Shardiya Navratri: मां दुर्गा की साधना और स्तुति के नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि इस बार 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2023 तक है. हम आपको बताएंगे नवरात्रि में दुर्गासप्तशती या रामचरित मानस, रामायण जैसे ग्रंथों के पठन के माध्यम से हम कैसे अपने शारीरिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं, मानसिक तनाव को कैसे कम कर सकते हैं, और झूठ, दंभ, कपट जैसे दोषों से कैसे मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं.
हम यह भी जानेंगे कि भोजपत्र का उपयोग कैसे करके हम अपने धन, शिक्षा और व्यापार में वृद्धि प्राप्त कर सकते हैं, और कैसे हम मां की आशीर्वाद से बुरी नजर को दूर कर सकते हैं, और पति-पत्नी के बीच के मतभेद को भी सुलझा सकते हैं.
नवरात्रि के नौ दिनों में विद्यार्थियों को कैसे माता सरस्वती की आराधना करनी चाहिए और कैसे हम अपने विद्यार्थी जीवन को सफल बना सकते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में विद्यार्थियों को माता सरस्वती की आराधना करनी चाहिए. कई बार विद्यार्थी मेहनत करते हैं, लेकिन परीक्षा के समय उन्हें विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं.
इसलिए, सप्तमी तिथि को बच्चों को भोजपत्र पर अनार की कलम से केसर की स्याही बनाकर निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए: “ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं सरस्वत्यै नमः.”
Also Read: Panchak Kaal: पंचक काल में अगर मृत्यु हो तो कैसे करें दाह संस्कार, जानें अशुभ प्रभाव को दूर करने का उपायधन वृद्धि के लिए नवरात्रि के नौ दिनों तक मातारानी के ऊँ ह्रीं ह्रीं ह्रीं महा मातंगी प्रचिती दायिनी, लक्ष्मी दायिनी नमो नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. भोजपत्र पर केसर की स्याही से दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम लिखें. फिर उन नामों का उच्चारण करते हुए आहुति दें. हवन के बाद भोजपत्र को चांदी में जड़वाकर तिजोरी में रखें.
नवरात्रि में भोजपत्र पर केसर से ‘श्रीं’ का चिह्न बनाकर रोजाना “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः” मंत्र का जाप कर पूजा करें और नवमी के दिन इस भोजपत्र को अपने धन के स्थान में रखें. इससे आपके व्यापार में तरक्की होगी और बुरी नजर से सुरक्षा मिलेगी.
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