शिखर चंद जैन
Diwali 2023 : दिवाली रोशनी और खुशियों का त्योहार है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है. इस दिन लोग अपना घर फूलों और दीयों से सजाते हैं और माता लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं, ताकि उनके जीवन में समृद्धि आये. दिवाली से पहले धनतेरस पर लोग घरेलू उपयोग के सामान, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, सोने-चांदी के आभूषण और कपड़ों की खरीदारी करते हैं, मगर कई बार उत्साह में आकर लोग फिजूलखर्ची भी कर लेते हैं, जिससे घर का बजट बिगड़ जाता है. खरीदारी कीजिए, मगर समझदारी से. दरअसल, अपनी गाढ़ी कमाई के सदुपयोग के लिए वित्तीय प्रबंधन जरूरी है, क्योंकि कहा भी गया है कि लक्ष्मी चंचला होती हैं. यह सदैव एक जगह टिक कर नहीं रह सकती. इसलिए जरूरी है कि पैसे खर्च करने में भी अनुशासित रहें, ताकि खरीदारी की यह क्षमता हमेशा बनी रहे, जो घर में सुख-समृद्धि के लिए बेहद जरूरी है.
दिवाली का दिन बहुत शुभ माना गया है. मान्यता है कि दिवाली पर श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा घर-परिवार पर बनाये रखती हैं. दरअसल, दिवाली की हर कार्यविधि हमें एक अच्छे निवेशक होने की सीख भी देती है. इसलिए जिस तरह से दिवाली की तैयारी करते हैं और मनाते हैं, ठीक उसी तरह हमें अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग की भी तैयारी करनी चाहिए.
अपने निवेश की समीक्षा करें
कई लोग विभिन्न शेयरों या अन्य मदों में निवेश करके भूल जाते हैं और सोचते हैं कि समय बीतने पर हर चीज की कीमत बढ़ती है, तो जरूर उनके निवेश की भी ग्रोथ होगी, लेकिन यह एक भूल है. अपने निवेश की समय-समय पर समीक्षा करें. बेकार और अनुपयोगी साबित हो चुके शेयर, म्यूचुअल फंड या अन्य मदों से छुटकारा पाकर अपना पैसा बेहतर रिर्टन वाले जगह पर लगाएं. इसके लिए आप फाइनेंस एक्सपर्ट से नियमित सलाह ले सकते हैं.
मासिक बजट जरूर बनाएं
अक्सर कई लोग शिकायत करते हैं कि हम खूब कमाते हैं, लेकिन हमारे हाथ में तो पैसा टिकता ही नहीं. दरअसल, ऐसे लोग अपनी आय-व्यय का हिसाब नहीं रखते हैं और न ही मासिक बजट बनाते हैं. आपके मासिक बजट का 40-50% फिक्स एक्सपेंसेज (स्कूल फीस, किराया, गैस सिलेंडर, हेल्थ इंश्योरेंस, बिजली बिल, राशन आदि) के लिए, 15-25% निवेश के लिए (शेयर, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस) एवं 25-35% अन्य खर्चों के लिए फिक्स रहना चाहिए.
अगर लग्जरी पर पैसा उड़ायेंगे
अगर आप जरूरत से ज्यादा शौकीन और बेपरवाह हैं, तो इसका खामियाजा आपको देर-सबेर भुगतना ही होगा. आये दिन मल्टीप्लेक्स में मूवी देखना, महंगे सुपरस्टोर्स में ब्रांडेड चीजों की खरीददारी पर पैसा खर्च करना, जहां पब्लिक व्हीकल से काम चल सकता है, वहां भी टैक्सी की सवारी करना, अपने बजट से हट कर एससेरीज खरीदना और दोनों हाथों से पैसा उड़ाना आदि आदतें आपको दूसरों के आगे हाथ फैलाने को मजबूर कर सकती हैं. बेहतर यही होगा कि अपनी आय के मुताबिक अपने शौक पूरा करने की आदत डालें.
अगर क्रेडिट कार्ड का ऋण रोल ओवर करेंगे
कई लोग क्रेडिट कार्ड हाथ में आते ही खुद को बादशाह समझ बैठते हैं और समय पर ऋण नहीं चुकाते या फिर मिनिमम अमाउंट चुकाकर उसे रोल ओवर करते रहते हैं. अनजाने में ही ये भारी भरकम ब्याज चुकाकर अपनी पैर पर कुल्हाड़ी मार लेते हैं. मालूम होना चाहिए कि बैंक इस रकम पर च्रकवृद्धि ब्याज लेता है, जो आपकी इनकम को दीमक की तरह चाट जाता है. इसलिए बेहतर होगा कि क्रेडिट कार्ड का समझदारी से एवं जरूरत पड़ने पर ही इस्तेमाल करें.
अगर घरेलू चीजों को नहीं संभालेंगे
कई लोग रोजमर्रा उपयोग के घरेलू उपकरण का खूब इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उनके रख-रखाव या सर्विसिंग पर ध्यान नहीं देते. नतीजतन, कार, एयर कंडीशनर, कूलर, मिक्सर ग्राइंडर, माइक्रोवेव, वाशिंग मशीन या ऐसी ही कोई अन्य चीज अचानक खराब हो जाती है और कई बार तो रिपेयरिंग लायक भी नहीं बचती. इससे अचानक बजट पर बड़ा दबाव आ जाता है. बेहतर होगा कि इनके मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और सर्विसिंग नियमित अंतराल पर कराते रहें, ताकि ये सालों साल चलें और दुरुस्त भी रहें.
कमाई का कुछ हिस्सा इमरजेंसी फंड में रखें
आप हर महीने जो अन्य खर्चों के लिए 25-35 फीसदी बजट में रिजर्व रखते हैं, उसका एक बड़ा हिस्सा इमरजेंसी फंड के लिए बचाने की कोशिश करनी चाहिए. वित्तीय सलाहकारों का मानना है कि हर व्यक्ति को अपनी मासिक आय के 6 से 9 महीनों में से कुछ रकम इकट्ठी रखनी चाहिए. व्यापार में घाटा लगने, नौकरी छूटने या बीमारी पर बेतहाशा खर्च होने की सूरत में इस फंड से काफी सहारा मिलता है. इसी प्रकार कई बार अचानक कोई महत्वपूर्ण मेहमान आ जाये या घर में कोई बर्थ डे पार्टी या एनीवर्सरी पार्टी का आयोजन करना पड़ जाये, तो पैसों के लिए आपको किसी के मुंह की तरफ ना देखना पड़े.