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Workout Tips: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान कितना वजन उठाना सही? जानें

अगर आप जिम जाते हैं और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करते हैं तो ऐसे में यह स्टोरी आपके लिए काफी काम की साबित होने वाली है. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए आपको कितना वजन उठाना चाहिए.

How To Decide Weight During Strength Training: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान सही वजन का चुनाव करना काफी जरुरी माना जाता है. बात चाहे बिगनर्स की हो या फिर प्रोफेशनल्स की इन सभी के दिमाग में यह सवाल आता ही है कि ट्रेनिंग के दौरान उन्हें कितना वजन उठाना चाहिए. ट्रेनिंग के दौरान अगर आप सही वेट चुनते हैं तो यह काफी हद तक आपके फिटनेस गोल्स तक पहुंचने में आपकी मदद कर सकता है. इसीलिए बात जब आती है मसल बिल्डिंग की या फिर स्ट्रेंथ बढ़ाने की तो यह बात आपके लिए भी काफी जरुरी हो जाती है कि आप एक सही वेट का चुनाव करें. बता दें वर्कआउट के दौरान अगर आप बहुत ही ज्यादा हल्के या फिर हैवी वेट उठा लेते हैं तो ऐसे में आपका पूरा वर्कआउट सेशन बर्बाद हो सकता है केवल यहीं नहीं, आपको चोट भी आ सकती है. आज के इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको सही वेट का चुनाव करने में काफी मदद मिल जाएगी.

सबसे पहले अपने गोल को समझें

कितना वेट उठाना है यह तय करने में पहला स्टेप अपने फिटनेस टार्गेट्स को साफ तौर पर डिफाइन करना है. क्या आप मसल मास बढ़ाना चाहते हैं? मसल एंड्यूरेंस को बढ़ाना चाहते हैं या फिर स्ट्रेंथ बढ़ाना चाहते हैं? इनमें से हर ऑब्जेक्टिव के लिए आपका अप्रोच अलग-अलग होना चाहिए.

मसल मास बढ़ाने के लिए क्या करें: हाइपरट्रॉफी के लिए, ऐसे वेट का चुनाव करना चाहिए जिससे आप हर सेट के दौरान 6-12 रिपिटेशन्स लगा सकें, जहां लास्ट कुछ रिपिटेशन्स आपके मसल्स को चैलेंज कर सकें.

स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए क्या करें: अगर आप स्ट्रेंथ बढ़ाना चाहते हैं तो ऐसे में हम आपसे ऐसे वेट का चुनाव करने को कहेंगे जिससे आप 3 से लेकर 6 रिपिटेशन्स मार सकें जबतक आपका मसल पूरी तरह से थक न जाये.

एंड्योरेंस बढ़ाने के लिए क्या करें: अगर आप मसल एंड्योरेंस बढ़ाना चाहते हैं तो आपको ऐसे वेट का चुनाव करना चाहिए जिससे आप आसानी से 12 से लेकर 20 रिपिटेशन्स निकाल सकें.

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शुरुआत कहां से करें

अगर आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में नए हैं, तो सबसे सुरक्षित तरीका लाइट वेट से शुरुआत करना है. यह आपको हर एक्ससरसाइज के दौरान फोकस और फॉर्म को सही करने में मदद करेगा. लाइट वेट का चुनाव कर आप वर्कआउट के दौरान लगने वाली चोटों से भी बच सकेंगे. केवल यहीं नहीं, आपके वर्कआउट की इफेक्टिवनेस को मैक्सिमम लेवल तक पहुंचने में भी यह आपकी मदद कर सकता है. जेनरल रूल यह है कि ऐसे वजन से शुरुआत करें जिसे आप सही फॉर्म के साथ 10-15 रिपिटेशन लगा सकें. अगर लास्ट कुछ रिपिटेशन आपको चैलेंज नहीं करते हैं तो ऐसे में आपके लिए वजन बढ़ाने का समय आ गया है.

एक्स्ट्रा 2 रूल

अगर आप किसी भी वेट से फेलियर होने के बाद भी दो एक्स्ट्रा रिपिटेशन लगा पा रहे हैं तो समझ जाइये की अब आपके लिए वजन बढ़ाने का समय आ गया है. अगर आप ऐसा कर पा रहे हैं तो समझ जाइये कि आपके मसल्स को इस वेट की आदत हो चुकी है और अब आप हैवी वेट से ट्रेनिंग करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए हैं.

अपने बॉडी की सुनें

वर्कआउट के दौरान और बाद में आपका शरीर कैसे रियेक्ट करता है, इस पर ध्यान देना काफी जरुरी है. इफेक्टिव स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से आपके मसल्स को चुनौती मिलनी चाहिए, लेकिन दर्द नहीं होना चाहिए. अगर आप अपने पूरे सेट के दौरान उचित फॉर्म बनाए रखने में असमर्थ हैं, या आपको दर्द महसूस होता है तो ऐसे में वह वजन आपके लिए बहुत अधिक हो सकता है. इसके विपरीत, अगर आप चैलेंज महसूस किए बिना अपने सेट को पार कर जाते हैं, तो हो सकता है कि आप बहुत ज्यादा वेट उठा रहे हों.

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स्पेसिफिक एक्ससरसाइज और मसल ग्रुप

एक्ससरसाइज और काम किए जा रहे मसल ग्रुप के आधार पर जो वजन होगा वह अलग-अलग होगा. बड़े मसल ग्रुप, जैसे कि आपके लेग्स और बैक, आमतौर पर छोटे मसल्स, जैसे कि आपकी आर्म्स और शोल्डर्स की तुलना में भारी वजन संभाल सकते हैं. ऐसे में स्पेसिफिक एक्ससरसाइज और टार्गेटेड मसल ग्रुप के आधार पर वेट को एडजस्ट करना काफी जरुरी है.

रिपिटेशन मैक्सिमस का करें इस्तेमाल

अगर आप सही वेट का अनुमान लगाना चाहते हैं तो ऐसे में एक सही तरीका है कि आप किसी भी हैवी वेट से कम से कम एक रिपिटेशन लगा सकें. आम भाषा में इसे वन रेप मैक्स भी कहते हैं. इसके लिए आपको ध्यान में रखना होगा कि आप किसी भी वर्कआउट को कम से कम एक बार परफॉर्म जरूर कर पा रहे हों. आपकी जानकारी के लिए बता दें जो वन रेप मैक्स है वह बिगनर्स के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है क्योंकि ऐसे करने से उन्हें चोट लगने की जो संभावना होती है वह काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

प्रोग्रेस को करें मॉनिटर

अगर आप रेगुलर बेसिस पर ट्रेनिंग करते हैं तो ऐसे में हम आपसे उसे ट्रैक करने की सलाह देंगे। एक ट्रेनिंग रिकॉर्ड रखना एके लिए काफी जरुरी साबित हो सकता है. वर्कआउट के दौरान आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले वेट, परफॉर्म किए गए रिपिटेशन और सेट की संख्या और वर्कआउट कितना चैलेंजिंग था, इस पर रिकॉर्ड करें. यह जानकारी आपको वजन कब और कितना बढ़ाना है इसके बारे में फैसला लेने में आपकी मदद कर सकता है. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए सही वजन निर्धारित करना एक डायनेमिक प्रोसेस है जिसमें आपके फिटनेस टार्गेट्स, स्टार्टिंग पॉइंट्स और आपके प्रोग्रेस और बॉडी के रिएक्शन की निरंतर निगरानी पर विचार करने की जरुरत होती है.

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