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Ayurvedic Diet For Stress Relief: तनाव और चिंता से राहत दिलायेंगी ये जड़ी-बूटियां

आज खराब जीवनशैली के कारण ज्यादातर लोग तनाव, अवसाद और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं से परेशान हैं. इन समस्याएं से राहत दिलाने में जड़ी-बूटियां काफी मददगार साबित हो सकती हैं.

Ayurvedic Diet For Stress Relief: आज भागदौड़ भरी जीवनशैली और कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में तनाव और चिंता हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन गये हैं. लगातार तनावग्रस्त माहौल में रहने से हमारी कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता पर भी बहुत ज्यादा असर पड़ता है. वैसे तो इन मानसिक सेहत से जुड़ी समस्याओं से निपटने के अनेक तरीके हैं. मगर, कुछ घरेलू नुस्खों को आजमा कर या जड़ी-बूटियों का नियमित सेवन कर इन परेशानियों से आसानी से निजात पाया जा सकता है. वहीं, इन जड़ी-बूटियों का शरीर पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है. ये जड़ी-बूटियां तनाव और चिंता को ठीक करने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकती हैं. ये अनिद्रा, अवसाद, हृदय रोगों और ग्रैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी दिक्कतों से निपटने में भी मदद कर सकती हैं. जानिए तनाव और चिंता से राहत दिलाने वाले कुछ जड़ी-बूटियों के बारे में.

ब्राह्मी : एंटी-एंग्जायटी और मूड ठीक करने में मददगार

तनाव और चिंता जैसी समस्याओं से राहत के लिए ब्राह्मी काफी कारगर है. आयुर्वेदिक चिकित्सा में यह सबसे लोकप्रिय जड़ी-बूटियों में से एक है. इसमें एंटी-एंग्जायटी के गुण मौजूद होते हैं. ब्राह्मी को याददाश्त बढ़ावा देने के लिए भी जाना जाता है. यह आपके शरीर में रिलैक्सेशन को बढ़ावा देती है और आपके मूड को ठीक करने में मदद करती है. इसके साथ ही यह आपकी स्थिति में सुधार करके चिंता, मनोदशा और अनियमित नींद पैटर्न से निपटने में भी आपकी सहायता कर सकती है. यह एक ब्रेन टॉनिक के रूप में भी काम करती है, जो इसे सभी के लिए फायदेमंद है. ब्राह्मी का इस्तेमाल कैप्सूल के रूप में या चाय के रूप में किया जा सकता है. साथ ही ब्राह्मी के पाउडर को गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है. इसका अधिक लाभ लेने के लिए गर्म पानी में डालने से पहले इसे घी के साथ मिलाएं. सामान्य खुराक प्रतिदिन 300-450 मिलीग्राम तक होती है.

अश्वगंधा : बेहतर नींद और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाती है

यह एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी आपके शरीर को तनाव से लड़ने, बेहतर नींद, ऊर्जा के स्तर में वृद्धि और तेज संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ावा देने के लिए मजबूत बनाती है. अश्वगंधा सबसे लोकप्रिय एंटी-एंग्जायटी जड़ी-बूटियों में से एक है, जो अवसाद को भी कम कर सकती है. यह जड़ी-बूटी स्ट्रेस, एंजाइटी, थकान को कम करने में सहायता करती है. मूड स्विंग से निपटने में भी यह आपकी मदद कर सकती है, जिससे आपकी एकाग्रता बढ़ेगी. यह नींद को भी बढ़ावा देती है और अनिद्रा के लक्षणों का मुकाबला करती है. अश्वगंधा का सेवन पाउडर या कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है.

कैमोमाइल : नींद और पाचन को ठीक करने में सहायक

डेजी जैसा यह नाजुक फूल सेहत के लिए काफी असरदायक है. एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर कैमोमाइल के सेवन से स्वास्थ्य संबंधी कई फायदे मिलते हैं. कैमोमाइल कई बीमारियों से लड़ने में मदद करती है. साथ ही नींद और पाचन को ठीक करने में भी काफी मदद करती है. कैमोमाइल का इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेद में चिंता और घबराहट से निपटने के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है. आप इसे चाय कैप्सूल या अर्क के रूप में ले सकते हैं. कैमोमाइल में फ्लेवोनोइड्स, क्विनोन, फेनोलिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे फेनोलिक्स होते हैं, जो स्ट्रेस और एंजाइटी को कम करने में कारगर होते हैं.

पुदीना : मन और शरीर को शांत रखने में करती है मदद

अपनी ताजा सुगंध के लिए मशहूर पुदीना मन और शरीर दोनों पर शांत रखने में मदद करती है. यह अपच से राहत दिलाने में सहायता करती है. साथ ही संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ाती है और इसका सेवन चाय के रूप में या विभिन्न व्यंजनों और पेय पदार्थों में मिलाकर सीमित मात्रा में कर सकते हैं.

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