April 2023 Vrat Festival List: अप्रैल का महीना अब शुरु होने वाला है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार 6 अप्रैल 2023 के बाद वैशाख का महीना शुरू हो जाएगा. अप्रैल माह की शुरुआत बेहद शुभ तिथि से होने वाली है. 1 अप्रैल 2023 को कामदा एकादशी पड़ रहा है. इसी महीने से ही मौसम भी करवट लेता है और बसंत के बाद गर्मी की शुरूआत हो जाती है. धार्मिक दृष्टि से देखें तो इस महीने कई व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं. जैसे- अक्षय तृतीया, हनुमान जयंती, बैसाखी का त्योहार आदी. साथ ही इसी महीने खरमास खत्म हो जाएगा जिसके बाद शादी, मुंडन जैसे शुभ कार्य भी शुरू हो जाएंगे. आइए जानते हैं अप्रैल महीने के पड़ने वाले व्रत-त्योहार कौन-कौन से हैं-
कामदा एकादशी – हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 की ये पहली एकादशी व्रत होगी. इस दिन श्री हरि विष्णु की पूजा करने मात्र से समस्त पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति बैकुंठ को प्राप्त होता है.
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प्रदोष व्रत शिव जी को अति प्रिय माना जाता है. खासकर सोम प्रदोष व्रत बेहद खास माना जाता है. इस व्रत के प्रभाव से साधक रोग, दोष, दुख, दरिद्रता दूर हो जाता है.
4 अप्रैल 2023 (बुधवार) – महावीर जयंती
हर साल चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन घरों में भक्त बजरंगबली की पूजा, अनुष्ठान, सुंदरकांड का पाठ आदि करते हैं.
संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है. विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा अर्चना करने से हर संकट दूर होते हैं. किसी भी विपत्ति के समय गणेश जी साधक की रक्षा करते है.
13 अप्रैल 2023 (गुरुवार) – कालाष्टमी
सूर्य जब मेष राशि में प्रवेश करता हैं तो उसे मेष संक्रांति कहते है. इस दिन खरमास खत्म हो जाता है और सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. इस दिन बैसाखी का पर्व भी मनाया जाता है. बैसाखी को सिख समुदाय के लोग नए साल के रूप में धूम धूम धाम के साथ मनाते हैं. बैसाखी मुख्य रूप से कृषि का पर्व मनाया जाता है. इसे असम में बिहू के रूप में लोग मनाते हैं.
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी का व्रत रखते हैं. इस दिन श्री हरि की वराह अवतार की पूजा की जाती है.
17 अप्रैल 2023 (सोमवार) – प्रदोष व्रत (कृष्ण)
18 अप्रैल 2023 (मंगलवार) – मासिक शिवरात्रि
वैशाख की अमावस्या पर तीर्थ स्नान-दान करने वालों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पितरों की शांति के लिए इस दिन तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है. इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं.
अक्षय तृतीया का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है. इस दिन बिना मुहूर्त देखे नए कार्य की शुरुआत और मांगलिक काम आरंभ कर सकते हैं. इस दिन अबूझ मुहूर्त रहता है. इस दिन सोना, चांदी आदि चीजें घर लाने से मां लक्ष्मी का घर में वास होता है.
23 अप्रैल 2023 (रविवार) – विनायक चतुर्थी
25 अप्रैल 2023 (मंगलवार) – सूरदास जयंती, रामानुज जयंती, शंकराचार्य जयंती
27 अप्रैल 2023 (गुरुवार) – गंगा सप्तमी
29 अप्रैल 2023 (शनिवार) – सीता नवमी