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Skin Care : चमकदार त्वचा पाने के लिए बार-बार करवाती हैं ब्लीच, तो उठाने पड़ सकते हैं नुकसान

ब्लीच का इस्तेमाल अक्सर लोग चेहरे के बालों को हटाने और त्वचा की रंगत को बरकरार रखने के लिए कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट के रूप में करते हैं. मगर नियमित रूप से चेहरे पर ब्लीच लगाने से काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

Skin Care: हर किसी की दिली ख्वाहिश होती है कि वह देखने में खूबसूरत और आकर्षक दिखे. इसके लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं. कोई घरेलू नुस्खों को आजमाता है, तो कोई बेहतर जीवनशैली का पालन करता है. चमकदार और दमदार चेहरे पाने के लिए ब्लीचिंग भी एक कारगर तरीका है. ब्लीच का इस्तेमाल अक्सर लोग चेहरे के बालों को हटाने और त्वचा की रंगत को बरकरार रखने के लिए कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट के रूप में करते हैं. मगर नियमित रूप से चेहरे पर ब्लीच लगाने से आपकी त्वचा पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रभाव पड़ सकते हैं. क्योंकि, ब्लीच में कई तरह के हानिकारक केमिकल मौजूद होते हैं. ब्लीच का लगातार इस्तेमाल करने से चेहरे पर कई दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. जानिए चेहरे पर नियमित ब्लीचिंग से आखिर क्या-क्या नुकसान उठाने पड़ सकते हैं.

अल्पकालिक दुष्प्रभाव

जलन और लालिमा

ब्लीच में हाइड्रोजन पेरोक्साइड और अमोनिया जैसे खतरनाक रसायन मौजूद होते हैं. ब्लीच का इस्तेमाल करने से त्वचा में जलन, लालिमा और सूजन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील है, उन पर इसका दुष्प्रभाव अधिक देखने को मिलता है.

एलर्जी

संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के चेहरे पर ब्लीच लगाने से उसमें मौजूद हानिकारण केमिकल की वजह से एलर्जी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही खुजली, सूजन, रैशेस जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं. इसलिए किसी भी तरह के साइड इफेक्ट को जांच-परखने के लिए संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को ब्लीच का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करना चाहिए.

ड्राइनेस और रुखापन

ब्लीच त्वचा से उसके नेचुरल ऑयल को छीन लेता है, जिससे त्वचा की नमी खत्म हो जाती है. इसकी वजह से ड्राइनेस और रुखापन जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इससे त्वचा शुष्क और खुरदरी दिखायी पड़ने लगती है. खासकर उस वक्त, जब आप शरीर को हाइड्रेट रख पाते हैं.

हाइपरपिग्मेंटेशन

चेहरे पर ब्लीच का नियमित इस्तेमाल करने से हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण बन सकता है, जहां त्वचा के पैच आसपास के क्षेत्रों की तुलना में गहरे हो जाते हैं. ब्लीच में मौजूद हानिकारक रसायनों के साइड इफेक्ट के कारण त्वचा में मेलेनिन का उत्पादन बढ़ जाता है.

केमिकल बर्न

गंभीर मामलों में या जब ब्लीच को बहुत लंबे समय तक चेहरे पर छोड़ दिया जाता है, तो यह त्वचा पर केमिकल बर्न जैसी परेशानी हो सकती है. इसकी वजह से दर्दनाक छाले, छिलने और यहां तक ​​कि घाव हो सकते हैं. ऐसे में इन घावों को ठीक करने के लिए डॉक्टर की मदद लेनी पड़ सकती है.

दीर्घकालिक प्रभाव

त्वचा की संवेदनशीलता

फेशियल ब्लीच में मौजूद रसायनों के लंबे समय तक चेहरे पर लगाकर रखने से आपकी त्वचा संवेदनशील हो सकती है, जिससे समय के साथ जलन और एलर्जी होने का खतरा बढ़ सकता है.

त्वचा पतला होना

ब्लीच में ऑक्सीकरण एजेंट मजबूत होते हैं, जो समय के साथ त्वचा की बाहरी परत को पतला कर सकते हैं, जिससे यह यूवी विकिरण और प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय कारकों से अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. त्वचा के पतले होने से चोट लगने और चोट लगने का खतरा भी बढ़ सकता है.

समय से पहले बुढ़ापा

चेहरे के ब्लीच में मौजूद रसायन त्वचा के कोलेजन और इलास्टिन फाइबर को कम करके उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं, जिससे महीन रेखाएं, झुर्रियां और त्वचा ढीली हो सकती है. ब्लीच के लगातार उपयोग से समय से पहले बुढ़ापा आ सकता है, जिससे त्वचा पहले से अधिक बूढ़ी दिखने लगती है.

ब्लीचिंग से जुड़े नुकसान से बचने के लिए करें ये काम

सीमित इस्तेमाल करें : ब्लीच का सीमित इस्तेमाल करें. सप्ताह में एक बार से ज्यादा ब्लीच का इस्तेमाल करने से त्वचा को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
माइल्ड फॉर्मूले चुनें : चेहरे को ब्लीच करने वाले ऐसे उत्पादों का चयन करें, जिनमें हल्के फॉर्मूलेशन होते हैं. साथ ही ऐसे उत्पाद, जिनमें केमिकल की मात्रा कम हो.

पैच टेस्ट करें : किसी भी तरह के साइड इफेक्ट से बचने के लिए अपने चेहरे पर ब्लीच लगाने से पहले हमेशा त्वचा के एक छोटे से क्षेत्र पर पैच टेस्ट करें.

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