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Hindi Diwas Speech: यहां से तैयार करें हिंदी दिवस पर आसान व दमदार स्पीच, भाषण

Hindi Diwas : यह दिन हिंदी भाषा के महत्व और महत्ता पर ध्यान देने के साथ भारत की भाषाई विविधता को बढ़ावा देने और जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है. इस मौके पर स्कूलों और कॉलेजों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. हिंदी दिवस पर निबंध, भाषण या स्पीच देना हैं तो यहां से तैयार करें एक से एक फॉर्मेट.

Hindi Diwas : पूरे देश में भाषा और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. हिंदी भारत में आधिकारिक भाषा है और फिजी, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, मॉरीशस जैसे देशों में काफी लोकप्रिय है. दुनिया भर में 420 मिलियन से अधिक लोग हिंदी को अपनी पहली भाषा के रूप में बोलते हैं, जबकि 120 मिलियन लोगों की दूसरी भाषा हिंदी है. यह दिन हिंदी भाषा के महत्व और महत्ता पर ध्यान देने के साथ भारत की भाषाई विविधता को बढ़ावा देने और जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है. हिंदी दिवस के मौके पर स्कूलों और कॉलेजों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसमें छात्र हिंदी भाषा में भाषण तैयार करते हैं, जबकि कुछ छात्र इस अवसर के लिए निबंध, कविताएं, कहानियां सुनाते हैं. हिंदी दिवस पर निबंध, भाषण या स्पीच देना हैं तो यहां से देखें एक से बढ़ कर एक फॉर्मेट.

भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा…

प्रतियोगिता में मौजूद सभी अतिथिगण को मेरा नमस्कार, मैं शिवम हूं. हिन्दी दिवस के खास मौके पर आज खुद को इस प्रतियोगिता में शामिल करके मैं गर्व महसूस कर रही हूं. साथियों जैसा की हम सभी जानते हैं कि हम लोग हिन्दी दिवस के खास मौके पर हिन्दी भाषा के सम्मान को बढ़ाने के लिए आज यहां एकत्रित हुए है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हिन्दी दिवस पिछले 67 सालों से 14 सितंबर के दिन हर साल सेलिब्रेट किया जाता है. इसी दिन हिन्दी भाषा को संवैधानिक रूप से भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला था. दो सौ साल की ब्रिटिश राज की गुलामी से आजाद होने के बाद भारतीयों ने सपना देखा था, कि एक दिन पूरे देश की एक ही भाषा होगी, जिसके जरिए देश के कोने-कोने में वाद-संवाद होगा. संविधान निर्माताओं ने देवनगरी में लिखी हिन्दी भाषा को देश की भाषा के रूप में स्वीकार किया.

हिंदी का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना…

मुझे इस बात की काफी खुशी है कि आज के इस विशेष दिन इस कार्यक्रम में मुझे आप सब की मेजबानी करने का अवसर मिला है. आज के अवसर पर मैं आप सबके सामने हिंदी के महत्व और वर्तमान काल में इसके उपर मंडरा रहे संकट तथा इसके निवारण के विषय में चर्चा करना चाहूंगा. जैसा कि हम सब जानते है कि हिंदी भारत की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है, वैसे देखा जाए तो हिंदी का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना है, परन्तु आधुनिक काल (1850 ईस्वी के पश्चात) में इसमें सबसे अधिक विकास हुआ. यह वह समय था, जब हिंदी भाषा में भारतेंदु और प्रेमचंद जैसे महान सूर्यों का उदय हुआ. इसके साथ भारत के आजादी में भी हिंदी भाषा का काफी महत्व रहा है, चाहे वह आजादी के लिए तैयार किए गये हिंदी नारे हो या फिर देशभक्ति कविताएं सभी ने देश की जनता के ह्रदयों में क्रांति की ज्वाला को भरने का कार्य किया। यही कारण था कि हिंदी को जन-जन की भाषा माना गया और आजादी के पश्चात इसे राजभाषा का दर्जा मिला.

सबसे अधिक बोली या समझे जाने वाली भाषा…

हिन्दी विश्व की एक प्रमुख भाषा है जिसे भारत की राष्ट्रभाषा के तौर पर भी जाना जाता है. हिंदी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा के साथ-साथ भारत की सबसे अधिक बोली या समझे जाने वाली भाषा है. यही कारण है कि इसका चयन राष्ट्रभाषा के तौर पर करने का विचार किया गया. एथनॉलोग की मानें तो हिन्दी विश्व की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. इसे विश्व आर्थिक मंच की गणना के बाद विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक माना गया था. दरअसल, हिन्दी को पूरे भारत के विभिन्न राज्यों में शुरू से बोला जाता रहा है. आपको यह जानकर खुशी होगी की कई देशों में तो बोला ही जाता है. लेकिन, अबू धाबी में इसे विशेष रूप से न्यायालय द्वारा तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली थी. हिन्दी दिवस हर साल 14 सितंबर को देशभर में मनाया जाता है. दरअसल, वर्ष 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने एक मत होकर इसे भारत की राजभाषा के तौर पर स्वीकार किया था. इसी महत्वपूर्ण निर्णय के बाद यह तय किया गया था कि इसे हर क्षेत्र में प्रसारित किया जाएगा.

हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए…

राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर हिंदी को वर्ष 1953 से पूरे भारत में लागू किया गया. जिसके बाद से ही 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के तौर पर मनाया जाता है. हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ चुके राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिवस 14 सितम्बर 1949 को था. जिस दिन हिन्दी को राष्ट्रभाषा स्वीकार किया गया. कहा जाता है कि उन्होंने इसे राष्ट्रभाषा के तौर पर स्थापित करवाने के लिए काका मैथिलीशरण गुप्त, कालेलकर, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास जैसे कई साहित्यकारों को साथ लेकर भरपूर प्रयास किया था.

अपनी मातृभाषा हिंदी के महत्व को याद करते हैं…

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है और यह एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सव है. इस दिन को मनाकर हम अपनी मातृभाषा हिंदी के महत्व को याद करते हैं और इसका सम्मान करते हैं. हिंदी, भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है। यह भाषा देशभक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक है. हिंदी हमारे संविधान की अधिकारिक भाषा है और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में महत्वपूर्ण है. हिंदी दिवस के अवसर पर, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए. हमें इसे सीखना, उसका सदुपयोग करना, और उसका संरक्षण करना चाहिए. हमें हिंदी की बढ़ती उपयोगिता को समझना चाहिए, ताकि हम अपने विचारों को सही ढंग से व्यक्त कर सकें. हिंदी दिवस के मौके पर हमें हमारे देश की एकता को और मजबूत बनाने के लिए हिंदी के महत्व को प्रमोट करना चाहिए, ताकि हम सभी भारतीय एक होकर आगे बढ़ सकें. हिंदी दिवस के मौके पर, हमें यह भी याद दिलाना चाहिए कि हमारी भाषा हमारी संस्कृति, गाथाएं, और इतिहास का प्रतीक है. हिंदी का सही ज्ञान हमें हमारे देश की धरोहर को समझने में मदद करता है और हमारे बच्चों को हमारे संस्कृति के मूल मूल्यों को सीखने में मदद करता है. हिंदी के महत्व को समझकर हमें इसे बचाने और बढ़ावा देने का प्रतिबद्ध रहना चाहिए. हमें विद्यालयों और समाज में हिंदी का उचित प्रयोग करना चाहिए ताकि यह भाषा हमें हमेशा जोड़े रहे और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में आगे बढ़ सके.इसी तरह, हिंदी दिवस हमें हमारे देश के सांस्कृतिक धरोहर के प्रति समर्पित और जागरूक बनाता है, और हमें यह याद दिलाता है कि हमारी मातृभाषा हमारी गर्व और पहचान का प्रतीक है.

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यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है…

भारत में 14 सितंबर को हर वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन भारत के विधानसभा द्वारा आधिकारिक तौर पर हिंदी भाषा राष्ट्रभाषा स्वीकार किया था. 14 सितंबर 1949 को ही भारत के घटक विधानसभा द्वारा हिंदी भाषा को भारतीय गणराज्य की आधिकारिक भाषा के तौर पर अपनाया गया. इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में छात्रों तथा स्टाफ को हमारी राष्ट्रीय भाषा का महत्व बताया जाता है. इस दिन विभिन्न हिंदी कहानी लेखन, कविता और बच्चों द्वारा मजेदार हिंदी नाटकों का आयोजन किया जाता है. यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस आधुनिक युग में भी लोगों को हिंदी भाषा के महत्व को याद दिलाता है. हिंदी दिवस पर लोगों के दिलों में देशभक्ति भी जागृत होती है.

इस दिन भारत के राष्ट्रपति…

इस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हिंदी से संबंधित क्षेत्रों में उनके बेहतर काम करने वाले लोगों को पुरस्कार वितरित किए जाते हैं. राजभाषा पुरस्कार विभागों, मंत्रालयों, पीएसयू और राष्ट्रीयकृत बैंकों को वितरित किए जाते हैं. 25 मार्च 2015 के आदेश में गृह मंत्रालय ने सालाना हिंदी दिवस पर दिए गए दो पुरस्कारों का नाम बदल दिया है. 1986 में स्थापित ‘इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार’, ‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार’ और ‘राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार’ बदलकर राजभाषा गौरव पुरास्कार हो गया है.

भारत सबसे विविध देशों में से एक…

भारत पूरी दुनिया में सबसे विविध देशों में से एक है. भारत में कई धर्म, रीति-रिवाज, परंपराएं, व्यंजन और भाषाएं हैं. वर्ष 2001 के रिकॉर्ड के अनुसार, हिंदी भाषा भारत की सबसे प्रमुख भाषाओं में से एक है. भारत में हिंदी भाषा के लगभग 26 करोड़ मूल वक्ता हैं. हिंदी भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है. हमारे देश में हिंदी भाषा को हर कोई आसानी से समझता और बोलता है.

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हिंदी भाषी होने पर गर्व…

संस्कृत से संस्कृति हमारी, हिंदी से हिंदुस्तान हमारा.” आज, हिंदी दिवस के इस शुभ दिन पर, हम यहां एक भाषा के रूप में हिंदी के मूल्यों और विविधीकरण को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं. हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में घोषित करने के साथ, हिंदी दिवस है हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है. यह भारत संघ में हिंदी भाषा के महत्व को दर्शाता है. हिंदी का महत्व काका कालेकर जैसे बहादुर पुरुषों के नेतृत्व में लंबे और व्यापक अभियानों में निहित है, जिन्होंने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए बहुत त्याग किया. हिंदी एक राष्ट्रभाषा के रूप में भारत को एक साथ रखता है और भारत की अखंडता और एकता को बनाए रखने के लिए सही समाधान साबित होता है, तो आइए हम एक साथ कहें कि हमें हिंदी भाषी होने पर गर्व है.

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