Diwali 2024: इस साल दिवाली का त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाने वाला है. सभी घरों में इसकी तैयारी शुरु हो गई है. दिवाली के त्योहार के स्वागत के लिए लोग अपने घरों की सफाई कर रहे हैं. दिवाली दीपों का त्योहार माना जाता है और इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, पूजा के दौरान माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को कई चीजें अर्पित की जाती है, जिसमें मूढ़ी और बताशा भी शामिल होता है, लेकिन कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि आखिर दिवाली पूजा में मूढ़ी और बताशे का क्या महत्व है. अगर आपको भी इस बात की जानकारी नहीं है कि दिवाली की पूजा में मूढ़ी और बताशा क्यों चढ़ाया जाता है, तो इस लेख में इस प्रश्न से जुड़ी कुछ जानकारी दी गई है.
फसल से है संबंधित
दिवाली की पूजा में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को ऐसी चीजें अर्पित की जाती है, जो उन्हें बहुत प्रिय होती है. इस त्योहार में माता लक्ष्मी को सूखा धनिया और भगवान गणेश को मोदक का प्रसाद चढ़ाना शुभ माना जाता है, लेकिन इस पूजा के दौरान लोग भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी को मूढ़ी और बताशे का प्रसाद भी चढ़ाते हैं. मूढ़ी, धान का ही एक रूप है और इसे दिवाली के त्योहार में इसलिए चढ़ाया जाता है, क्योंकि दिवाली से पहले ही धान की फसल तैयार होती है और इसे दिवाली के त्योहार में पहले भोग की तरह अर्पित किया जाता है.
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धन से है संबंध
दिवाली के दिन भगवान को मूढ़ी और बताशे इसलिए भी चढ़ाए जाते हैं, क्योंकि माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है और धन से संबंधित ग्रह, शुक्र ग्रह है. शुक्र देवता के बारे में यह मान्यता है कि उन्हें धान बहुत अधिक प्रिय है. जीवन में सुख-समृद्धि बने रहे इसलिए भी दिवाली के त्योहार में भगवान को मूढ़ी और बताशे का प्रसाद चढ़ाया जाता है.
शुक्र देव को है प्रिय
शुक्र देव को सफेद रंग, धान और मीठी चीजें बहुत पसंद आती है, इसलिए दिवाली के त्योहार में मूढ़ी और बताशे को सम्मिलित रूप से चढ़ाया जाता है, ऐसा मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और शुक्र देव को खुश करने के लिए किया जाता है.
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