क्रिसमस आने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. 25 दिसंबर को दुनिया भर में क्रिसमस मनाया जाएगा. यह छुट्टियों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, क्योंकि परिवार और दोस्त उत्सव मनाने के लिए एक साथ आते हैं, नए साल का स्वागत करते हैं, शानदार दावतों का आनंद लेते हैं, गिफ्ट्स का आदान-प्रदान करते हैं साथ ही उत्सव का आनंद लेने के लिेए बहुत गैदरिंग करते हैं. ऐसे में अगर हम आपको ये कहें क्रिसमस केवल एक नहीं बल्कि 12 दिनों का त्योहार है तो. जी हां, क्रिसमस का त्योहार एक दिन नहीं बल्कि पूरे 12 दिनों तक चलता है. इन बारह दिनों का अपना एक खास महत्व है. हर दिन के पीछे एक मान्यता है.
-
पहला दिन यानि 25 दिसबंर, इसे क्रिसमस का पहला दिन कहा जाता है. इस दिन से ही क्रिसमस का जश्न शुरू हो जाता है. पहले दिन को प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं.
-
26 दिसंबर को बॉक्सिंग डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को सेंट स्टीफन डे के नाम से भी जाना जाता है. सेंट स्टीफन पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने ईसाई धर्म के लिए अपनी कुर्बानी दी थी.
-
27 दिसंबर यह दिन सेंट जॉन को समर्पित होता है. ये ईसा मसीह से प्रेरित और उनके मित्र माने जाते हैं.
-
28 दिसंबर इस दिन किंग हीरोद ने ईसा मसीह को ढूंढते समय कई मासूम लोगों का कत्ल कर दिया था. इस दिन उन्हीं मासूम लोगों को याद कर उनके लिए प्रार्थना की जाती है.
-
29 दिसंबर का दिन सेंट थॉमस को समर्पित है, 12वीं सदी में चर्च पर राजा के अधिकार को चुनौती देने पर उनका 29 दिसंबर को कत्ल कर दिया गया था. इस दिन क्रिश्चियन समुदाय के लोग उन्हें याद करते हैं.
-
30 दिसंबर को इस दिन क्रिश्चियन समुदाय के लोग सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर को याद करते हैं.
-
31 दिसंबर के बारे में कहा जाता है कि पोप सिलवेस्टर ने इस दिन को मनाया था. कई यूरोपियन देशों में न्यू ईयर इव को सिलवेस्टर कहा जाता है. इस दिन गेम्स आयोजित किए जाते हैं. इस दिन नए साल से पहले की शाम के रूप में भी मनाया जाता है.
-
1 जनवरी को जो कि क्रिसमस का आंठवां दिन है यह दिन ईसा मसीह की मां मदर मैरी को समर्पित है.
-
2 जनवरी का दिन चौथी सदी के सबसे पहले ईसाई ‘सेंट बसिल द ग्रेट’ और ‘सेंट ग्रेगरी नाजियाजेन’ को याद किया जाता है.
-
3 जनवरी को लेकर मान्यता है कि इस दिन ईसा मसीह का नाम रखा गया था. इस दिन चर्च को सजाया जाता है और गीत गाए जाते हैं.
-
4 जनवरी को 18वीं और 19वीं सदी की सेंट एलिजाबेथ अमेरिका की पहली संत थीं. इस दिन उन्हें याद किया जाता है.
-
5 जनवरी को क्रिसमस पर्व का आखिरी दिन माना जाता है, इस दिन को एपीफेनी भी कहा जाता है. यह दिन अमेरिका के पहले बिशप सेंट जॉन न्यूमन को समर्पित है.
क्रिसमस जीसस क्राइस्ट के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला उत्सव है. जीसस क्राइस्ट को भगवान का बेटा कहा गया है. क्रिसमस का नाम भी क्राइस्ट से पड़ा. वैसे तो बाइबल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही हर साल क्रिसमस मनाया जाता है. जानकारी के अनुसार पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया और फिर इसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने आधिकारिक तौर पर जीसस के जन्म को 25 दिसंबर को ही मनाने का ऐलान कर दिया.
Also Read: Christmas 2023 Decorations: क्रिसमस की रौनक हैं घंटियां, जुराबें और सितारे, जानें इससे जुड़ी खास बातें
क्रिसमस पर शुभकामनाएं देते वक्त लोग अक्सर हैप्पी की जगह मैरी क्रिसमस कहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लोग मैरी क्रिसमस ही क्यों कहते हैं, हैप्पी क्रिसमस क्यों नहीं बोलते? मैरी शब्द का आखिर क्या मतलब है. आपके इन सारे सवालों का जवाब मिलेगा यहां.
16वीं शताब्दी में जब अंग्रेजी भाषा अपनी शुरुआती अवस्था में थी उसी समय मैरी शब्द भी आया. फिर 18वीं और 19वीं शताब्दी में यह अधिक प्रचलित हुआ. क्रिसमस के साथ हैप्पी से ज्यादा मैरी का इस्तेमाल होने लगा. हालांकि क्रिसमस के अलावा अबतक अन्य किसी भी फेस्टिवल में मैरी शब्द का प्रयोग नहीं किया गया.
Also Read: Vastu Tips: वास्तु के अनुसार इस दिशा में क्रिसमस ट्री लगाना होता है बेहद शुभ