दुखों को भुला कर विधवा वृद्ध माताओं ने खेली फूलों की होली
राधाकुंड : राधा नगर स्थित मैत्री विधवा आश्रम पर निराश्रित माताओं द्वारा कन्हैया के संग फूलों की होली खेली विधवा माताओं ने अपने बेरंग जीवन में कन्हैया के साथ रंग और फूल बरसाए जीवन के अंतिम पड़ाव पर वृद्ध माताओं के जीवन में ना कोई खुशी ना ही कोई चाहा बेरंग हो चुकी जिंदगी में होली ने खुशियों के रंग भरे तो विधवा माताओं के चेहरे पर मुस्कान आ गई. एक दूसरे के गालों पर गुलाल लगाया और कन्हैया के ऊपर फूलों की पंखुड़ियां बरसाए मैत्री विधवा आश्रम में रह रही निराश्रित माताओं ने जब होली खेली तो उन्हें ऐसा लगा सारे संसार की खुशियां उन्हें मिल गई.
मैत्री विधवा आश्रम में सदियों पुरानी परंपराओं को तोड़ते हुए एक बार फिर रंगों का त्योहार विधवा माताओं ने आश्रम में मनाया. होली महोत्सव समारोह वृद्ध माताओं के लिए यादगार समारोह बन गया. आश्रम में रहने वाली अधिकतर विधवा माता पश्चिम बंगाल की रहने वाली है. कृष्ण भजन के साथ नाचते गाते हुए कन्हैया के साथ होली खेल कर उन्हें सारे संसार की खुशियां मिल गई.
मैत्री विधवा आश्रम में रह रही पश्चिम बंगाल की राजकुमारी दासी ने बताया हमारी जिंदगी ही निराश हो चुकी है. होली ने कुछ पल के लिए जो खुशियां हमें दी वह पूरी जिंदगी हमें याद रहेगी. मैत्री विधवा आश्रम के संचालक पूर्व जर्नल भूपेंद्र सिंह ने बताया होली महोत्सव का आयोजन विधवा माताओं की खुशी और बेरंग जिंदगी में रंग भरने के लिए प्रतिवर्ष आश्रम में होली महोत्सव का आयोजन किया जाता है.