते हैं. साथ ही इससे होने वाले नुकसान से बच सकते हैं.
ऐसे करें केमिकल वाले तरबूज की जांच
तरबूज को लाल करने के लिए डाइ एरिथ्रोसिन नामक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है. ऐसे में केमिकल युक्त तरबूज का पता लगाने के लिए सबसे पहले तरबूज को काट कर दो हिस्सों में कर लें. इसके बाद एक रूई की बॉल लेकर तरबूज के मध्य हिस्से पर लगाकर अंगुलियों से दबाएं. रूई बॉल को तरबूज के पल्प पर रगड़ने से यदि उसका रंग गहरा लाल हो जा रहा है, तो इस मतलब है कि उसमें केमिकल का इस्तेमाल किया गया है. अगर रूई बॉल का रंग बदलता नहीं है, तो इसका मतलब है कि वह नेचुरली पका हुआ है. बता दें कि तरबूज का रंग और लाल करने के लिए जहरीले डाइ एरिथ्रोसिन नाम के रसायन का इस्तेमाल लोग व्यापक पैमाने पर करते हैं. यह रसायन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है.
केमिकल वाले तरबूज के सेवन से हो सकते हैं ये नुकसान
हो सकता है पेट खराब
तरबूज को गहरा लाल करने के लिए अक्सर लेड क्रोमेट, मेथनॉल यलो और सूडान रेड जैसे आर्टिफिशियल कलर का भी इस्तेमाल होता है. इन जहरीले केमिकल से पकने वाले तरबूज के सेवन से पेट खराब हो सकता है.
लिवर और किडनी खराब होने का खतरा
तरबूज को पकाने के लिए अक्सर लोग कैल्शियम कार्बाइड नामक केमिकल का भी इस्तेमाल करते हैं. यह केमिकल हमारे लीवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है. कैल्शियम कार्बाइड से पके तरबूज खाने से लिवर और किडनी खराब हो सकती है.
कैंसर का भी खतरा
तरबूज को गहरा लाल और आकर्षित करने के लिए कई बार लोग मेथनॉल यलो नामक केमिकल का भी इस्तेमाल करते हैं. यह केमिकल कैंसर की बड़ी वजह बन सकता है. इसके अलावा तरबूज में इस्तेमाल किये जाने वाले लेड क्रोमेट नामक केमिकल से बॉडी में ब्लड की कमी, दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान और आंखों की रोशनी भी जा सकती है. ऐसा तरबूज खाने से थॉयराइड की समस्या भी बढ़ सकती है. इसके अलावा बच्चों को केमिकल वाले तरबूज खाने से बच्चों में सिरदर्द और रैशेज की समस्या हो सकती है.
इन बातों का भी रखें ख्याल
अगर आप तरबूज खाना चाह रहे हैं, तो सबसे पहले रूई बॉल से जांच कर लें. अगर रूई बॉल का रंग बदल जाये, तो कतई उसका सेवन न करें. इसके साथ ही तरबूज को काटने से पहले अच्छी तरह से धो लें. आमतौर पर तरबूज को पकाने के लिए लोग कैल्शियम कार्बाइड नामक केमिकल का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में तरबूज को काटने से पहले इसको अच्छे से धोना भी जरूरी है.
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