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Benefits Of Jumping Rope: गर्मियों में फिटनेस को बरकरार रखने के लिए रस्सी कूदना एक अच्छा विकल्प, जानिए इसके फायदे

गर्मियों में खुद को फिट रखने के लिए रस्सी कूदना एक कारगर उपाय है. इससे न केवल धूप के प्रकोप से बचा जा सकता है, बल्कि स्टेमिना को मजबूत बनाने में भी मदद मिल सकती है.

Benefits Of Jumping Rope: आमतौर पर गर्मी के मौसम में तेज धूप और पसीने की वजह से लोग काफी चिड़चिड़ा और थकान महसूस करते हैं. ज्यादातर लोगों को इस मौसम में काम करने में थोड़ा भी मन नहीं लगता है. यहां तक कि लोगों का वर्कआउट रूटीन भी गड़बड़ा जाता है. दरअसल, एक्सरसाइज करने, कूदने और स्ट्रेचिंग करने के दौरान शरीर से खूब पसीना निकलता है. इसकी वजह से डिहाइड्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे मुश्किल भरे वक्त में फिटनेस को बरकरार रखने के लिए रस्सी कूदना एक कारगर विकल्प है. इससे न सिर्फ गरम हवाओं के प्रकोप से बचा जा सकता है, बल्कि एक्स्ट्रा कैलोरीज को बर्न करने में भी काफी मदद मिल सकती है. हृदय और मांसपेशियों को मजबूत करने में रस्सी कूद यानी जंपिग रोप काफी फायदेमंद है. जानिए रस्सी कूदने के अन्य फायदों के बारे में.

दिल की सेहत में करता है सुधार

रोजाना रस्सी कूदना दिल की सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, रस्सी कूदने से कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस में सुधार आने लगता है. दरअसल, लगातार रस्सी कूदने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं. इसके साथ ही लगातार रस्सी कूदने से मांसपेशियों में ब्लड पंप करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. इससे हार्ट रेट बढ़ने लगता है और फेफड़े की क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है.

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बढ़ जाता है व्यक्ति का स्टेमिना

लगातार रस्सी कूदने में काफी एनर्जी लगता है. इसकी वजह से थकान, दर्द, ऐंठन और आलस्य से छुटकारा मिल जाता है. रोजाना रस्सी कूदने से व्यक्ति के स्टेमिना में भी वृद्धि होती है और वो सभी गतिविधियों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए तैयार रहता है. अपनी कार्यक्षमता में सुधार लाने के लिए दिन में कम से कम 2 से 3 बार जंपिंग रोप जरूर करें.

बॉडी को बैलेंस रखने में करता है मदद

वर्कआउट रूटीन में जंपिंग रोप को शामिल करने से शरीर का संतुलन और संयोजन बना रहता है. डेली रूटीन में रस्सी कूद को शामिल करने से शरीर में बढ़ने वाली अकड़न को दूर करने में मदद मिलती है. इसके साथ ही शरीर को सक्रिय बनाये रखने में भी काफी सहायता मिलती है. जर्नल ऑफ फिजिकल थेरेपी साइंस की एक रिपोर्ट की मानें, तो रस्सी कूदने वाले लोगों का बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआइ कम होता है.

एक्सट्रा कैलोरीज को करता है बर्न

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक अध्ययन में पाया गया है कि रोजाना रस्सी कूदने से शरीर में मौजूद एक्सट्रा कैलोरीज को बर्न करने में मदद मिलती है. जहां 45 किलो वजन का व्यक्ति रस्सी कूदकर 500 कैलोरी बर्न कर सकता है, तो वहीं 90 किलो का व्यक्ति प्रति घंटे 1,000 कैलोरी बर्न करता है. इस वर्कआउट से कम समय में वेटलॉस में मदद मिलती है.

मानसिक सेहत को रखता है दुरुस्त

लगातार रस्सी कूदने से शरीर में से हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं. इसकी वजह से व्यक्ति काफी सक्रिय रहता है और उसका मूड भी ठीक रहता है. रोजाना रस्सी कूदने से बार-बार मूड स्विंग की समस्या से बचा जा सकता है. इसके अलावा शरीर को तनाव और डिप्रेशन जैसी समसयाओं को दूर रखने में मदद करती है.

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हड्डियों को बनाता है मजबूत

रस्सी कूदने से हड्डियों में तनाव बढ़ता है, जिससे बोन्स को मजबूती मिलती है. रस्सी कूदने से हिप बोन डेंसिटी में सुधार आने लगता है, जिससे चोटिल होने का खतरा कम हो जाता है. इससे शरीर में ओस्टियोपिरोसिस का खतरा कम हो जाता है. साथ ही उम्र के साथ बढ़ने वाले जोड़ों के दर्द और शरीर में ऐंठन से राहत मिल जाती है.

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