यदि आप अपने फुरसत के पलों में पढ़ना पसंद करते हैं, तो निश्चित तौर पर लाइब्रेरी का वातावरण आपको पसंद आयेगा. वैसे तो किंडल या टैबलेट के जरिये भी बहुत सी बुक्स को पढ़ा जा सकता है, परंतु एक विशाल लाइब्रेरी में बैठकर पुस्तक पढ़ने का आनंद ही अलग है. यदि आप पढ़ने के शौकीन हैं और कहीं घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो बच्चों को भारत की कुछ अत्यंत पुरानी व Iconic library अवश्य लेकर जाएं. यहां की बुक्स, शांत वातावरण, आर्किटेक्चर देखकर केवल आप ही नहीं, आपके बच्चे भी मंत्रमुग्ध हो जायेंगे. हमारे देश में उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक ऐसे पुस्तकालय उपलब्ध हैं जिन्होंने बहुत से लोगों को प्रेरित किया है. आइए, भारत के कुछ ऐसे ही प्रतिष्ठित पुस्तकालयों में से एक सरस्वती महल लाइब्रेरी के बारे में जानते हैं इस बार. यहां जाकर आप बहुत अच्छा महसूस करेंगे.
सरस्वती महल लाइब्रेरी
तमिलनाडु के तंजौर स्थित सरस्वती महल लाइब्रेरी को एशिया की सबसे पुरानी लाइब्रेरी में से एक माना जाता है. इसे तंजावुर महाराजा सरफोजी सरस्वती महल लाइब्रेरी के नाम से भी जाना जाता है. इसका निर्माण नायक और तंजावुर मराठा शासकों द्वारा किया गया है और यह दुनिया के कुछ बचे हुए मध्यकालीन पुस्तकालयों में से एक है. इस पुस्तकालय में विभिन्न भाषाओं में पेपर और ताड़ के पत्तों की 49,000 से अधिक दुर्लभ पांडुलिपियों का संग्रह है. ये पांडुलिपियां संस्कृत, तमिल, तेलुगु, मराठी और मणिप्रवलम जैसी भारतीय भाषाओं में लिखी गयी हैं.
लाइब्रेरी के एक भाग में म्यूजियम भी है
सरस्वती महल के बड़े हॉल में लाइब्रेरी सेक्शन के अतिरिक्त म्यूजियम भी है, जहां आप अनेक पुराने और दुर्लभ संग्रहों को देख सकते हैं, जैसे पुराने मेडिकल मैनुअल, रामायण, महाभारत और अन्य संस्कृत लेख. सरस्वती महल के हॉल में आप देवी सरस्वती की मूर्ति, राम पट्टाभिषेकम की एक बड़ी तस्वीर, गणेश और लक्ष्मी की अद्भुत पेंटिंग, कई तंजौर मराठा राजाओं के लघु चित्र और सरफोजी द्वितीय के दो विशाल चित्र भी देख सकते हैं. यह पुस्तकालय आम जनता के लिए सुलभ है. यहां जो भी उपलब्ध है, उसके बारे में शीघ्रता से जाना जा सके, इसके लिए लाइब्रेरी कैटलॉग को कंप्यूटर पर सेव किया जा रहा है. इतना ही नहीं, यहां के अधिकारी पुस्तकालय की पांडुलिपियों को डिजिटाइज करने की योजना भी बना रहे हैं, ताकि पांडुलिपियों को सुरक्षित रखने के साथ ही अधिकाधिक लोगों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित की जा सके. पुस्तकालय का समय सुबह 10.00 बजे से दोपहर 01.00 बजे तक और दोपहर 1.30 बजे शाम 5.30 बजे तक है.
ऐसे जाएं तंजावुर
सड़क मार्ग से : तंजावुर तमिलनाडु के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह कनेक्टेड है. आप चेन्नई या दूसरे नजदीकी शहर से बस लेकर तंजावुर जा सकते हैं. वहां बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो-रिक्शा लेकर लाइब्रेरी पहुंच सकते हैं.
हवाई मार्ग से : तंजावुर से तिरुचिरापल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट मात्र 50 किलोमीटर दूर है.
रेल से : तंजावुर रेलवे स्टेशन लगभग दो किलोमीटर दूर है.