Eid-Al-Adha 2024 Date: ईद-अल-अधा का त्योहार मुस्लिक समुदाय के लोगों के लिए एक अहम त्योहार है, इस दिन लोग मस्जिदों में एक साथ नमाज अदा करते हैं और बकरे की कुर्बानी भी देते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के ठीक दो महीने बाद बकरीद का त्योहार मनाया जाता है. इस खास मौके पर लोग अपने रिश्तेदारों के घर भी जाते हैं और उन्हें बधाइयां देते हैं. इस दिन विशेष रूप से कई लोग अपने घरों में एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाते हैं, ऐसे में जानें इस साल कब है बकरीद और क्या है इस खास त्योहार का महत्व.
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Eid-Al-Adha 2024: इस साल कब है बकरीद?
मुस्लिम समुदाय के धर्म गुरुओं के अनुसार, दिल्ली में आसमान में में शुक्रवार की शान की बादल होने की वजह से चांद नहीं दिखा लेकिन गुजरात, तेलंगाना, हैदराबाद और कई जगहों में चांद दिख गया था और उसके तहत 17 जून को बकरीद मनाई जाएगी, बता दें कि चांद दिखने के 10वें दिन बकरीद मनाई जाती है.
Eid-Al-Adha 2024: क्या है इस त्योहार का इतिहास
विशेषज्ञों के अनुसार, पैगंबर हजरत इब्राहिम ने कुर्बानी देने की प्रथा की सबसे पहले शुरुआत की थी. बताया जाता है कि एक बार अल्लाह ने पैगंबर इब्राहिम के प्रति अपने प्यार को साबित करने के लिए अपनी सबसे अजीब चीज त्याग करने का कहा था, इसपर पैगंबर इब्राहिम ने अपने इकलौते बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया था. इसके बाद जब पैगंबर अपने बेटे को मारने जा ही रहे थे, तब अल्लाह ने उनके बेटे को एक बकरे के रूप में बदल दिया था. तब से लोग प्रति वर्ष रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने के ठीक 70 दिन बाद बकरीद के त्योहार को मनाते हैं.
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Eid-Al-Adha 2024: बकरीद का महत्व
ईद अल आधा यानि कि बकरीद इस्लामी कैलेंडर के अनुसार आखिरी महीना होता है. इस दिन का खास महत्व है खुशियां बांटना और इस त्योहार को गरीबों और बेसहारा लोगों के साथ मनाना. इसलिए इस दिन कुर्बानी का गोश्त गरीबों में बांटा जाता है ताकि उन्हें एक वक्त का खाना ठीक से नसीब हो सके. नमाज अदा करने के बाद इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग बकरी की कुर्बानी देते हैं और अपने परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों, और गरीबों के साथ कुल तीन हिस्सों में एक बंटवारा करते हैं.