Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में मनुष्य के कई गुणों का जिक्र किया है. उन्होंने अपने नीतिशस्त्र में यह भी बताया है कि किन गुणों वाले व्यक्तियों की प्रकृति कैसी होती है. उनकी नीतियों में मनुष्य के गुण-अवगुण का साफ-साफ जिक्र किया गया है. आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि व्यक्ति के गुण और अवगुण किस प्रकार उसके जीवन पर भी प्रभाव डालते हैं. इन्हीं सटीक और स्पष्ट बातों के लिए आचार्य चाणक्य की नीतियों को लोग काफी पसंद करते हैं, क्योंकि इस में जटिल से जटिल प्रश्नों का आसानी से उत्तर मिल जाता है. इस लेख में हम आपको यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि आचार्य चाणक्य के अनुसार मनुष्य के ऐसे कौन से गुण हैं, जो देवताओं के गुण से मिलते हैं.
परोपकार
परोपकार का अर्थ होता है दूसरों का उपकार करना. आचार्य चाणक्य का यह मानना है कि वैसे व्यक्ति जो धरती पर रहकर परोपकार का काम करते हैं यानि दूसरों की पीड़ा समझते हैं और उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, ऐसे व्यक्ति बिल्कुल देवता के समान ही होते हैं.
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मीठे वचन
आचार्य चाणक्य का ऐसा मानना है कि जो लोग हर परिस्थिति में एक-सा व्यवहार करते हैं यानि हमेशा मीठे वचन बोलते हैं. चाहे जो भी हो जाए वो व्यक्ति देवताओं का गुण रखते हैं, क्योंकि देवता भी केवल अपने मीठे बोल से लोगों के दुख को खत्म करने का गुण रखते हैं.
भगवान की आराधना
चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग भगवान की आराधना में हमेशा डूबे हुए रहते हैं, उनके गुण भी देवता के समान होते हैं और चूंकि भगवान की आराधना करने वाले व्यक्ति हमेशा भगवान को याद करते हैं इसलिए भगवान भी ऐसे लोगों पर विशेष कृपा करते हैं.
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