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Benefits Of Eating Curd Daily: दही का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है. आहार विशेषज्ञ गर्मी के मौसम में विशेष रूप से इसे खाने की सलाह देते हैं. रोजाना दही खाने से न केवल आपका पेट ठंडा रहता है, बल्कि पाचन तंत्र भी ठीक रखता है. दही को भोजन में सीधे खाने के साथ-साथ इसे रायता, लस्सी, छाछ और कढ़ी के रूप में भी अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह सभी भारतीय व्यंजनों के साथ भी अच्छा लगता है. यही कारण है कि गर्मियों के मौसम में इसकी मांग बढ़ जाती है. हाल के अध्ययनों से पता चला है कि रोजाना दही खाने से डायबिटीज जैसी विभिन्न बीमारियों को रोकने में भी मदद मिल सकती है.
इम्युनिटी को बूस्ट करने में मददगार
दही पोषक कई पोषक तत्वों से भरपूर है, जो आपकी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद कर सकता है और संक्रमण से लड़ने में आपकी मदद कर सकता है. अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, दही में पाये जाने वाले प्रोबायोटिक्स शरीर की इम्यून रिस्पॉन्सेस को बढ़ा सकते हैं, जिससे सामान्य सर्दी और फ्लू जैसे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा, वियना विश्वविद्यालय द्वारा किये गये शोध में पाया गया कि दही जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से शरीर में एंटीबॉडी विकसित होता है, जिससे खतरनाक रोगजनकों को दूर करने के लिए इम्यून सिस्टम की क्षमता बढ़ती है.
पाचन स्वास्थ्य में करता है सुधार
रोजाना दही का सेवन करने से पाचन तंत्र ठीक रहता है. दही में पाये जाने वाले जीवित बैक्टीरिया या प्रोबायोटिक्स स्वस्थ आंत बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं, जो पाचन में सहायता करते हैं और सूजन, कब्ज और दस्त जैसी पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात दिलाते हैं. जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि नियमित रूप से दही का सेवन करने से इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आइबीएस) और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आइबीडी) की समस्या से निजात मदद मिल सकती है. अध्ययन से पता चलता है कि दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंत में सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे पाचन तंत्र ठीक रहता है.
ब्लड प्रेशर को रखता है नियंत्रित
हाइ ब्लड प्रेशर की वजह से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा हमेशा बना रहता है. हालांकि, अपने डेली डायट में दही शामिल करने से आपके ब्लड प्रेशर को कम करने और हृदय रोगों के खतरों को कम करने में मदद मिल सकती है. अमेरिकन जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जो वयस्क रोजाना दही का सेवन करते हैं, उनका ब्लड प्रेशर उन लोगों की तुलना में कम होता है जो दही का सेवन नहीं करते हैं. शोधकर्ता की मानें, तो यह केवल दही में बायोएक्टिव पेप्टाइड्स की मौजूदगी की वजह से होता है. दही में एंटीहाइपरटेंसिव गुण पाये गये जाते हैं.
ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में करता है मदद
ऑस्टियोपोरोसिस होने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. साथ ही फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है. मगर नियमित रूप से दही का सेवन आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि दही में पाये जाने वाले कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाये रखने और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए जरूरी हैं. दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स कैल्शियम अवशोषण को बढ़ा सकते हैं, जिससे हड्डियों की सेहत को और फायदा होता है.
कोलन कैंसर के खतरे को करता है कम
कोलन कैंसर दुनिया भर में सबसे आम प्रकार के कैंसर में से एक है, लेकिन नियमित रूप से दही का सेवन आपके जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. यूरोपियन जर्नल ऑफ कैंसर प्रिवेंशन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंत के बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बनाये रखने, कोलन में सूजन को कम करने और कोलन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ साइंसेज के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये अध्ययन से पता चलता है कि दही में जीवित बैक्टीरिया शॉर्ट-चेन फैटी एसिड का उत्पादन करते हैं, जिनमें कैंसर रोधी गुण पाये जाते हैं.
शुगर को नियंत्रित करने में मददगार
रोजाना दही का सेवन करने से शुगर को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलती है. शुगर, जिसे आम बोलचाल में मधुमेह भी कहा जाता है, एक खराब मेटाबॉलिक डिलीज है. इससे शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है. कई शोध से पता चलता है कि दही ब्लड शुगर का लेवल को नियंत्रित करने में भूमिका निभा सकता है. जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि नियमित रूप से दही का सेवन करने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार हो सकता है और टाइप 2 शुगर का खतरा कम हो सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स ग्लूकोज मेटाबॉल्जिम को नियमित करने में मदद करते हैं, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है.