how work from home increase company productivity कोरोना के संक्रमण को बढ़ता देख केंद्र सरकार ने देश भर में लॉकडाउन लागू कर रखा है. यह हाल केवल भारत का ही नहीं बल्कि दुनियाभर का है. बड़ी से बड़ी कंपनियां फिलहाल ठप पड़ी हुई है. ऐसे में ”वर्क फ्रॉम होम” का कल्चर अपनाया जा रहा है. कई कंपनियों का इससे काम चल रहा है लेकिन कई मैन्युफैक्चरिंग करनी वाली कंपनियों को इससे काफी नुकसान भी हो रहा है.
हालांकि, आपको बता दें कि भारत के कॉरपोरेट कल्चर के लिए यह भले ही नई बात हो, लेकिन इस आपदा के दौर में अपनाई गई इस व्यवस्था का प्रचलन दुनिया के अन्य देशों में पहले से जारी रहा है.
लॉकडाउन के बाद भी कंपनियां दफ्तरों का कामकाज ऑनलाइन से संपन्न कराना जारी रखेंगी तो इससे व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सकता है.
पर्यावरण के लिहाज से यह कल्चर सही माना जा रहा है. अगर इसे आगे भी जारी रखा गया तो लोगों को प्रदूषण से छूटकारा मिलेगा. दोबारा कोरोना जैसे प्राकृतिक आपदा का सामना नहीं करना पड़ेगा. सोशल डिस्टेंस मेंटेन रहेगा.
कई कंपनियां किराये के मकान में चलती है जहां महीने भर में उन्हें जरूरत अनुसार खर्चे करने पड़ते है, जैसे- पानी, कॉफी, चाय, बिजली, टेबल, चेयर से लेकर कई तरह की चीजें. ऐसे में अगर स्टॉफ से कंपनियां घर पर ही काम लें तो इन खर्चों से बचा जा सकता है
घर से काम करना किसे अच्छा नहीं लगता, ऐसे में कंपनी सशर्त स्टॉफ से ऑफिस के बनिसपत ज्यादा काम ले सकती है.
देखा गया है कि घर में रहने के बहाने लोग अक्सर छुट्टी लिया करते थे. अत: इस मामले में कुछ हद तक कंपनी को फायदा हो सकता है.
लोग अक्सर गाड़ी पंचर, पेट्रोल नहीं है, पैसे नहीं जैसे कई बहानों से ऑफिस से छुट्टी लेते रहे हैं. ऐसे में वर्क फ्रॉम हो जाने के बाद ऐसे बहानों में कमी आने की उम्मीद है
प्रेग्नेंसी के दौरान मैटरनिटी लीव मिलता है, बावजूद इसके कई महिलाएं बैठे-बैठे बोर हो जाती हैं और कुछ काम करना चाहती है. ऐसे में कंपनी कुछ दिनों तक महिलाओं से काम ले सकती है.
आए दिन देश में बंदी होती थी जिससे महिलाओं को ऑफिस आने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, ऐसे में कंपनी अगर वर्क फ्रॉम होम का आदेश दे दें तो इन चिजों से स्टॉफ को भी मुक्ति मिलेगी और कंपनी के लिए भी ज्यादा बेहतर काम हो पाएगा
– हालांकि, इन सबके लिए बॉस को पूरी तरह मॉनीटरींग करने की जरूरत होगी.
– काम शुरू करने और काम समाप्त करने के बाद स्टॉफ का वर्क रिर्पोट चेक करना होगा
– कंपनी की कुछ बेसिक खर्चें बढ़ सकती हैं, जैसे स्टॉफ का इंटरनेट बिल वगैरह.
भारत में लोगों ने फिहलाल किचन, सोफे, बेड को ही अभी ऑफिस बना लिया है. लेकिन, वर्क फ्रॉम तब ही सक्सेस करता है जब उसे ऑफिस की तरह ही फॉलो करें. जैसे-तैसे करने से कई घाटे हैं. आपको काम में मन नहीं लगेगा. घर के कामों में भी व्यस्त हो सकते हैं. बच्चें परेशान कर सकते है आदि.
घर से काम करने के कारण कुछ लोगों को आलस्य महसूस होने लगता है. अत: सुबह जैसे ऑफिस के लिए तैयार होते है बिल्कुल वैसे ही तैयार होकर काम करने बैठें. ऐसा देखा गया है कि लोग पैजामे या नाईटी में ही ऑफिस का काम करने बैठ जाते हैं. जिससे उन्हें थोड़ी देर बाद घर वाली फीलिंग होने लगती है.
काम करने का माहौल घर में होना बेहद जरूरी है. अगर आप बेडरूम, किचन, टॉइलेट में ऑफिस का काम करने लग जा रहें तो इससे काम का माहौल नहीं बनेगा और आपको थोड़ी देर बाद काम करने का मन भी नहीं करेगा.
ऑफिस जैसे डेस्क, कुर्सी और टेवल नहीं होने के कारण आपके शरीर में ऐंठन हो सकती है ऐसे में बीच में शरीर को स्ट्रेच कर लें और थोड़े-थोड़े अंतराल में ब्रेक जरूर लें.
वर्क फ्रॉम होम के दौरान आप अपने काम के समय को लेकर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. चाहे वो काम की शुरूआत करने के समय हो या काम के बंद करने का समय. दोनों ही वक्त आपको अनुशाषित रहना होगा. इससे आप कंपनी की प्रोडक्टिविटी भी बढ़ा सकते है और बॉस को काम से आकर्षित भी कर सकते हैं.
व्हाट्सएप वीडियो कॉल हो या जूम क्लॉड जैसे ऐप के जरिये आप अपने ऑफिस सहकर्मियों के संपर्क में रह सकते है. इसके लिए आप ईमेल, फोन, चैट या वीडियो कॉल आदि भी कर सकते हैं. इससे आप खुद को अलग-थलग महसूस नहीं करेंगे.