Hariyali Teej Rangoli : हरियाली तीज का त्योहार भारतीय समाज में महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, यह पर्व भगवान शिव और पार्वती के उत्तर कुंभ में माना जाता है और महिलाओं द्वारा उनके धर्मपति की दीर्घायु और समृद्धि की कामना की जाती है, इस अवसर पर लोग विशेष ढंग से तैयारी करते हैं और विभिन्न प्रकार की रंगोलियां बनाते हैं, जिनका महत्वपूर्ण हिस्सा है:-
– पारंपरिक महत्व:
हरियाली तीज का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य उनके पतिदेव की दीर्घायु और उनकी समृद्धि की कामना होती है.
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– रंगोली का महत्व:
इस पर्व पर घरों के आंगनों में रंगोलियां बनाई जाती हैं, जिन्हें अलग-अलग प्रकार के रंगों से सजाया जाता है, रंगोली बनाने की परंपरा महिलाओं के बीच प्रसिद्ध है, जो इसे अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर मानती हैं.
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– गौरी-गणपति रंगोली:
गौरी-गणपति के रंगोली विशेष रूप से हरियाली तीज पर बनाई जाती हैं, इन रंगोलियों में गौरी-माता और उनके पुत्र गणेश की प्रतिमाएं बनाई जाती हैं, जिन्हें बहुत ही सुंदरता से सजाया जाता है.
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– रंगोली बनाने की विधि:
रंगोली बनाने के लिए सबसे पहले एक अच्छी और साफ सफाई की जगह चुनी जाती है, फिर इसे अच्छी तरह से सफाई से किया जाता है और फिर रंगों के साथ इसे सजाया जाता है.
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– रंगोली की खासियतें:
ये रंगोली बहुत ही सुंदर दिखती हैं और इन्हें बनाने के लिए विभिन्न रंगों का उपयोग किया जाता है, इसके अलावा, रंगोली को खास रूप से चारों ओर गोबर से रचाया जाता है.
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इस पर्व का अंत बधाई और आशीर्वादों के साथ होता है, महिलाएं अपने स्त्री बंधुओं के साथ मिलकर खुशियां मनाती हैं और एक दूसरे को सजावटियों का प्रदर्शन करती हैं, इस अवसर पर रंगोलियां न केवल एक प्रदर्शन का हिस्सा होती हैं, बल्कि इन्हें एक सामाजिक संवाद के माध्यम के रूप में भी देखा जाता है, इस प्रकार, हरियाली तीज पर गौरी-गणपति रंगोलियां बनाना एक सामूहिक और सांस्कृतिक प्रथा है जो महिलाओं के द्वारा अपने सम्पूर्णता और समृद्धि की कामना का प्रतीक है.