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Chanakya Niti: बुद्धिमान व्यक्ति इन 4 जगहों पर कभी नहीं बोलते, चुप रहने में ही होती है भलाई

Chanakya Niti: चाणक्य नीति में न सिर्फ मनुष्य के गुणों का वर्णन किया गया है, बल्कि कई अवगुणों के बारे में भी बताया गया है. इतना ही नहीं इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि मनुष्य को कब बोलना चाहिए और कब नहीं.

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर एक ग्रंथ की रचना की, जिसे आज चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है. इस ग्रंथ को ज्ञान का महासागर कहा जाता है, क्योंकि इस ग्रंथ में चाणक्य ने जीवन के विभिन्न पहलुओं के कई राज उजागर किए हैं. चाणक्य नीति में न सिर्फ मनुष्य के गुणों का वर्णन किया गया है, बल्कि कई अवगुणों के बारे में भी बताया गया है. इतना ही नहीं इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि मनुष्य को कब बोलना चाहिए और कब नहीं. जो भी व्यक्ति चाणक्य नीति में बताई गई बातों को अच्छे से समझ लेता है, वह हर मुश्किल से आसानी से पार पा सकता है, क्योंकि उसे इंसान को परखने की काबिलियत आ जाती है. ऐसे ही चाणक्य नीति में बताया गया है कि मनुष्य को अपने जुबान पर नियंत्रण रखना चाहिए. हर जगह बोलना सही नहीं होता है. कुछ जगहों पर चुप रहने में ही भलाई होती है. ऐसे में इन जगहों पर मनुष्य को चुप रहना चाहिए, नहीं तो उसका बना बनाया काम बिगड़ सकता है.

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झगड़े वाली जगह पर

आए दिन कहीं न कहीं झगड़े होते रहते हैं. इस दौरान कुछ लोग बिन बुलाए मेहमान की तरह झगड़े की जगह पर पहुंच जाते हैं और सलाह देने लेते हैं. इन्हीं लोगों के लिए चाणक्य नीति में बताया गया है कि जहां पर लोग झगड़ा कर रहे हैं या किसी जगह पर झगड़ा हो रहा है, वहां चुप रहने में ही भलाई होता है. जब तक कोई आकर कुछ कहे न तब तक किसी झगड़े में बोलना नहीं चाहिए.

जहां तारीफ हो

अक्सर कुछ लोगों को अपनी तारीफ करना बहुत पसंद होता है. ऐसे में चाणक्य नीति में बताया गया है कि जो इंसान खुद की तारीफ कर रहा हो, वहां पर बोलना सही नहीं होता है. वहां पर चुप रहना ही सही होता है. इस जगह अगर आप कुछ बोलते हैं, तो आप अपमानित हो सकते हैं.

यहां शांत रहना ही उचित

एक कहावत है कि अधजल गगरी छलकत जाय. यानी कि मटका अगर खाली रहता है, तो उसमें से पानी छलकता रहता है और जब वह पूरा भरा होता है, तो नहीं छलकता है. इसी तरह मनुष्य का भी स्वभाव होता है. आधी अधूरी जानकारी वाला व्यक्ति बहुत उतावला होता है और जिसे ज्ञान होता है वह शांत स्वभाव का होता है. ऐसे ही लोगों के लिए चाणक्य नीति में लिखा गया है कि मनुष्य को आधी जानकारी में चुप रहना ही सही होता है.

जब कोई बताए परेशानी

चाणक्य नीति के अनुसार, जब मनुष्य आपके सामने अपना दुख-दर्द या परेशानी को साझा करे, तो उस दौरान उसकी बातों को ध्यान से सुनना चाहिए. इस समय मनुष्य को चुप रहना ही सही होता है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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