मक्के की रोटी और सरसों का साग – पंजाब
भारत में ऐसे कई लोग है जो सरसों का साग और मक्के की रोटी खाने के लिए एक शहर से दूसरे शहर में भी पहुंच जाते हैं. ऐसे में अगर आप पंजाब के जालंधर शहर में किसी काम से या घूमने जा रहे हैं और जालंधर में इसका लजीज स्वाद चखना चाहते हैं तो फिर आपको इधर-उधर भटने की ज़रूरत नहीं है. छोला-भटूरा, राजमा-चावल, अमृतसरी मछली और विश्व प्रसिद्ध लस्सी भी इस क्षेत्र के लोकप्रिय व्यंजन है.
ढोकला – गुजरात
गुजरात में ढोकला सबसे लोकप्रिय है, और एक पसंदीदा शाकाहारी नाश्ता है जो गुजरात से उत्पन्न हुआ है. इस व्यंजन में किण्वित छोले और चावल का घोल, मिर्च और अदरक जैसे मसाले और धनिया, नारियल या कटी हुई मिर्च से गार्निश किया जाता है. सूजी, चावल पाउडर, या पनीर ढोकला जैसी विभिन्न विविधताएं भी हैं. में ढोकला एक प्रसिद्ध नाश्ता या नाश्ता आइटम है. ढोकला एक लो कैलोरी डिश है. अन्य व्यंजनों जो समान रूप से लोकप्रिय हैं थेपला, खंडवी और गुजराती कढ़ी कर रहे हैं.
वड़ा पाव – महाराष्ट्र
महाराष्ट्र भोराज्य का सबसे प्रसिद्ध स्ट्रीट स्नैक, वड़ा पाव, महाराष्ट्र की किसी भी यात्रा पर चखा जाना चाहिए. वड़ा पाव उन लोगों के लिए एक आदर्श स्नैक है जो कुछ स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का आनंद लेना चाहते हैं क्योंकि यह मसालेदार आलू भरकर बनाया जाता है और नरम ब्रेड के साथ परोसा जाता है. जीरा, धनिया, और हल्दी उन कई मसालों में से हैं जिनका उपयोग आलू के मिश्रण को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है, जो इसे एक विशिष्ट स्वाद देता है जिसे नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है.
लिट्टी चोखा– बिहार
लिट्टी और चोखा बिहार का एक लोकप्रिय स्वादिष्ट भोजन है. इसका सेवन झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और नेपाल में भी किया जाता है. लिट्टी गेहूँ के आटे से बनी एक लोई होती है. इसमें सत्तू का मिश्रण भरा जाता है, जिसमें मसाले, प्याज, अदरक, लहसुन, नींबू का रस, अजवायन और अन्य मसालों को मिलाया जाता है. कभी-कभी स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें आचार भी डाले जाते हैं. परंपरागत रूप से, इस आटे की लोई को गोबर के उपले, लकड़ी या कोयले के ऊपर भूना जाता था और घी में डुबाया जाता था.
दाल बाटी चूरमा – राजस्थान
जिस तरह पंजाब में छोले-भठूरे फ़ेमस हैं, ठीक उसी तरह राजस्थान का दाल-बाटी-चूरमा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. राजस्थान के इस पारंपरिक भोजन को हर ख़ास मौक़े पर बनाया जाता है. राजस्थान के इस पकवान का इतिहास हज़ारों साल पुराना है. कहते हैं कि जब भी राजपूत युद्ध लड़ने जाते थे, तब वो आटे की बनी बाटी को रेत में गाड़ दिया करते थे. शाम तक ये बाटियां सूरज की गर्मी से पक जाती थीं और युद्ध से लौटते समय सैनिक इन्हें निकाल लाते थे. फिर इन्हें वो रात को दही, घी आदि के साथ खाया करते थे.
मछेर झोल– पश्चिम बंगाल
मछेर झोल एक फिश करी है जिसे कलौंजी और मिर्च के साथ तैयार किया जाता है ताकि इसे एक परफेक्ट डिश बनाया जा सके. यह पश्चिम बंगाल की सबसे अधिक स्वाद वाली मछली है.
हैदराबादी बिरयानी – आंध्र प्रदेश
हैदराबादी बिरयानी एक लोकप्रिय व्यंजन है जिसकी उत्पत्ति हैदराबाद में हुई थी, यह आंध्र प्रदेश का भी एक व्यापक रूप से प्रसिद्ध व्यंजन है, जहाँ इसे मसालों और खाना पकाने की तकनीकों में क्षेत्रीय विविधताओं के साथ अनुकूलित किया गया है. चिकन और बकरी के मांस को जोड़ने के लिए आंध्र प्रदेश बिरयानी अपने मसालेदार स्वाद के लिए जानी जाती है. मीट को मैरीनेट करने के लिए मसाले और दही का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक स्वादिष्ट और सुगंधित व्यंजन है जिसे आमतौर पर समारोहों में परोसा जाता है और आमतौर पर रायता, दही-आधारित मसाला और मसालेदार करी या सॉस के साथ परोसा जाता है.
डोसा – तमिलनाडु
डोसा तमिलनाडु का पारंपरिक भोजन है. यह किण्वित चावल और उड़द की दाल (काले चने की फलियाँ) के मिश्रण से बनाया जाता है. फिर इसे एक गर्म, चिकने तवे पर बेक किया जाता है, जिससे एक गोलाकार रूप में एक नाजुक, पतली बनावट बनती है. डोसा टमाटर डोसा, प्याज डोसा, रवा डोसा, वेजी डोसा, सादा डोसा और मसाला डोसा सहित विभिन्न स्वादों और आकारों में उपलब्ध है. यह हाई-कैलोरी स्नैक पूरे भारत में बेहद लोकप्रिय है. डोसा विशेष रूप से नाश्ते या देर रात के नाश्ते के लिए लोकप्रिय है.
प्रॉन – गोवा
प्रॉन बावचाओ गोवा की एक ऐसे डिश है जिसमें झींगे का इस्तेमाल किया जाता है. गोवा के लोग पकवान में झीगें का काफी ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. प्रॉन बावचाओ को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले, भुने हुए प्याज, नारियल का सिरका, मिर्च और टमाटर का इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप मांसाहारी भोजन पसंद करते हैं तो आपको यह डिश जरुर पसंद आएगी.
घेवर – जयपुर
घेवर मिठाई की शुरुआत राजस्थान से हुई जहां लड़कियों की शादी के बाद सावन में तीज के दिन उनके मायके से घेवर आता है या वो अपने मायके जाती हैं तो घेवर लेकर जाती हैं. रक्षाबंधन पर भी अपने भाई को राखी बांधते वक्त घेवर खिलाने का महत्व है. लेकिन शायद आपको पता हो या ना हो, मॉनसून में घेवर बनाने और खाने की दूसरी एक खास वजह हमारी सेहत भी है. आपको बताते हैं कैसे इस मौसम में घेवर खाना हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है.
डिस्क्लेमर : दी गई जानकारी इंटरनेट से ली गई है. किसी भी तरह के पकवान को बनाने या खान से पहले जांच परख करें व विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें. प्रभात खबर डॉट कॉम दिये गए किसी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. हमारी खबर किसी भी तरह के मादक पदार्थ के सेवन को बढ़ावा नहीं देता है.